The Almanack of Naval Ravikant

The Almanack of Naval Ravikant (हिन्दी)

अमीर बनना सिर्फ किस्मत की बात नहीं है; खुशी सिर्फ एक गुण नहीं है जिसके साथ हम पैदा हुए हैं। ये aspirations पहुंच से बाहर लग सकती हैं, लेकिन building wealth और खुश रहना ऐसे skills हैं जिन्हें हम सीख सकते हैं। Eric Jorgensen ने इस शानदार किताब "The Almanack of Naval Ravikant" में ठीक यही सिखाया है। Wealthy बनने के लिए आवश्यक skills पर इस किताब में विस्तार से चर्चा की गई है ताकि आप भी wealthy की title प्राप्त कर सकें!

आज हम Eric Jorgenson द्वारा लिखी गई किताब, The Almanack Of Naval Ravikant, के बारे में बात करने वाले हैं। अमीर बनना सिर्फ किस्मत के बारे में नहीं है; खुशी केवल एक गुण नहीं है जिसके साथ हम पैदा हुए हैं। ये आकांक्षाएं पहुंच से बाहर लग सकती हैं, लेकिन wealth को build करना और खुश रहना, ऐसे skill हैं, जिन्हें हम सीख सकते हैं। तो ये skills क्या हैं, और हम इन्हें कैसे सीखते हैं? वे कौन से सिद्धांत हैं, जो हमारे प्रयासों को दिशा देते हैं? प्रगति वास्तव में दिखती कैसी है?

Naval Ravikant एक उद्यमी, दार्शनिक और निवेशक हैं, जिन्होंने धन को बनाने और दीर्घकालीन (long term) सुख का निर्माण करने के अपने सिद्धांतों से, दुनिया को प्रभावित कर लिया है। The Almanack Of Naval Ravikant, ​Naval के पिछले 10 साल के, ज्ञान का संग्रह और अनुभव है। ये एक how to book या step by step scheme नहीं है। इसके बजाय, नौसेना के खुद के शब्दों के माध्यम से आप सीखेंगे, कि एक सम्मानित, समृद्ध जीवन की ओर, अपने अद्वितीय पथ पर कैसे चलें ।

इस पूरी summary को हम दो part में चर्चा करेंगे। जिसमें हम सबसे पहले detail में जानेंगे, wealth के बारे में और उसके बाद हम खुशी के बारे में जानेंगे।

धन

The Almanack of Naval Ravikant

Wealth और money में क्या अंतर है। Money वो है, कि हम किस तरह अपनी wealth को transfer करते हैं। Money society से कमाए हुए credits होती है। Wealth वो चीज़ है, जो हम सब चाहते हैं। Wealth ऐसी assets होती है, जो आपको सोते-सोते भी पैसे देते हैं। Wealth एक computer program भी है, जो रात को भी काम करता है। यहां तक ​कि bank में पड़े पैसे भी wealth है। तो जो wealth की definition है, वो है business और assets, जो आपके सोते सोते भी पैसे कमा रहे होते हैं।

Specific knowledge को ढूंढे और उसे build करें। विशिष्ट ज्ञान सीखी नहीं जा सकती, लेकिन उससे सीखा जा सकता है। जब Naval specific knowledge की बात करते हैं, तो उनका मतलब है, कि वो चीज जानना, जो आप अपने बचपन या अपने teens में, बिना किसी प्रयास के कर रहे। कोई ऐसी चीज, जिसे आपने skill समझा ही नहीं, लेकिन आपके आस पास के लोगों ने notice किया।

आपकी मां या आपके best friend को आपकी specific knowledge के बारे में पता होगा। विशिष्ट ज्ञान एक संयोजन है, आपकी unique आदतों का, जो आपके DNA में है, आपकी अनूठी (unique) परवरिश का और आपका इन सभी चीजों के लिए प्रतिक्रिया का। ये आपकी व्यक्तित्व और पहचान के अंदर मिली होती है।

पहला इंसान, जिसने Naval की विशिष्ट ज्ञान को point out किया था, वो थी उनकी मां। ये वो समय था जब Naval 16 साल के और वो अपने दोस्तों को कह रहे थे, कि वो एक astrophysicist बनेंगे और उनकी मां ने कहा “नहीं, तुम business में जाओगे”। Naval ने कहा “ये मेरी मम्मी क्या कह रही है, मैं business में जाऊंगा?”

