Autobiography of a Yogi

Autobiography of a Yogi (हिन्दी)

Autobiography of a Yogi - यह autobiography Paramahansa Yogananda की जीवन यात्रा का अनुसरण करती है और कैसे उन्होंने spiritual philosophies की खोज की और उन्हें दुनिया भर में अपने followers के सामने लाया। यह किताब आपको Paramahansa Yogananda के जीवन से परिचित करवाती है, जो उन्होंने 1946 में लिखा था, और पूर्वी और पश्चिमी दोनों दुनिया के spiritual figures के साथ उनका कैसे सामना हुआ।

Paramhansa Yogananda 13 mins read Spirituality Motivation Self Improvement

क्या कभी आपने सोचा है कि योगी का जीवन कैसा होता होगा? वह अपने followers के लिए spiritual philosophies का निर्माण कैसे करता होगा? और, ये spiritual philosophies हम जैसे आम लोगों की मदद कैसे करेंगे?

जवाबों के लिए आपका इंतजार आज खत्म हो गया।

क्योकि आज हम एक ऐसी किताब के बारे में बात करेंगे, जिसका Steve Jobs की जीवनी (biography) में भी जिक्र की गई है।जिसमें लिखा है, कि उन्हेंने Paramhans Yogananda की ये किताब “Autobiography of a Yogi” हर साल पढ़ी है। और सिर्फ इन्होंने ही नहीं, दुनिया के बहुत ही सफल लोगों ने भी इस किताब को पढ़ा और जिसको वो अपनी जिंदगी की सफलता में सबसे बड़ा योगदान मानते हैं। और इसीलिए, वो सभी, इस किताब को पढ़ने के लिए कहते भी हैं।

Jobs के बारे में अधिक जानने के लिए, कृपया “Steve Jobs” का summary पढ़ें। Link ठीक नीचे है:

जब Paramhans Yogananda ने अपनी जीवन का आखिरी वाक्य लिखा, तो उन्होंने कहा था, कि ये किताब लाखों लोगों की जिंदगी बदल देगी। ये मेरे चले जाने के बाद, मेरे दूत (messenger) के रूप में काम करेगी।

उनकी autobiography में उनकी life journey को दिखाया गया है, कि कैसे उन्होंने spiritual philosophies को ढूंढा और उन्हें विकसित किया, जिससे उन्हें पूरी दुनिया में follow किया गया। ये किताब reader को Paramhans Yogananda के जीवन से लोगों को जोड़ती है, जिसे इन्होंने 1946 में लिखा था, जिसमें उनके eastern और western दोनों world के, spiritual figures का वर्णन है।

इस किताब को आसानी से समझने के लिए हमने इस किताब को 7 अलग – अलग भाग में बांटा है। जिसमें सबसे पहले उनकी history और family के बारे में बताया गया है। उसके बाद वो अपनी यात्रा के दौरान किन महत्वपूर्ण लोगों से मिले। तीसरे भाग में, पुनर्जन्म यानी की reincarnation पर बात की गई है। फिर उनके spiritual journey के बारे में, डर का role, divine इच्छा की शक्ति और आखिरी भाग में, जो कि इस किताब का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, वहां Yogananda की सभी आध्यात्मिक शिक्षाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है। सुझाव ये है, कि इस summary को बहुत ही ध्यान से, और आराम से पूरा पढ़े।

भाग 1: Yogananda का परिवार और इतिहास

Paramhans Yogananda का जन्म, एक बंगाली हिंदू परिवार में, Mukund Lal Ghosh के घर में गोरखपुर, भारत में हुआ था। इनका जन्म 1893 में हुआ। उनके पिता एक विद्वान थे, जिन्होंने कई गुप्त ग्रंथ (secret texts), जिसमें भगवद गीता शामिल है, याद कर रखे थे। वो बताते हैं कि भारतीय संस्कृति, गुरु-शिष्य संबंध को सभी चीजों से ज्यादा महत्व देती है, क्योंकि ये ज्ञान और आध्यात्मिकता पर आधार होता है।

Yogananda का परिवार पूरी तरह से, इस परंपरा में घुली हुई है, उनका मानना था कि Yogananda एक प्रबुद्ध आत्मा है, जिन्होंने अपने बचपन के दौरान, अपने आप को कई रूप में प्रकट किया है।

