Transcendence: My Spiritual Experiences with Pramukh Swamiji

Transcendence: My Spiritual Experiences with Pramukh Swamiji (हिन्दी)

"Transcendence: My Spiritual Experiences with Pramukh Swamiji" A P J Abdul Kalam द्वारा एक ऐसी किताब है जो हमें उस आध्यात्मिक (spiritual) शक्ति के बारे में सिखाती है जो हममें से हरेक के अंदर है। यह कई बार छिपा होता है और महत्वपूर्ण नहीं लग सकता है, लेकिन, एक बार इसे जगाने के बाद, इसमें स्वयं को एक super-human में बदलने की क्षमता होती है। Kalam sir ने आध्यात्मिकता (spirituality) के साथ अपने अनुभवों को साझा किया है जो इस summary में आपके सीखने के लिए detailed है।

क्या आपको लगता है कि spirituality समय की बर्बादी है? क्या आपको लगता है कि यह आपके type की चीज़ नहीं है?

या, आप इसके चारों ओर प्रचार से हैरान हैं? और, आप इस आध्यात्मिक (spiritual) दुनिया की खोज करना चाहते हैं?

यदि ये आपके मन के भटकते सवाल हैं, तो यहां हम स्वर्गीय Dr. APJ Abdul Kalam sir के अनुभवों के साथ हैं।

आज हम बात करने वाले हैं Transcendence: My Spiritual Experiences with Pramukh Swamiji किताब के बारे में, जिसे Dr. APJ Abdul Kalam sir ने लिखा है, जो Pramukh Swamiji के साथ उनके spiritual experiences को बताती है।

Dr. APJ Abdul Kalam sir हमारे देश के राष्ट्रपति और एक विशिष्ट scientist रह चुके हैं। उन्होंने अपने जीवन में कई सारी बड़ी-बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। इस किताब में वह बता रहे हैं कि जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए वो Pramukh Swamiji के साथ कैसे जुड़े रहे।

परिचय

Abdul Kalam sir और Pramukh Swamiji की पहली मुलाकात 30 जून 2001 को नई दिल्ली में हुई थी। उनसे पहली बार मिलते ही Kalam sir काफी ज्यादा प्रभावित हो गए थे। उनका जीवन बहुत ही simple और शांति पूर्वक था। वह बहुत ही साधारण तरीके से अपना जीवन व्यतीत करते थे और simple से कपड़े पहनते थे।

ज्यादा धन दौलत भी अपने पास नहीं रखते थे। वह कहते हैं कि इसका श्रेय Pramukh Swamiji को ही जाता है, उन्होंने इस कला को उन्हीं से सीखा है।

Abdul Kalam sir का जन्म Rameshwaram में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था । उनके पिताजी हर शाम को मंदिरों के पुजारियों के साथ बैठकर चाय पिया करते थे और दिन के मुद्दों पर चर्चा किया करते थे जिसकी वजह से उनके अंदर spirituality की भावना बचपन से ही जग गई थी, और वह बचपन से ही इसमें विश्वास रखते थे।

जब वह अपने जीवन में पहली बार Pramukh Swamiji से मिले तो, उनकी भावना इसके प्रति और तेज हो गई और इसके बारे में उन्होंने और जानना चाहा। जिसकी वजह से Abdul Kalam sir और Pramukh Swamiji के बीच एक अच्छी दोस्ती हो गई।

यहाँ इस summary को क्यों पढ़ें?

अध्यात्म (spirituality) एक ऐसा क्षेत्र है जिसे मैं एक पाठक के रूप में explore करता रहता हूं। यह ज्यादातर इसी ताकत के कारण है जो मुझे मेरी अन्य गतिविधियों (activities) को बढ़ावा देने के लिए बल प्रदान करता है।

जब मैंने इस किताब “Transcendence: My Spiritual Experiences with Pramukh Swamiji” को पढ़ा, तो मेरे अंदर बहुत कुछ गया और मैंने खुद को विकसित होते हुए महसूस किया।

परिणाम इस किताब की summary है जो वास्तव में एक इंसान के रूप में आपको भी विकसित होने में मदद करेगी!