उनकी मां को पता था, कि वो क्या कह रही थी, क्योंकि उन्होंने अपने बेटे को बिल्कुल पास से notice किया था। Specific knowledge अपने अंदर के talent को और अपनी genuine curiosity को pursue करके आती है। ये ऐसा नहीं है, कि जो भी career trendy हो उसमें चले गए या जो भी business investors कह रहे हैं, उसमें चले गए।

The Almanack of Naval Ravikant Summary

अगर आपने कभी अपने पैसे को invest किया है, या फिर कभी finance के बारे में कुछ पढ़ा है, तो आप इस शब्द के सामने जरूर आए होंगे – “compounding।” Compound interest सिर्फ finance की दुनिया में ही नहीं, बल्कि जिंदगी की हर जगह पर इस्तेमाल होता है। जिंदगी में सारे returns, चाहे ज्ञान में हो, रिश्तों में हो या wealth में हो, compound interest से ही आते हैं।

इसके सबूत के लिए आप समाज के सबसे बड़े roles को देख सकते हैं, कि क्यों कोई इतनी बड़ी company का CEO है, या कोई इतने करोड़ रुपये को कैसे संभाल रहा है। इसका जवाब है, कि लोग उन पर विश्वास करते हैं। उनके ऊपर इसलिए विश्वास किया जाता है, क्योंकि उन्होंने जो रिश्ते बनाए हैं, वो compound हो गई है, मतलब 10 गुना या 20 गुना हो गई है।

जवाबदेही (accountability) लेना: अमीर बनने के लिए आपको leverage की जरूरत होगी। Leverage श्रम हो सकता है, पैसा हो सकता है, code या media हो सकता है। लेकिन इनमें से काफ़ी सारी चीजें, लोगों को आपको देनी पड़ेगी। इनमें से कुछ चीज़ें जैसे labor या capital को लेने के लिए, आपको लोगों को विश्वास दिलाना होगा और यहीं पर जवाबदेही का concept आता है।

जवाबदेही एक दो धारी तलवार के जैसी है। जब चीज़ें अच्छी चलती है, तो आप credit ले सकते हैं, लेकिन अगर चीज़ें सही से नहीं चलती, तो आपको असफलता को अपने नाम पर लेना होगा ।

मतलब सब negative आपको ही सुनना पड़ेगा। हम अब भी अपने नाम पर public में fail ना होने के लिए, socially hard wired हैं। जिन लोगों के पास public के आगे fail होने की काबिलियत होती है, वो असल में बहुत power gain करते हैं। लोगों को और भी जवाबदेही लेनी चाहिए, क्योंकि modern society में downside उतना ज्यादा नहीं है। यहां तक ​​की, एक अच्छे ecosystem में, personal bankruptcy भी खत्म हो जाती है।

किसी business में equity बनाएं या खरीदे। किसी business में equity को own करना, अमीर बनने के लिए क्यों जरूरी है? इसका जवाब है, मालिक बनना vs नौकरी करना। अगर आपको पैसे, अपने समय को देकर मिलते हैं, भले ही आप वकील हो या doctor हो, आप थोड़े पैसे तो कमा लेंगे, लेकिन आप वो पैसे नहीं कमा पाएंगे, जो आपको आर्थिक रूप से मुक्त कर सकेंगे। आपके पास passive आय नहीं होगी और आप सोते सोते पैसे नहीं कमा पाएंगे। बिना ownership के, आपके output, आपके inputs के साथ बारीकी से बंधे हैं ।

लगभग हर salary job, जिनमें भले ही ज्यादा salary हो, जैसे वकील या doctor, आप तब भी जितने घंटे काम करेंगे, आपको उतने ही पैसे मिलेंगे। अगर आप उन doctors को देखते हैं, जो अमीर हुए हैं, हमारा मतलब असली अमीर, वो इसलिए हुए हैं क्योंकि उन्होंने एक business open किया है। उन्होंने अब निजी practice शुरू कर दी है। और या फिर वो किसी तरह का medical device बनाते हैं या कोई बौद्धिक संपदा (intellectual property) बनाते हैं ।