जैसे वो जब सिर्फ 2 साल के थे, तब उन्होंने खुद को अपने पिछले जन्म में एक युवा योगी के तौर पर, कैलाश पर्वत पर Tibet में देखा था। जब Yogananda 4-5 साल के थे, तब ज्यादातर बच्चे बात नहीं करते थे, तभी उन्होंने कहा कि पिछले जन्म में वो क्या थे। इससे आस पास के लोगों का उन पर ध्यान गया।

Yogananda के पिताजी बंगाल नागपुर रेलवे में एक high rank पर थे। उनकी माताजी loving और kind थी, अपने बच्चों को सिर्फ प्यार के जरिए सिखाती थी। उनके माता-पिता अपने गुरु, Lahiri Mahasay के साथ काफ़ी deeply connect थे। जैसे- जैसे Yogananda बड़े हुए, उन्हें आध्यात्मिक अनुभव होते रहे। वो अपनी community के संत और गुरुओं को अपनी guidance के लिए ढूंढते रहे।

11 साल की उम्र में उनको ऐसे vision आए जैसे कि उनकी मां उनसे कह रही हो, कि वो अब मरने वाली है। कुछ ही समय बाद, वो मर जाती है और इससे Yogananda हिमालय में जाने के लिए मजबूर हो जाते हैं। वो अपने भाई से नहीं जाने के लिए convinced थे, लेकिन वो साथ ही एक गुरु को लगातार ढूंढ रहे थे, जो उन्हें बेहतर मार्गदर्शन कर सके।

जब Yogananda 17 साल के थे, वो एक गुरु से मिले। उनका नाम Shri Yukteshwar Giri था और उनसे मिलने से पहले Yogananda को उनके बारे में कई बार vision आया था। दोनों ने जब एक दूसरे को बनारस के बाजार में देखा, तो उनको एक दूसरे के लिए एक unconditional love feel हुआ।

Shri Yukteshwar ने Yogananda को कई पाठ सिखाए, जो सीखने में मुश्किल थे, पर लम्बे समय में फायदेमंद भी थे। हालांकि कभी-कभी जो Yukteshwar जी कहते थे, उसे समझ पाना मुश्किल होता था, Yogananda उनके पिछले जन्म के गुरु-शिष्य के मजबूत संबंध की वजह से, उन पलों को भी गले लगाते थे।

Autobiography of a Yogi

Shri Yukteshwar ने Yogananda को क्रिया-योग के कई सिद्धांत बताए, ये एक ऐसी योगिक साधना है, जो लोगों को प्रबुद्ध होने में मदद करती है। क्रिया-योग ऐसे ध्यान पर focus करती है, जिससे आप सांस के जरिए दिमाग, शरीर और आत्मा को एक कर सके। Yogananda ने खुद को इस अभ्यास (practice) को master करने के लिए और अपने गुरु के साथ पढ़ने के लिए समर्पित किया।

वहीं Yogananda काफ़ी practical भी थे और अपनी खुद की पढ़ाई पर भी focus किया करते थे। हालांकि Shri Yukteshwar उन्हें बताया करते थे, कि उन्हें भौतिक संसार में रहते हुए, इसके सभी पाठ, दृष्टिकोण और अवसर को, ज्ञानोदय (enlightenment) के लिए enjoy करने की जरूरत है। 1915 में, Serampore college से degree प्राप्त करने के बाद, जो कि एक British University थी, Shri Yukteshwar के आदेश पर, Yogananda ने सन्यासी जीवन की शपथ ली और तब वो Swami Yogananda Giri कहलाए।

Yogananda ने फिर अपनी आध्यात्मिक ज्ञान को, पूरी दुनिया के साथ share किया। 1917 में उन्होंने पश्चिम बंगाल में एक school खोला, जहां पर छात्र योग और पारंपरिक भारतीय आध्यात्मिकता सीख सकें। वो पहली बार 1920 में America गए, और अमेरिकियों ने भी इनकी शिक्षाओं को गले लगाया। उसी साल उनके अपने ideas को सभी जगह promote करने के लिए self-realization Fellowship (SRF) की Los Angeles में स्थापना की।