इस किताब के बारे में मेरे अनुभवों का यह व्यक्तिगत detail है जो आप यहाँ पढ़ रहे हैं जो इसे इस किताब के अन्य summaries से इसे अलग करता है जो online बहुत अधिक मात्रा में उपलब्ध हैं।

अध्याय 1: उनके होने का अनुभव करें

2001 से 2014 के बीच APJ Abdul Kalam Sir, Pramukh Swamiji महाराज से मिले थे। इस अध्याय में वह बता रहे हैं कि Pramukh Swamiji महाराज के उनके आसपास होने से उनके ऊपर कितना प्रभाव पड़ता था। इसीलिए उन्होंने इस अध्याय का नाम “उनके होने का अनुभव करें” रखा है। वह बचपन से ही spirituality से बहुत ज्यादा जुड़े हुए थे।

जब वह भारत के राष्ट्रपति बने, तब उन्हें Pramukh Swamiji के बारे में पता चला और उन्होंने उनसे मिलने की मंशा जताई। 2001 में पहली बार APJ Abdul Kalam Swamiji महाराज से मिले थे।

Abdul Kalam sir कहते हैं, कि राजनीति में उनको जितनी भी सफलता मिली, उसमें Pramukh Swamiji का बहुत बड़ा हाथ है। उन्होंने हमेशा Abdul Kalam sir को सही रास्ता दिखाया और कठिनाइयों के समय में उनकी मदद की। वह कहते हैं कि अक्सर लोग spirituality को गलत तरीके से देखते हैं। वह देखते हैं कि spirituality को वो मानता है जिसको साधु संत बनना है लेकिन ऐसा नहीं है, spirituality को हर कोई अपना सकता है।

Transcendence: My Spiritual Experiences with Pramukh Swamiji

यह हर किसी के लिए फायदेमंद है चाहे वह स्कूल जाता बच्चा हो, चाहे job करता कोई इंसान हो, चाहे घर में काम करने वाली कोई महिला हो। Spirituality सभी के लिए फायदेमंद हो सकती है क्योंकि इससे आप अपने अंदर छुपी हुई शक्तियों को महसूस करते हैं और अपने आप को ईश्वर से जुड़ा हुआ पाते हैं।

Abdul Kalam sir बताते हैं उनकी जिंदगी में spirituality की शुरुआत तो बचपन से हुई थी लेकिन असल में जब उन्होंने spirituality के ऊपर ध्यान देना शुरू किया, तो वह बस अचानक से हुआ था। एक बार Kalam sir किसी बात को लेकर बहुत ही ज्यादा परेशान थे। वह उस problem का solution नहीं ढूंढ पा रहे थे, जिसके चलते जो साथी उनके साथ काम करते हैं, उनके ऊपर गुस्सा करने लगे थे। वह बहुत ज्यादा गुस्से में रहने लग गए थे और depression का शिकार हो गए थे।

तब उनको Pramukh Swamiji के बारे में पता चला और उन्होंने एक जगह पर बैठकर आधे घंटे के लिए ईश्वर का ध्यान लगाया। अपनी आंखें बंद करके उन्होंने गहरी गहरी साँसे लेना शुरू किया और कुछ देर बाद उनको बहुत अच्छा महसूस हुआ। उस समय Kalam sir को लगा, कि एक ऐसी चीज थी जिसे वह अपने अंदर हमेशा missing पाते थे।

लेकिन आज जब उन्होंने अपने आपको spiritual ताकत के साथ जोड़ा तो उनको बहुत अच्छा लगा और इसके बाद उन्होंने Pramukh Swamiji से समय – समय पर मिलते रहने का मन बना लिया।

अध्याय 2: हम अपने आप को जैसा मानते हैं हम वैसे नहीं है

इस बात को वह उदाहरण से समझाते हैं। वह कहते हैं की class में हर किसी को लगता है, कि वह सबसे ज्यादा पढ़ते है, और उनकी नजरों में वह सबसे ज्यादा पढ़ने वाले छात्र होते है, लेकिन जब exam होता है और exam के बाद परिणाम आता है, तो पता चलता है कि उनके अलावा भी तीन लोग ज्यादा पढ़ रहे थे जिन्होंने top किया है।