Leverage करने की स्थिति ढूंढे: हम unlimited leverage की उम्र में रह रहे हैं और अगर आप अपनी वास्तविक जिज्ञासा को follow करेंगे, तब आप बहुत पैसे कमा सकते हैं। अपनी वास्तविक बौद्धिक जिज्ञासा (intellectual curiosity) को follow करना, आपके career के लिए ज्यादा अच्छा है, ना कि उस चीज को follow करना, जो कि आज पैसे बना कर दे रही है। आपको कुछ ऐसी चीज करनी आना चाहिए, जब वो मांग (demand) में होगी, और दूसरे लोग उसे करना नहीं जानते हो।

कुछ ऐसे उत्पाद या सेवा के बारे में सोचें, जो समाज को चाहिए, लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि उसे पाएं कैसे। जैसे 2007 में Steve Jobs ने देखा, कि लोगों को smart phone की जरूरत है, लेकिन लोगों को ये नहीं पता कि उसे बनाएं कैसे। आप बस अपनी skill को develop करते रहें और उस समय का इंतजार करें, जब दुनिया में कुछ नया आए, उन्‍हें जिस skill की जरूरत है वो आपके पास हो। आप तब तक अपना नाम और अपना brand, you tube पे, twitter पे, Instagram पर बनाओ। क्योंकि जब समय आएगा, तब आप उसी चीज़ को maximum leverage के साथ कर पाएंगे।

Leverage के 3 broad classes है:

Leverage का पहला रूप है, श्रम- जहां दूसरे लोग आपके लिए काम करते हैं। ये सबसे पुरानी form of Leverage है और इस modern world में, उतनी ज्यादा अच्छी नहीं है। दूसरे लोगों को manage करना बहुत मुश्किल है, इसके लिए बहुत अच्छी leadership skills की जरूरत होती है ।

दूसरा leverage, Money Leverage का एक अच्छा form है। इसका मतलब है, कि जब आप कोई भी फैसला लेते हैं, तो आप उसे पैसे से multiply करते हैं। पैसे को manage करना, लोगों को manage करने से आसान है।

और Leverage का अंतिम रूप है- सबसे लोकतांत्रिक (democratic) रूप- ये है: “जिनको दोहराने में पैसे नहीं लगते” इसके अंदर किताबें, media, movies, code आते हैं। एक developer ने app बनाया और अब वो हमेशा के लिए चलता ही जा रहा है। एक YouTuber ने video एक बार बनाया और अब उसे करोड़ों लोग देख रहे हैं ।

The Almanack of Naval Ravikant Book

बेचना सीखो, बनाना सीखो। अगर आप दोनो कर सकते हैं, तो आपको कोई नहीं रोक सकता। ये दोनों 2 अलग – अलग श्रेणियां हैं। एक है उत्पाद बनाना, ये मुश्किल है। इसके अंदर design आ सकता है; development आ सकता है; manufacturing आ सकती है। हर एक industry में builder की परिभाषा अलग होती है। जैसे tech industry में CTO होता है।

Laundry business में वो होता है, जो कि laundry service दे रहा है। दूसरी श्रेणी है बिक्री, बेचना एक काफ़ी बड़ी term है। बेचने का मतलब सिर्फ ग्राहकों को बेचना ही नहीं होता। इसका मतलब marketing भी हो सकता है, इसका मतलब बात-चीत करना भी हो सकता है। ये एक बड़े छाते के जैसा है।

2 मौलिक खेल होते हैं जो लोग अपनी जिंदगी में खेलते हैं। पहला है पैसों का खेल। Money game लोग इसलिए खेलते हैं, क्योंकि पैसा आपकी सारी समस्या तो solve नहीं करता, लेकिन वो आपकी money problems solve करता है। लेकिन उसी समय, काफ़ी सारे लोग, जो अंदर ही अंदर ये मानते हैं, कि वो पैसे नहीं कमा सकते। वो कोई भी wealth creation होने देना ही नहीं चाहते।

तो वो पूरी enterprise को attack करके कहते हैं कि- “पैसा कमाना बेकार है। हमें ये सब नहीं करना चाहिए।” लेकिन वो दूसरा game खेल रहे होते हैं, जिसे status game कहते हैं।