बीच में एक छोटी सी India visit के बाद, Yogananda ने अपना बाकी जीवन America में ही बिताया। उस समय में वो गांधी जी से मिले और उन्हें क्रिया योग से परिचित करवाया। Yogananda की जिंदगी और उनकी सीख इतनी universal थी, कि वो अपने जीवन शैली में, बहुत से मशहूर लोगों से मिले।

भाग 2: दलालु लोगों के साथ उनका मिलन

वो कई संतों से मिले जिसमें “perfume संत” भी शामिल है, जो किसी भी वक्त की खुशबू प्रकट कर सकते हैं, “Tiger swami”, जिन्होंने tiger के साथ लड़ाई की और उसे हराया, और “Levitating संत”, बहादुरी महासभा, जिन्होंने योगी बनने के लिए, अपनी अमीर परिवार को छोड़ दिया। लेखक “Shankari Mai Jiew” से भी मिले, ऐसी योगिनी जिनकी उम्र बहुत ज्यादा थी, और Nirmala Devi जिनको “आनंद से भरी मां” भी कहा जाता है और जिन्होनें अपना ज्यादा समय वक्त समाधि में बिताया।

Yogananda ने बंगाल में Giri Bala को ढूंढ़ने के लिए travel किया, ऐसी संत, जो खाना नहीं खाती थी और सिर्फ योग तकनीक की मदद से कई दशाकों से, बिना खाने के जिंदा रही, बिना किसी बीमारी के और ये चीज close observation से साबित भी की गई। इनके करीबी दोस्तों में, वैज्ञानिक Jagdish Chandra Bose, Rabindranath Tagore, Luther Burbank और Sri Ramana Maharshi भी शामिल थे।

भाग 3: पुनर्जन्म (Reincarnation)

Autobiography of a Yogi Book

यहां पर गुरु पुनर्जन्म के concept पर बात कर रहे हैं। उन्‍होंने कोई term तो use नहीं किया है, लेकिन readers के लिए कुछ खास उदाहरण के जरिए, इस idea को आसानी से समझाया है, और ये बताया है, कि ये चीज़ है एक सच है। ज्यादातर लोग जो पुनर्जन्म के concept को पहली बार सुनते हैं, वो इसे नकार देते हैं, या इसे गलत तरीके से समझ लेते हैं। जैसे आप लोगों से सुनते होंगे, कि अगर वो वापस इस दुनिया में आते हैं, तो वो एक पक्षी बनेंगे।

लेकिन Yogananda बताते हैं, कि पुनर्जन्म एक विकासवादी प्रगति का हिस्सा है, इसलिए, एक पक्षी बनकर आना एक devolution होगा, यानी की पीछे जाना होगा। कभी – कभी इंसान जानवर बनकर आते रहते हैं, लेकिन तब तक की वो, जानवरों की दुनिया के जरूरी पाठ नहीं सीख लेते।

धरती पर दोबारा आना, एक शरीर के अंदर योग दर्शन का, एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, और ये कर्म के साथ काम करता है, जो एक Bible अवधारणा “जैसे बोओगे वैसा काटोगे” पर आधारित है। Yogananda की अवधारणा की व्याख्या बहुत ही अच्छी है। वो अपने पाठकों को समझाने में मदद करते हैं, कि क्यों उनका जन्म इस धरती पर हुआ है, उनका सच्चा लक्ष्य क्या है और किस तरह वो इसे हासिल कर सकते हैं।

अधिकतर समय, नश्वर चिंताओं को पार करने के Yogananda के प्रयासों में, असुविधा या अप्री संवेदन का प्रबंधन शामिल था। जैसे कि उन्होंने लंबे उपवास के दौरान शिकायत न करने की प्रयास की, और ये सीख कि कैसे उनको काटने वाले मच्छरों और दुसरे कीड़े पर ध्यान दिए बिना ध्यान किया जाए। बेचैनी के पलों में, बजाय उनकी खुद की ज़रूरतों पर, भगवान के ऊपर focus करने को सीखने में, Yogananda ने बहुत मदद की।

उन्होंने महसूस किया, कि ऊंचा उठने का मतलब ये नहीं है, कि आप पूरी तरह से दुनिया को नकार दें, ये आपके प्रबुद्ध मन को जिम्मेदारी और चिंता के प्रति ध्यान के साथ संतुलन करने के बारे में है।