जिसके बाद उनको पता चलता है कि उन्हें और मेहनत करने की जरूरत है। हमें कभी भी यह नहीं सोचना चाहिए कि जो हम कर रहे हो वही बिल्कुल सही है। अगर हम अपना काम खुद ही देख कर खुश होते रहेंगे, तो शायद हम सुधार नहीं कर पाएंगे। इसलिए अपने से बेहतर लोगों से feedback लेना बहुत जरूरी है, वरना हम अपनी गलतियों को समझ नहीं पाएंगे और सिर्फ अपने ही भ्रम में जीते जाएंगे।

Transcendence: My Spiritual Experiences with Pramukh Swamiji Book

अगर हम इस चीज को गौर से समझे, तो आज की पीढ़ी में यह सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। आज की पीढ़ी किसी और की बात नहीं सुनना चाहती, उन्हें लगता है कि जो वह कर रहे हैं वोह बिल्कुल सही है जबकि हर वक्त ऐसा नहीं होता। कई जगह पर वह सही भी होते हैं लेकिन कहीं पर गलत भी होते हैं।

वह इस चीज को नहीं मानना चाहते कि वह गलत है। जिसकी वजह से अपनी गलतियों को कभी सुधार नहीं पाते, और उनको आगे जाकर जीवन में failures देखने को मिलती है।

इसके लिए Kalam sir हमें कहते है कि, हमेशा दूसरों की नजरों से अपने आप को देखना चाहिए। इसका मतलब होता है कि, ऐसे नज़रिये से देखें, कि जो काम आप कर रहे हैं, क्या अगर आप देखने वाले होते तो आपको वो काम उस तरह से अच्छा लगता। अगर इसका जवाब आता है हां, तो आप सही रास्ते पर जा रहे हैं।

अध्याय 3: शांति तभी मिलती है जब इसे दूसरों के साथ बाटा जाए

अक्सर हम देखते हैं कि जो भी चीज हमारे पास है, वह हम खुद तक ही रखना चाहते हैं। कुछ लोग नहीं चाहते कि उनकी ज्ञान किसी और को पता चले, लेकिन असलियत ऐसी नहीं है। Kalam sir हमेशा दूसरों की मदद करने में विश्वास रखते हैं, इसलिए उन्होंने अपना पूरा जीवन अपने देश को समर्पित किया था।

Transcendence: My Spiritual Experiences with Pramukh Swamiji Summary

वह कहते हैं जैसे ज्ञान बांटने से बढ़ता है ठीक उसी तरह शांति भी बांटने से बढ़ती है। शांति एक ऐसी चीज़ है जिससे हम अपने आप और समाज में growth ला सकते है।

Abdul Kalam sir ने Swamiji से पूछा, कि शांति का मतलब क्या है। तो वो कहते है, शांति का मतलब यह नहीं है, कि आप किसी पहाड़ पर जाकर बैठ जाये तो आपको शांति मिल जाएगी, या फिर आप बाबा बनकर शांति प्राप्त कर लेंगे। बल्कि शांति आपको अपने काम से मिलती है। आप जो भी काम करते है, अगर आप उससे खुश है, तो आपको शांति मिलेगी।

अगर हम आज देखे तो ज़्यादातर लोगों की ज़िन्दगी में शांति नहीं है, क्योंकि जो वो कर रहे है, या तो उससे bore हो चुके हैं या फिर वो काम उनको कभी पसंद ही नहीं था। लेकिन क्योंकि उन्हें वह काम करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से वो अपनी जिंदगी में बिल्कुल भी खुश नहीं है और क्योंकि वह अपनी जिंदगी में खुश नहीं है इसलिए उनके मन में शांति नहीं है।

उनका मन हमेशा परेशान रहता है। उन्हें कोई भी चीज अच्छी नहीं लगती और उनका दिमाग active नहीं रह सकता।

Abdul Kalam sir कहते हैं कि अगर आपको जीवन में growth चाहिए तो अपने आप को शांत रखना पड़ेगा। अपने मन को खुश रखना पड़ेगा। वरना कभी भी कुछ अच्छा शुरू नहीं कर पाएंगे।

आप जहां हैं हमेशा वही रह जाएंगे। Abdul Kalam sir को अपने office में आये दिन कई अलग – अलग तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था जिसके कारण वह कभी-कभी गुस्से में भी आ जाते थे। लेकिन जैसे जैसे उन्होंने अपने काम को enjoy करना शुरू कर दिया, उन्होंने अपने काम में और staff की अच्छी चीज़ों की तरफ ध्यान देना शुरू कर दिया।