Status एक zero – sum game है, मतलब इससे किसी को फायदा नहीं होता। ये काफ़ी पुराना game है, हम इसे जंगलों के समय से खेलते आ रहे हैं। कौन नंबर 1 आया? कौन नंबर 2 आया? कौन नंबर 3 आया? और नंबर 3 को नंबर 2 पर जाने के लिए, नंबर 2 को हटाना होगा। Status game में दिक्कत ये है, कि आपको जीतने के लिए किसी और को नीचे गिराना पढ़ता है ।

ऐसा काम ढूंढो, जो खेल की तरह लगे। हम शिकारी की तरह जीते थे और तब हम सब अपने लिए काम करते थे। लेकिन कृषि आने के बाद, हम धीरे-धीरे status game में घुसने लगे। औद्योगिक क्रांति (industrial revolution) और factories ने हमें और श्रेणीबद्ध (hierarchical) बना दिया, क्योंकि हर इंसान तो अपनी factory नहीं चला सकता। लेकिन अब, internet की वजह से, हम उसी समय में फिर से वापस जा रहे हैं, जहां ज्यादा से ज्यादा लोग, खुद के लिए काम कर सकते हैं।

The Almanack of Naval Ravikant Hindi

आपका पैसे के लिए प्यार: पैसा सारे फसाद की जड़ नहीं है; पैसे में कोई बुरी बात ही नहीं है। लेकिन पैसे से प्यार करना और बस पैसे की ही रट लगा कर बैठना बुरा है। ये इसलिए बुरा नहीं है, कि आपको समाज क्या कहेगा। ये आपके लिए बुरा है। पैसे से प्यार करना इसलिए बुरा है, क्योंकि ये प्यार कभी खत्म नहीं होगा।

अगर आप पैसे से प्यार करते हैं और आप उसे कमा लेते हैं, तब आपके लिए कभी काफी नहीं होगा। आपके पास कभी enough इसलिए नहीं होगा, क्योंकि ये जो पैसों की चाह है, वो किसी नंबर पर जाकर खत्म नहीं होती है। जब आप पैसे कमाते हैं, तब आप और पैसे चाहते हैं, और फिर आपको डर लगता है, कि कहीं आप वो पैसे खो ना दें। इस पैसे के constant प्यार से दूर रहने का सबसे अच्छा तरीका है, जब-जब आप पैसे कमाते हैं, तब-तब अपनी lifestyle को upgrade ना करना ।

खुशी

हम हमेशा इसमें फंसे रहते हैं, कि “हमें ये चाहिए” या “हमें वो चाहिए”। खुशी एक ऐसी state है, जहां कुछ भी missing नहीं होता। मतलब आपको जो भी चाहिए, जितना चाहिए, वो आपके पास होता है। जब आपके पास कुछ भी missing नहीं होता, तब आपका दिमाग शांत हो जाता है और बीते हुए कल पर पछतावा करना और आने वाले कल के लिए plan बनाना बंद कर देता है ।

लोग गलती से ये मानते हैं, कि खुशी का मतलब सकारात्मक विचार और सकारात्मक कार्य होता है। लेकिन ऐसा नहीं है। खुशी सकारात्मक विचारों के बारे में नहीं है, ये ना ही नकारात्मक विचार के बारे में है। खुशी का मतलब, इच्छाओं का ना होना है, खासकर बाहरी चीज़ों की इच्छाओं का।

खुशी को मौजूदगी (presence) की जरूरत होती है: किसी भी समय जब आप चल रहे होते हैं, तो आपके दिमाग का काफ़ी कम प्रतिशत, वर्तमान क्षण में होता है। बाकी का दिमाग या तो बीते हुए कल के बारे में सोच रहा होता है, या आने वाले कल के लिए plan कर रहा होता है।

इसकी वजह से आपको असली अनुभव नहीं हो पाता है। ये आपको आपके आस-पास की हर चीज में सुंदरता देखने से रोक रहा है और आप जहां पर भी हैं, उस पल के लिए आप कभी आभारी भी नहीं हो पाएंगे। अगर आप बस भविष्य के बारे में ही सोचते रहें, तो आप सच में अपनी सारी खुशियों को खत्म कर लेंगे ।

आज हम नई car लाए: अब मैं car का घर पे आने का इंतजार कर रहा हूं, और हर रात हम उस कार के बारे में, हर जगह पढ़ते रहेंगे। ये सब हम क्यों करते हैं? क्योंकि वो बस एक car है, जो हमारी जिंदगी में ना के बराबर मदद करने वाली है। हमें पता है, कि जैसे ही car घर पर आएगी, हम उसके बारे में सोचना बंद कर देंगे। बात ये है कि हम बाहरी चीजों के आदी हो चुके हैं ।