भाग 4: आध्यात्मिक यात्रा के माध्यम से उनकी सीख

इस भाग में उनकी आध्यात्मिक यात्रा की सीखो के बारे में बताया गया है, जो कि इस किताब का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।

आत्मबोध

शरीर में, दिमाग में और आत्मा में, हर चीज़ में भगवान विद्यमान है, हमें ये प्रार्थना करने की जरूरत नहीं है, कि हमें भगवान मिल जाए, भगवान सिर्फ हमारे आस पास नहीं है, लेकिन वो हम में हैं। हम उसका हिस्सा अभी भी उतना है, जितना हम हमेशा होंगे। हमें सिर्फ अपने ज्ञान में सुधार करना है।

Autobiography of a Yogi Summary

खुशियों का जीवन जीना

अपनी बोली में मधुरता लाके और sincerity से सही सलाह देकर, दूसरों को खुश करना, ये महानता की निशानी है। व्यंग्यात्मक शबदों, शकलों या सुझावों से, किसी और की आत्मा को ठेस पहुंचाना निंदनीय है।

वो अक्सर कहा करते थे, आपके पास जो है उसके साथ comfortable रहे। फिजूल-खर्च आपको बेचैनी ही देगा। अपने डर की आंखों में देखें और ये आपको परेशान करना बंद कर देगा। बीते कल को भूल जाए, क्योंकि ये आपके हाथ से निकल चुका है। आने वाले कल को भूल जाए, क्योंकि ये आपकी पहुंच से बाहर है। अपने present को control करने की कोशिश करें, अभी बहुत सही से जियें। ये ही एक बुद्धिमानों के जीने का तरीका है।

एक साधरण प्रेम स्वार्थी होता है, इसकी जड़ में सिर्फ अपनी इच्छाएं और संतुष्टि होती है। दिव्य प्रेम बिना शर्त, बिना सीमा, बिना परिवर्तन के है।

उद्देश्य में रहना और उद्देश्यपूर्ण होना

जितना गहराई से हम समझते हैं, उतना इस सबूत को बल मिलता है, की एक uniform plan प्रकृति में मौजूद सभी form को link करके रखता है। इंसान की चेतना अवस्था, शरीर और सांसो की जागरूकता होती है। उनकी चेतना अवस्था, जो नींद में सक्रिय होती है, उनके मानसिक, और अस्थायी, शरीर और सांस से अलग होने से जुड़ी है।

उनकी अतिचेतन अवस्था इस भ्रम से मुक्ति है, कि “हमारा अस्तित्व”, हमारे शरीर और सांसो पर निर्भर करता है। क्योंकि आप अकेले अपने विचारों के लिए जिम्मेदार होते हैं, इसलिए सिर्फ आप ही उन्हें बदल सकते हैं।

सेवा में होना

कुछ लोग दूसरे को नीचा दबाकर, आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं। इनान का मन, भगवान की सर्व-शक्तिशाली चेतना की एक चिंगारी है। ये आपको बता सकती है, कि जिस भी चीज में, बहुत ज्यादा intensity से आपका ताकतवर मन भरोसा करता है, वो चीज़ तुरंत आपके पास आने लगती है। जितना गहरा एक इंसान की self realization होती है, अपनी सूक्ष्म vibration के जरिये, उतना ज्यादा वो universe को प्रभावित कर पाता है।

आपके दिल में एक चुम्बक होती है, जो सच्चे दोस्तों को आपकी ओर आकर्षित करती है। ये चुम्बक निस्वार्थ होती है, दूसरे के बारे में पहले सोचती है; जब आप दूसरे के लिए जीना सीख लेते हैं, तो वो आपके लिए जिएंगे। हमेशा याद रखें कि आप किसी से belong नहीं करते और न ही कोई आपसे संबंधित है।

इस बारे में सोचे कि किसी दिन अचानक आपको ये दुनिया को छोड़कर जाना होगा, इसलिए अपनी जान-पहचान भगवान से बनाए। शांत रहें, सलिल रहें, हमेशा खुद के command में रहें। आप जल्दी ही जान पाएंगे, कि इस में ढलना कितना आसान है।