इससे वह धीरे-धीरे उस चीज को overcome कर पाए और अपने काम को बेहतर तरीके से कर पाए। इस अध्याय की मुख्य सीख यह है कि, आपको जीवन में जो भी काम करना है अपनी पसंद के हिसाब से करना चाहिए।

अध्याय 4: विश्वास कि हम कर सकते हैं

Abdul Kalam sir बताते हैं कि उनके career में उन्हें कई बार ऐसे challenges आए, जिन्हें देखकर उन्हें लगा कि, यह मैं नहीं कर सकता और उन्होंने कई बार उसे छोड़ भी दिया। लेकिन Pramukh Swamiji से मिलने के बाद उन्हें पता चला, कि किसी भी challenge को अपनाना कितना जरूरी होता है। Swamiji समझाते हैं, कि अगर आपके जीवन में कोई challenge आया और आपने उसको अपना लिया, तो दो चीजें होंगी या तो आप उससे जीत जाएंगे या तो आप उससे हार जाएंगे।

Transcendence: My Spiritual Experiences with Pramukh Swamiji Hindi

अगर आप जीत गए तो आप एक अलग level पर पहुंच जाएंगे। अगर आप हार गए तो, आप उससे कुछ सीख कर जाएंगे। लेकिन अगर आपने उसको अपनाया ही नहीं तो न तो जीतेंगे और ना ही आप सीखेंगे। जहां आप थे वहीं के वहीं रह जाएंगे। और आप अपने जीवन में कुछ नया नहीं सीख पाएंगे और इतिहास में ऐसे लोग ही कुछ बड़ा कर पाएं हैं, जिन्होनें हर दिन कुछ ना कुछ नया सीखा है।

इस चीज से हमें भी यह सोचना चाहिए कि जीवन में हर तरफ challenge मिलेंगे। अगर आप challenge को अपना के आगे बढ़ेंगे तो ज्यादा chances है कि आप सफल हो जाएंगे। लेकिन अगर आप उन challenges को नजर अंदाज कर देते हैं या फिर उनको कभी अपनाते ही नहीं है तो वहीं के वहीं रह जाएंगे।

सबसे बड़ा उदाहरण Abdul Kalam sir का ही है। Kalam sir बचपन से ही भारतीय वायु सेना में pilot बनना चाहते थे, लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया। उन्होंने pilot बनने के challenge को अपनाया लेकिन वह pilot नहीं बन पाए।

लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार कोशिश करते रहें। उसके बाद वह DRDO में secretary बने और आगे चलकर उन्होंने राष्ट्रपति बनने का challenge अपनाया और वह भारत के राष्ट्रपति बने।

Kalam sir ने अपने जीवन में कई सारे challenge अपनाए और उन सभी challenge से सीख कर आगे बढ़ते रहें।

हमें भी अपने जीवन में यही करना चाहिए। Challenge स्वीकार करना चाहिए और आगे बढ़ते रहना चाहिए और इसी से आपके अंदर वह आत्म विश्वास आएगा कि हम कुछ भी कर सकते हैं।

अध्याय 5: आत्मअनुशासन ही सफलता का एकमात्र मार्ग है

Abdul Kalam sir कहते हैं कि self-discipline के साथ, लगभग हर चीज़ संभव है। मतलब self-discipline के साथ कोई भी काम मुश्किल नहीं है।

Abdul Kalam sir बचपन से ही बहुत ज्यादा self-disciplined इंसान थे। उन्हें जो काम करना होता था तो वो उस काम को समय से ही किया करते थे इसीलिए उन्होंने अपने जीवन में इतनी सारी उपलब्धियां हासिल की।

Transcendence: My Spiritual Experiences with Pramukh Swamiji English

Pramukh Swamiji से मिलने के बाद उनके self-discipline को लेकर और भी विचार बढ़ गए। Pramukh Swamiji कहते हैं, कि self discipline इंसान के अंदर को आलस खत्म करता है। Discipline का मतलब होता है, वह काम करना जो आपको करना अभी पसंद नहीं है, लेकिन इस काम को करने से आप जीवन में आगे बहुत सफल होंगे।