और हम ये सोचने लगे हैं, कि बाहर की चीज से, हमें खुशी मिलेगी और ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। “मैं, तब खुश हो जाऊंगा जब मुझे वो चीज मिल जाएगी” फिर भले ही वो चीज कुछ भी हो। ये बहुत बड़ी गलती है, जो हम पूरे दिन करते रहते हैं।

इंसान की सारी परेशानी इसीलिये आती है, क्योंकि वो शांति से एक कमरे में भी नहीं हो सकता। अगर आप शांति से 30 मिनट के लिए ही बैठ सकते हैं और खुश रह सकते हैं, तो आप सफल हैं। ये काफी ताकतवर जगह होती है, लेकिन यहां पर कुछ ही लोग पहुंच पाते हैं। अगर आप अंदर और बाहर शांत है, तो इसकी वजह से आपको खुशी मिलेगी।

मुझे ऐसा नहीं लगता कि जिंदगी मुश्किल है, बल्की हमने इसे मुश्किल बना दिया है। Naval के लिए जलन के emotion से ऊपर उठना, काफी मुश्किल था। ये एक जहरीला emotion है, क्योंकि दिन के अंत में, आपको जलन से छुटकारा नहीं मिला। और आप जिसे देख कर जल रहे हैं, उसे भी कोई फर्क नहीं पड़ा। वो आज भी सफल है, और अच्छे दिख रहे हैं ।

खुशी भी एक skill है, जैसे nutrition एक skill है, dieting एक skill है, fit होना skill है, पैसे कमाना skill है। वैसे ही खुशी भी एक skill है। ये वो चीज नहीं है, जिसके साथ आप पैदा होते हैं। अब कोई खुशी की skill को कैसे build कर सकता है? आप अच्छी आदतें बना सकती हैं और वो आपको खुशी देने में मदद करेंगे। चीनी ना खाना, आपके mood को स्थिर (stable) रख सकता है।

Alcohol ना पीना, आपके mood को और stable कर सकता है। और हां video game खेलना, आपको अभी तो खुशी दे सकता है, लेकिन long term देखा जाए तो, वो आपकी खुशी को खराब कर रहा है। मुख्य बात ये है, कि आपको अपनी उन बुरी आदतों को अच्छी आदतों के साथ बदलना होगा, जिन्हें आप बिना सोचे समझे करते हैं। दिन के अंत में, आप अपनी आदतों का और जिनके साथ आप सबसे ज्यादा समय बिताते है, उसका एक संयोजन (combination) है।

Naval यहां पर अपने एक persian दोस्त की बात बताते हैं, जिसका नाम है Behzad। वो जिंदगी से बहुत प्यार करता है और वो उन लोगों के साथ बिलकुल भी बात नहीं करता, जो खुश नहीं रहते। अगर आप Behzad से पूछेंगे, कि उसका secret क्या है, तो वो कहेंगे कि “क्यों पूछना बंद करो और वाह बोलना शुरू करो”। दुनिया इतनी गजब की जगह है। हम इंसान हर चीज को हल्के में लेते हैं।

देखो अभी मैं और आप क्या कर रहे हैं, हम सब अपने घर पर हैं, छत के नीचे हैं, आप ये summary पढ रहे हैं। हम दोनों तो 2 बंदर होते, जो किसी जंगल में बैठ कर, सूरज को डूबते हुए देख रहे होते। अगर आप present moment में रहेंगे, तो आप ये देख पाएंगे, कि हमारे पास हर समय कितने सारे gifts हैं। हमें बस यही करना है।

यहां पर Naval अपनी आदतें बताते हैं, जिनसे उन्हें खुशी हासिल करने में मदद मिली। सबसे पहली आदत है ध्यान। ध्यान का उद्देश्य है, कि दिमाग कैसे काम करता है? ध्यान का बस सरल सा मतलब है, कि हर एक पल के बारे में जागरूक रहना। मतलब अगर आप चल रहे हैं, तो चलने पर ध्यान देना। Naval ये भी कहते हैं, कि हर रोज workout करने से, वो और ज्यादा खुश इंसान बन गए। अगर आपके पास शरीर की शांति है, तो दिमाग को शांत करने में आसानी होगी।