Autobiography of a Yogi English

सफलता का नियम

आत्मा की शक्ति का उपयोग स्वास्थ्य, समृद्धि और खुशी बनाने के लिए।

विचार की शक्ति

आप अपनी सफलता और असफलता को आपके सोचने के तरीके के हिसाब से तय करते हैं। आपमें ज्यादा मजबूत क्या है, सफलता के विचार या असफलता के विचार? अगर आपका दिमाग सामान्य रूप से नकारात्मक अवस्था में रहता है, तो कभी – कभी आने वाले सकारात्मक विचार, सफलता को आकर्षित नहीं कर पाएंगे। लेकिन अगर आप सही तरीके से सोचते हैं, तो आप अपना लक्ष्य ढूंढेंगे, चाहे अभी आप खुद को अंधेरे में ही क्यों न फंसा हुआ पाते हो।

इच्छा शक्ति

सकारात्मक सोच के अलावा, सफलता पाने के लिए, आपको इच्छा शक्ति के साथ और लगातार काम करते रहना चाहिए। हर बाहरी नतीज़ा आपकी इच्छा शक्ति का एक परिणाम है, लेकिन ये शक्ति, हमेशा सचेत रूप से उपयोग नहीं की जा सकती। क्योंकि conscious will के साथ एक mechanical will भी होती है।

आप नियति को नियंत्रित कर सकते हैं

आपका दिमाग हर चीज़ का creator है। इसलिए आपको चाहिए, कि इसको अच्छी चीज़ें बनाने में ही लगाया जाए। अगर आप एक dynamic will power के साथ, एक विचार से चिपके रहते हैं, तो आखिर में एक वास्तविक बाहरी परिणाम निकल कर आता है।

जब आप अपनी will power को constructive purposes के लिए, काम में लाने में सक्षम हो जाते हैं, तब आप अपनी नियति को control में कर पाते हैं। लेकिन आपको अपने अंदर के शांत रहने वाले हिस्से में, हमेशा सुनिश्चित होना चाहिए, कि जो आप चाहते हैं, वो आपके लिए सही है। तब आप अपने उद्देश्य को हासिल करने के लिए, अपनी इच्छा शक्ति का पूरी ताकत से इस्तेमाल कर सकते हैं।

भाग 5: डर से जीवन ऊर्जा (life energy) समाप्त हो जाती है

ये आपकी dynamic will power के सबसे बड़े दुश्मनों में से एक है। डर आपकी उस life force को जो आपकी नसों में लगातार बहती है, उसको लकवा मार देती है। आपके शरीर की जीवन शक्ति कम हो जाती है। डर आपको उस चीज़ के डर से दूर नहीं ले जाता, बल्की ये सिर्फ आपकी इच्छा शक्ति को कमजोर बनाता है।

डर हमारे दिमाग के जरिए शरीर के सब हिस्सों में, एक गलत संदेश भेजता है। ये हमारे दिल को कस देता है, digestive function को disturb कर देता है और साथ ही कई और शारीरिक disturbance पैदा कर देता है। जब चेतना भगवान पर होती है, तब आपको कोई डर नहीं होगा, हर रुकावट साहस और विश्वास के द्वारा दूर कर ली जाएगी।

असफलताओं से दृढ़ संकल्प जगाना चाहिए

यहां तक ​​की असफलता भी आपकी इच्छाशक्ति और आपकी सामग्री और आध्यात्मिक विकास के लिए, एक उत्तेजक्क की तरह काम करने चाहिए। जब आप किसी भी काम में fail होते हैं, तो हर एक factor को analyze करना आसान हो जाता है, ताकी आप भविष्य में उन गलतियों को दोहराने के chance खत्म कर सकें।

आत्म-विश्लेषण की आवश्यकता

प्रगति का दूसरा रहस्य है self Analysis यानी की, आत्मनिरीक्षण। ये एक आईना है, जिसमें आप अपने दिमाग को खोल कर देख पाते हैं, जो otherwise आपसे छुपा रहता है। अपनी असफलता की जांच करें और अपनी अच्छी और बुरी प्रवृत्तियों को सुलझाएं। देखें कि आप क्या है, क्या आप बनना चाहते हैं और कौन सी कमियां आपके लिए रुकावट बनी हुई है।