इसका सबसे बड़ा उदाहरण हम छात्रों के जीवन में देख सकते हैं। किसी भी छात्र को पढ़ना उतना अच्छा नहीं लगता, लेकिन वह पढ़ते है ताकि वह exam में अच्छे number ला सके।

ठीक उसी तरह हमारे अंदर self-discipline होना बहुत जरूरी है। आगे Swamiji बताते हैं, कि इंसान दो चीजों पर जीता है, एक होती है खुशी यानि happiness, और दूसरा होता है pleasure, लेकिन फर्क सिर्फ इतना है, कि खुशी आपके पास लंबे समय तक रहती है।

जैसे अगर आप ऐसे इंसान है जो काफी ज्यादा मोटे हैं और पतला होना चाहते, तो आपको अपना मनचाहा खाना, खाना छोड़ना होगा और exercise करनी होगी। अगर अभी दोनों चीजें करना आपको पसंद नहीं है, जो आपको आगे चलकर पतला बनाएगी, तो शायद आने वाले समय में आप और मोटे हो जाये। लेकिन वही इस काम को करने से आप healthy रहेंगे। Pleasure आपको थोड़ी सी देर के लिए ही महसूस होता है।

उदाहरण के लिए, आपको पतला होना है, लेकिन आप मनपसंद खाना खाते रहते हैं और रोज़ exercise नहीं करते, तो ऐसा करते वक्त आपको थोड़ी सी देर के लिए खुशी तो होगी, लेकिन बाद में जब आप अपने आप को एक मोटा इंसान पाएंगे, तब आपको बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगेगा।

इसलिए हमें इस अध्याय से सीख मिलती है कि हमेशा happiness को महत्व दें, ना कि pleasure को और एक self-disciplined इंसान बन के रहें।

अध्याय 6: एक निडर नज़र

Transcendence: My Spiritual Experiences with Pramukh Swamiji Book Summary

 इस अध्याय में Kalam sir बता रहे हैं कि कैसे जो आप अपने मन में सोचते हैं, वैसे ही इंसान बनते जाते हैं। Pramukh Swamiji Kalam sir के एक अच्छे मित्र होने के साथ-साथ एक अच्छे mentor भी थे।

वह Abdul Kalam sir को बताते थे, कि आपको हमेशा निडर रहना चाहिए, चाहे बड़ी से बड़ी मुश्किल क्यों ना आ जाए। आपको उस मुश्किल से कभी डरना नहीं चाहिए, आपको उस मुश्किल का समाधान ढूंढना चाहिए।

जब Abdul Kalam sir भारत के राष्ट्रपति बने और वह भारत को बदलने के लिए नई – नई नीतियां बना रहे थे, तब उनको कई सारी दिक्कत आ रही थी और इसके लिए उन्होंने Pramukh Swamiji से बात करने का फैसला किया।

तब Abdul Kalam sir का Pramukh Swamiji से सवाल था, कि हम भारत में गरीबी कैसे दूर कर सकते हैं, भारत में गरीबी दूर करना बहुत ही मुश्किल है। मुझे नहीं लगता कि शायद ऐसा कभी हो पाएगा।

Pramukh Swamiji ने Abdul Kalam sir को यही कहा था, कि आपके सामने एक challenge है। अगर आप इसे अपना लेंगे तो हो सकता है आप एक अलग level पर पहुंच जाएं और अगर नहीं करेंगे, तो आप यही पर रह जाएंगे।

Pramukh Swamiji की बात को मानते हुए, Abdul Kalam sir ने इसे माना और उन्होंने Vision 2020 बनाया था। जिसके अंदर भारत की गरीबी को दूर करने के लिए कई सारी चीजें लिखी हुई थी।

Kalam sir की जिंदगी में Pramukh Swamiji का बहुत बड़ा योगदान हर तरीके से रहा है। उनके राजनीतिक जीवन में भी Pramukh Swamiji ने उन्हें बहुत सारी चीजें सिखाई। आप भी इन बातों को अपनाएं कि, जीवन में कभी भी किसी भी परिस्थिति से डरे नहीं बल्कि डरने के बजाय, हमें शांत होकर उसका समाधान ढूंढना चाहिए। उसी से आप आगे बढ़ पाएंगे। इस बात को Kalam sir एक उदाहरण से समझाते हैं।