The Almanack of Naval Ravikant English

अब हम लोग आदतें कैसे बदल सकते हैं? एक आदत को लें। उसके लिए इच्छाएं बनाएं, उसे visualize करें, उसके लिए एक रास्ता परिभाषित करें। Needs, triggers और substitutes को identify करें। अपने दोस्तों को बताएं और बहुत ज्यादा track करें।

जिंदगी की किसी भी स्थिति में, हमारे पास 3 choices होती है: या तो आप उस स्थिति को बदल सकते हैं, या आप उसे स्वीकार कर सकते हैं और या आप उसे छोड़ सकते हैं। अगर आप उस स्थिति को बदल सकते हैं, तो वो एक इच्छा होगी। जब तक आप उस स्थिति को बदलेंगे नहीं, तब तक वो आपको पीड़ित करेगी। उदाहरण के लिए, अगर कोई गरीब है, तो वो अमीर बनने की इच्छा करेगा और जब तक वो अपनी हालात को बदल नहीं देता, वो तब तक पीड़ित ही रहेगा।

जो अच्छा विकल्प नहीं है वो है, कि बैठ कर ये wish करना, कि आप इस स्थिति को बदलेंगे लेकिन उससे नहीं बदलना। आप उसे छोड़ना चाहते हैं, लेकिन छोड़ नहीं पा रहे हो। जो वाक्यांश Naval उपयोग करते हैं, वो बस एक ही शब्द है “स्वीकार करें।”

तो स्वीकृति होती कैसी है? ये बिल्कुल ठीक है, कि आपने जो किया है, उसका क्या result होगा। हमें हर समय वो नहीं मिलता, जो हम चाहते हैं, लेकिन कभी कभी ये best के लिए हो रहा होता है। जैसा गीता में लिखा है, जो भी हो रहा है, अच्छे के लिए हो रहा है। Acceptance के attitude को पाना काफ़ी मुश्किल है। तो यहां पर Naval अपने कुछ hacks share करते हैं, जिनसे उन्हें स्थितियों को स्वीकार करने में काफ़ी मदद मिली।

पहला hack है, पीछे मुड़ कर देखना, मतलब जब आप पर पहले ऐसी स्थिति आई थी, तो उसके बाद क्या हुआ था। पिछली बार जब आप business में fail हुए तब क्या हुआ? पिछली बार जब आपको स्वास्थ्य समस्याएं हुई, तब क्या हुआ? आप उस स्थिति से आई सुधार और विकास को देख सकते हैं।

वो एक और hack बताते हैं। जब कोई बुरी स्थिति आती है, तब वो अपने आप से पूछते हैं, किस स्थिति में क्या सकारात्मक है। ज्यादातर हर एक स्थिति में सकारात्मक होता है। अगर आप किसी स्थिति में positive नहीं ढूंढ पा रहे हैं, तब आप अपने आप से ये कह सकते हैं, कि “अब, universe मुझे कुछ नया सीखाने वाले है। अब मुझे शांति से उसकी बात सुननी है।

ध्यान करना इतना शक्तिशाली क्यों है? आपकी सांसे, उन जगहों में से एक है, जहां पर आपका automatic nervous system, voluntary nervous system से मिलता है। ये अनैच्छिक है, लेकिन आप इसे control भी कर सकते हैं। ध्यान दिमाग के लिए intermittent fasting है।

जैसे ज्यादा sugar से body heavy हो जाती है, वैसे ही ज्यादा distraction से mind भी heavy हो जाता है। जब हम अकेले, अबाधित (undistracted) अवस्था में समय बिताते हैं, तो इसकी वजह से हम mentally fat से fit हो जाते हैं। यहां पर Naval एक life hack देते हैं: जब बिस्तर में हो तब ध्यान करो, या तो गहरा ध्यान होगा या आप सो जाएंगे। दोनों चीजों से फायदा है।

आदत

मैं विशिष्ट लक्ष्यों (specific goals) में विश्वास नहीं करता। Scott Adams कहते हैं, “system set up करो goal नहीं।” अपने judgement को ये पता लगाने के लिए इस्तेमाल करें, कि किस तरीके के environment में, आप आगे बढ़ सकते हैं और फिर वैसा ही environment अपने आस पास बनाएं, जिसकी वजह से आप statistically succeed हो।