पहल करने की रचनात्मक शक्ति

पहल करना या initiative लेना क्या होता है? यह आपके भीतर एक रचनात्मक क्षमता है, अनंत निर्माता की एक चिंगारी है। ये आपको कुछ create करने की ताकत दे सकती है, जो कभी किसी ने create नहीं किया हो। ये आपको वही चीज़ें नए तरीके से करने के लिए प्रेरित करती है। जाहिर तौर पर, अगर आप initiative लेने की power को समझ सके, तो zero से कुछ create करना, ये दर्शाता है, कि जो असंभव दिखता है, वो संभव हो सकता है।

Autobiography of a Yogi Hindi

सभी मनुष्यों में भगवान की छवि देखें

कई लोग अपनी गलतियों के लिए तो बहाना ढूंढ लेते हैं, लेकिन दूसरे लोगों को बुरे तरीके से judge करते हैं। दूसरों को माफ करके, और खुद की नाकामियों को परख कर, उन्हें दूर करके, हमें इस रवैये को बदलना होगा।

विचारों की आदतें हर किसी की जीवन को नियंत्रित करती हैं

सफलता का जल्दी आना या देरी होना किसी की आदत पर बहुत निर्भर करता है। ये कोई आते जाते प्रेरणा या brilliant ideas नहीं होते हैं, जितना की आपकी रोजमर्रा की mental habits आपके जीवन को control करती हैं। आपके विचारों की आदतें वो दिमागी चुम्बक है, जो आपके लिए कुछ निश्चित चीज़ें, लोग और हालात की तरफ़ खींचती है।

विचार की अच्छी आदतें लाभ और अवसरों को आकर्षित करती हैं। विचारों की बुरी आदतें, आपको दिखावटी लोगों और प्रतिकूल वातावरण के तरफ आकर्षित करती है।

भाग 6: Divine इच्छा की शक्ति

Divine इच्छा की कोई सीमाए नहीं होती, ये ज्ञात और अज्ञात, प्राकृतिक या चमत्कार, सभी तरह के कानून के माध्यम से काम करती है। ये आपकी किस्मत बदल सकती है, मरे हुए को चला सकती है, पहाड़ों को समुंद्र में बदल सकती है और एक नया solar system create कर सकती है ।

बहुतायत के महासागर से

जैसा की सभी शक्ति, इच्छा शक्ति में विद्यामान होती है, इसलिए सभी आध्यात्मिक और भौतिक उपहार, असीम प्रचुरता से बहते हैं। ये सभी gifts पाने के लिए, आपको अपने दिमाग से सीमित और गरीबी के विचारों को उखाड़ कर फेंकना होगा। Universal mind एक perfect mind है, जिसमें कोई कमी नहीं है; उस कभी ना fail होने वाली supply तक पहुंचने के लिए, आपको एक बहुतायत की चेतना बनाए रखनी होगी।

चाहें आपको ये भी ना पता हो, कि आपका अगला पैसा कहां से आएगा, आपको हिम्मत को रोकना होगा। जब आप अपना काम बखूबी करते हैं और बाकी भगवान पर छोड़ देते हैं, आप देखेंगे कि अजनबी ताकतें आपके लिए आगे आएंगी और आपकी wishes जल्दी पूरी हो जाएंगी। ये बहुतायत का आत्मविश्वास और चेतना, ध्यान के जरिए हासिल किया जाता है।

अधिक जानने के लिए कि कैसे spiritual philosophies हममें से प्रत्येक को सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकती है, कृपया “The Seven Spiritual Laws of Success” की summary पढ़ें। Link ठीक नीचे है:

ध्यान का तरीका

व्यापार की निरंतर स्थिति में रहने से, हमारे दिमाग पर तनाव छा जाता है, और हम अपनी उच्च चेतना से अलग हो जाते हैं। ध्यान एक drain की तरह होता है, ये हमें हमारे negative emotion के सामने खुलने का मौका देता है, ताकी हम उन्हें बाहर निकाल सकें। ये थोड़ा दर्दनाक हो सकता है, लेकिन नकारात्मक भावनाओं के साथ बैठना उनको ठीक करने का, हमारे डर को खत्म करने का, उन विश्वास को बाहर निकालने का, जो हमें जिंदगी में पीछे रखते हैं, सबसे बेहतर तरीका है।