वह कहते हैं मान लीजिये आपके सामने बहुत बड़ा पहाड़ है। अब आप दो चीज कर सकते हैं या तो आप अपने मन से उस पहाड़ को पार करने का विचार निकाल दें और इसे देखकर परेशान होते रहे, या फिर शांत बैठकर इस चीज का समाधान निकालने के बारें में सोचे, की उसे कैसे तोड़ा जाए जिसकी वजह से आप उस पहाड़ को पार कर पाए। और जीवन में हमेशा दूसरे option को चुनने वाले लोग आगे बढ़ते हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों मुझे उम्मीद है कि इन सभी lessons से आपको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा। हमने जो भी सीखा है आइए उसको एक बार दोबारा लेंते है:

  1. हमें हमेशा आज पर ध्यान लगाना चाहिए ना कि भविष्य की बातें सोच – सोच कर परेशान होना चाहिए।
  2. आप वो नहीं है जो आप सोचते है।
  3. हमें हमेशा 2nd person के point of view से सोचना चाहिए।
  4. हमें अपने अंदर की गलतियों को पहचानना चाहिए।
  5. शांति दूसरों में बांटने से बढ़ती है।
  6. हमें challenges को अपनाना चाहिए।
  7. अगर हम challenge को अपनाएंगे तो या तो हम जीतेंगे या फिर हम कोई नयी चीज़ सीखेंगे।
  8. जीवन में सफल होने के लिए self-disciplined इंसान होना बहुत ज़रूरी है।
  9. Self-discipline आलस को हमसे दूर रखता है।
  10. हमें कभी भी किसी भी परिस्थिति से डरना नहीं चाहिए।

अब इन सभी चीज़ों को अपने जीवन में apply कीजिये, और आगे बढिये।

Transcendence: My Spiritual Experiences with Pramukh Swamiji किताब की समीक्षा

किताब में Pramukh Swamiji के साथ Kalam sir की मुलाकातों और उनके जीवन पर आध्यात्मिक नेता के प्रभाव का detail है। Kalam sir धर्म, अध्यात्म और दूसरों के लिए करुणा और सेवा के महत्व जैसे विषयों पर अपने विचार साझा करते हैं।

किताब की एक ताकत यह है कि जिस तरह से Kalam sir ने Pramukh Swamiji के साथ अपने अनुभवों को व्यक्तिगत और reflective तरीके से प्रस्तुत किया है। वह अपने विचारों और भावनाओं को साझा करते है, और पाठक आध्यात्मिक नेता के लिए अपनी प्रशंसा और सम्मान महसूस कर सकता है।

इसके अतिरिक्त, पुस्तक BAPS Swaminarayan Sanstha के सिद्धांतों और शिक्षाओं में insights प्रदान करती है, जो कुछ पाठकों के लिए अपरिचित हो सकती है। Kalam sir इन सिद्धांतों और उनके महत्व को स्पष्ट और सुलभ तरीके से समझाते हैं, जिससे पाठक संगठन और इसकी मान्यताओं की बेहतर समझ हासिल कर सकते हैं।

हालाँकि, किताब इसकी खामियों के बिना नहीं है। कुछ पाठकों को भाषा और लहजा अत्यधिक भावुक लग सकता है, और Kalam sir के व्यक्तिगत अनुभवों पर किताब का focus हर किसी को पसंद नहीं आ सकता है। इसके अतिरिक्त, किताब उन पाठकों के लिए अधिक insights प्रदान नहीं कर सकती है जो पहले से ही BAPS Swaminarayan Sanstha या हिंदू आध्यात्मिकता से परिचित नहीं हैं।

कुल मिलाकर, “Transcendence: My Spiritual Experiences with Pramukh Swamiji” एक अच्छी तरह से लिखा और आकर्षक memoir है जो आध्यात्मिकता और BAPS Swaminarayan Sanstha की शिक्षाओं पर एक अनूठा perspective प्रदान करता है। हालांकि यह हर किसी के लिए नहीं हो सकता है, लेकिन आध्यात्मिकता या हिंदू धर्म में रुचि रखने वालों को यह पुस्तक व्यावहारिक और प्रेरक लगेगी।

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