Naval कहते हैं, वो ग्रह के सबसे सफल इंसान नहीं बन पाएंगे और ना ही वो बनना चाहते हैं। वो बस अपना सबसे सफल version बनना चाहते हैं। वो इस तरीके से जीना चाहते हैं, कि अगर उनकी जिंदगी 1000 बार खेले, तो उसमें से 999 बार Naval सफल रहे। वो अरबपति नहीं है, लेकिन वो हर समय अच्छा करते हैं। उनको जिंदगी की हर एक पहलू में success नहीं मिली, बस उन्होंने system set up किए, जिस वजह से वो कुछ ही जगह fail हुए।

जब Naval जवान थे, तब वो freedom को बहुत ज्यादा value करते थे। Freedom उनकी core values में से एक थी, वो अब भी है। वो अब भी उनके top 3 value में है, लेकिन अब आजादी की परिभाषा अलग है। उनकी पूरी परिभाषा थी “स्वतंत्रता” स्वतंत्रता की, वो जो भी चाहें वो कर सके।

आजादी, वो करने कि जो आप चाहते हैं और जब आप चाहते हैं। अब जो वो आजादी चाह रहे हैं, वो है आंतरिक आजादी। ये है “freedom from।” प्रतिक्रिया से आजादी। गुस्सा होने से आजादी, दुखी होने से आजादी। अब वो “freedom from” ढूंढ रहे हैं, लेकिन वो पहले “freedom to” ढूंढ रहे थे।

उम्मीदों से आजादी: अगर आप दूसरे लोगों को hurt करते हैं, क्योंकि उन्होंने आपसे उम्मीदें लगा राखी हैं, तो वो उनकी समस्या है। अगर आपने उनके साथ कोई समझौता किया है, तब वो आपकी समस्या है। लेकिन अगर उनकी आपसे उम्मीदें हैं, तब वो पूरी उनकी समस्या है। इसका आपसे कुछ लेना देना नहीं है। उनकी life से काफी सारी उम्मीदें होंगी। जितनी जल्दी आप उनकी उम्मीदों को खत्म करें, उतना अच्छा है। अपने समय की value करो, यही आपके पास है।

ये आपके पैसे से भी ज्यादा जरूरी है, ये आपके दोस्तों से भी ज्यादा जरूरी है, ये हर एक चीज़ से ज्यादा जरूरी है। अपने समय को बर्बाद मत करो। इसका मतलब ये नहीं है, कि आप relax नहीं कर सकते। जब तक आप वो कर रहे हैं, जो आप चाहते हैं, तब तक वो एक समय की बर्बादी नहीं है। लेकिन अगर आप अपना समय उन चीजों को करने में, खर्च नहीं कर रहे हैं, जो आप चाहते हैं और ना ही आप कुछ कमा रहे हैं और ना ही कुछ सीख रहे हैं, तो आप कर क्या रहे हैं? दूसरे लोगों को खुश करने में अपना समय खर्च न करें ।

गुस्से से आजादी: गुस्सा क्या है? गुस्सा situation के ऊपर से control के ना होने का मतलब है। गुस्सा एक contract है, जो आप physical और mental pain में रहने के लिए अपने साथ करते हैं, वो भी तब तक, जब तक situation बदल नहीं जाती।

अनियंत्रित सोच से आजादी: एक बड़ी आदत जिसपे Naval काम कर रहे हैं वो है, वो है अपने “monkey mind” को बंद करना। जब हम बच्चे थे, तब हम एक blank state में थे। हम ज्यादतर present में रहते हैं। हम ऐसी जगह रहते हैं, जिसे Naval “real world” कहते हैं। बड़े होने से ख्वाहिशों की शुरुआत हुई। आप काफ़ी ज्यादा सोचने लगे, एक पहचान बनाने लगे और एक अहम् भी बनाने लगे ।