ध्यान और ध्यान की शक्ति से, आप अपने मन की कभी न खत्म होने वाली शक्ति को अपनी इच्छा को पाने और सभी डर के बंद दरवाजे के लिए direct कर सकते हैं। सभी सफल लोग गहरी एकाग्रता को बहुत महत्व देते हैं। वो सही समाधान को ढूंढ़ने और उनका सामना करने के लिए, अपने मन में गहराई तक जाते है। अगर आप सीख जाते हैं, कि कैसे अपना ध्यान distraction से हटाया जाए और सही जगह concentrate किया जाए, आप भी जान पाएंगे, कि जो आपको चाहिए, उसको कैसे अपनी ओर आकर्षित किया जाता है।

सफलता खुशी से मापी जाती है

इस पर विचार करें, कि जो लक्ष्य आप पाना चाहते हैं, वो आपको सफलता दिलाने में भी मदद करेगा। सफ़लता क्या है? अगर आपके पास health और wealth दोनों है, लेकिन आपको खुद के साथ – साथ, सभी के साथ परेशानी है, तो आप सफल नहीं है। जब पैसा चला जाता है, तो आपका एक थोड़ा हिस्सा चलता है; जब health चली जाती है, आप कुछ ऐसा खो देते हैं जिसके और ज्यादा गंभीर परिणाम हो सकते हैं, लेकिन एक बार आपका मन की शांति खो जाए, तो आप अपना सबसे बड़ा खजाना खो देते हैं।

भगवान की शक्ति को अपने प्रयासों के साथ रखें

रचनात्मक उद्देश्यों के लिए उसे release करें जो आपके पास पहले से है, इससे और बहुत कुछ आएगा। बिना डगमगाए, सफलता के लिए सभी गुण का इस्तेमाल करते हुए, अपने रास्ते पर बढ़ते रहें। खुद का अपनी spirit की creative power के साथ तालमेल बैठाए। आप उस अनंत बुद्धिमत्ता के संपर्क में आएंगे, जो आपका मार्गदर्शन कर सकती है और आपकी सभी समस्याओं का समाधान कर सकती है।

भाग 7: ऊर्जा एक रचनात्मक शक्ति है जिसका हम उपयोग कर सकते हैं

पूरी जिंदगी एक energy है, ये ही वो चीज है, जो ग्रहों को चलाती है और रोज हमें काम पर जाने के लिए जान भरती है। ऊर्जा सबसे powerful tool है, जो हमारे पास हो सकता है। ग्रह की हर चीज, किसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए, लगातार बढ़ रही है। जब एक इंसान ध्यान की practice को विकसित नहीं करता है, तब वो एक subconscious की कठपुतली बनकर रह जाता है। एक इंसान जिसका अपने दिमाग पर control है, उसे अपनी infinite power को इस्तेमाल करने और बदलाव लाने की क्षमता का एहसास होता है। जब हम ध्यान लगाते हैं, तब हम हर अवस्था में आनंद को चुनते हैं और हमारे चारों ओर प्यार और सकारात्मकता फैलाते है।

धन्यवाद दोस्तो, मुझे आशा है कि ये summary आपको पसंद आएगी। मुझे आशा है कि आप इस किताब के सभी पाठों को अपनी जिंदगी में अपनाकर, अपने जीवन को और भी बेहतर तरीके से जी पाएंगे।

सभी Podcast platform पर भी हमारी summary, Kitabein नाम से उपलब्ध है, जिसे हाल ही में भारत का best educational podcast का award भी मिला है। Link ठीक निचे दिया हुआ है:

112 thoughts on “Autobiography of a Yogi by Paramhansa Yogananda (हिन्दी) ”

  1. किताब से सिख –
    १)क्रिया-योग ऐसे ध्यान पर focus करती है, जिससे आप सांस के जरिए दिमाग, शरीर और आत्मा को एक कर सके।
    २)बीते कल को भूल जाए l
    ३)आने वाले कल को भूल जाए l
    ४)अपने ज्ञान में सुधार करना है।
    ५)अपने present को control करने की कोशिश करें l
    ६)अपनी असफलता की जांच करेंl
    धन्यवाद l

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