अगर आप कहीं जाते हैं और वहां पर हजार लोग हैं, एक दिया हुआ समय पर सब अपने से बात कर रहे होंगे। वो जिस भी चीज को देख रहे हैं, उसे लगातार judge भी कर रहे होंगे। वो fantasy की दुनिया में जी रहे होते हैं, कि कल क्या होने वाला है। ये समस्या हल करते समय, तो अच्छा हो सकता है, लेकिन Naval कहते हैं, कि ये हमारी खुशी के लिए काफी बेकार है। Naval के लिए मन एक सेवक और उपकरण होना चाहिए, ना कि एक master। उनका monkey mind उन्हें 24/7 control और drive ना करे ।

जीवन का अर्थ: ये काफी बड़ा सवाल है, कि जिंदगी का मकसद और मतलब क्या है? ये बड़ा सवाल है, इसलिए Naval ने इसके 2 जवाब दिए: पहला जवाब ये, कि ये personal है। आपको अपना मतलब खुद ढूंढना पड़ेगा। किसी भी तरीके का ज्ञान, आपको कोई भी देता हो, चाहे Buddha या Naval, आपको non sense ही लगेगा। इसलिए आपको ये खुद ढूंढ़ना पड़ेगा, तो जवाब जरूर नहीं है, सवाल जरूर है। आपको वहीं पर बैठ कर सवाल को खोदना पड़ेगा।

जब आपको वो जवाब मिलेगा, जिसके साथ आप खुश हैं, तब वो आपकी life से related होगा। दूसरा जवाब ये, कि life का कोई मतलब नहीं है। जीवन का कोई उद्देश्य नहीं है। Osho कहते थे, “ये पानी पे लिखने जैसा या रेत पर घर बनाने जैसा है” आप जो भी करेंगे वो खत्म हो जाएगा, जैसे कि ये ग्रह मिट जाएगा। यहां तक ​​के की group जो मंगल को colonize करेगा, वो भी मिट जाएगा। कोई भी आपको कुछ पीढ़ी बाद याद नहीं रखने वाला, भले ही आप एक कलाकार हो, एक कवि हो या कोई भी। इसका कोई भी मतलब नहीं है।

सभी Podcast platform पर भी हमारी summary, Kitabein नाम से उपलब्ध है, जिसे हाल ही में भारत का best educational podcast का award भी मिला है। Link ठीक निचे दिया हुआ है:

330 thoughts on “(हिन्दी Summary) The Almanack of Naval Ravikant by Eric Jorgenson”

  1. Thank you so much sir is summary ke liye i learned a lot of things from this summary.. And sachme ye book hume life k bahut sare aspects ke bare me bta rhi h. Chijo ke liye accountable hona.. And real mei money and wealth kya h kaise money se wealth create kr skte h.. And Money happiness nhi h.. Happiness kisi chij mei nhi h happiness to state of mind hai jo present mei h usme hai.. Naaki ye mil jaye wo mil jaye to mai khush ho jau.
    And happening ki jo hota h ache ke liye hi hota h… And freedom apni un thoughts actions se jo hume kuch acha nhi krne dete.. Fav. Line (stop asking why and start saying wow) being grateful

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  2. READING CHALLENGE :DAY2/28
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    Todays` Takeaways from this Book :

    1.·We can learn the skills to build wealth and being happy.

    2.·     Difference Between Wealth and Money :

    • Money is how we transfer wealth.
    • Money is social credit.
    • Wealth is the thing we all want.
    • Wealth is assets that you earn while you sleep.
    • Wealth is also the computer program running at night.
    • Wealth is even money in the bank.
    • So the wealth is businesses and assets that you earn while we sleep.

    3.To become rich, we need leverage. Leverage can be labor, can be capital or it can be code, or media.

    4.There are three broad classes of leverage :

    • Labor : ·     managing other people is incredibly messy; it requires tremendous leadership skills. 
    • money : managing money is more straightforward than managing people. 
    • Learn to sell, learn to build. If you can do both, you will be unstoppable.

    5. Money is not the root of all evil But the lust for money could be better.

    6. We are a combination of your habits and the people you spend the most time with.

    ·     “According to research by social psychologist Dr. David McClelland of Harvard, [the people you habitually associate with] determine as much as 95 percent of your success or failure in life.”

    

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  3. I just don’t have word’s for you sir A big thank you from they bottom of my heart. I’m an medical aspirant and most of the time I’m stressed and getting all that hate and criticism all that affected me in a way that i was so lost but with this initiative of yours i read every day i just feel relaxed and happy!! Learning alot everyday DAY 2 cmpltd!!

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