Awaken The Power Of Faith

Awaken The Power Of Faith (हिन्दी)

Sirshree द्वारा रचित Awaken The Power Of Faith एक परिवर्तनकारी masterpiece है जो अपने पाठकों को प्रेरित और enlighten करती है। यह किताब पारंपरिक साहित्य की सीमाओं को पार करते हुए आस्था और spirituality के क्षेत्र में उतरती है। यदि आप आस्था की तलाश में हैं, तो यह आपके लिए सही किताब है!

Sirshree 19 mins read Read in English Spirituality

Corrie Ten Boom कहती हैं, आस्था (faith) अदृश्य को देखता है, अविश्वसनीय (unbelievable) पर विश्वास करता है, और असंभव को प्राप्त करता है।

परिचय

हम सभी में एक आस्था शक्ति है, बस उसे जगाने की जरूरत है, ताकि अपने ऊपर पूरा विश्वास करके आगे बढ़ सके। इस किताब की summary में आप इसी शक्ति को जगाने के तरीके सीखने वाले हैं। आज हम, Awaken the power of Faith किताब के बारे में जानेंगे जिसे आध्यात्मिक गुरु, Sirshree ने लिखा है।

यह पुस्तक हिंदी में “विश्वास नियम” के नाम से भी उपलब्ध है। इस किताब में Sirshree बताते है कि, अगर आप अपने अंदर विश्वास रखते हैं, तो आप उस विश्वास को कैसे वास्तविक बना सकते हैं।

तो चलिए इस किताब के summary की शुरुआत एक कहानी से करते हैं।

एक कहानी

एक इंसान था जिसे घूमने का बहुत शौक था। वो अपनी पूरी जिंदगी सिर्फ घूमना ही चाहता था। इस तरह घुमते-घुमते एक बार उसे लगा, कि शायद अब वह दुनिया में हर जगह घूम चुका है और बस रेगिस्तान में घूमना बचा हुआ है। इसलिए उसने अपना मन बनाया और एक रेगिस्तान में पहुंचा।

रेगिस्तान में घूमते-घूमते उसको 2 से 3 दिन हो चुके थे, उसका सारा खाना और पानी खत्म हो चुका था और अब वह उस रेगिस्तान से बाहर निकलना चाहता था। लेकिन वह रेगिस्तान में बहुत आगे आ चूका था इसलिए बाहर निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। उसने रेगिस्तान के बारे में सुना था कि कैसे खाने पानी की कमी के चलते कई लोग उस रेगिस्तान में अपना दम तोड़ देते हैं।

अब उसके पास भी खाना और पानी खत्म हो चुका था। उसको लगा शायद वो भी ऐसे ही मारा जायेगा, और इसकी वजह से उसकी घबराहट बढ़ गई। ऐसे में जब उसने अपने आसपास देखा तो उसके पास में ना ही कोई घर था, ना कोई जानवर, और दूर-दूर तक कोई इंसान भी नहीं था। उसके चारों तरफ सिर्फ रेत ही रेत थी।

तभी उसने दूर एक handpump देखा। वह अपनी शरीर में बची ऊर्जा के साथ उस handpump के पास दौड़ा और वहां पहुंचा। उसने उस handpump को चलाना शुरू किया लेकिन बहुत देर चलाने के बाद भी उसमें से पानी नहीं निकला और वह बेबस होकर बैठ गया। लेकिन तभी उसकी नजर पास में पड़ी एक पानी की बोतल पर पड़ी जिसके अंदर सिर्फ आधा ही पानी भरा था और उस पर लिखा हुआ था,

“इस पानी को उस handpump में डालो फिर चाहे जितना पानी पीओ”

अब ये परिस्थिति उस आदमी के लिए बहुत ज्यादा चुनौतीपूर्ण (challenging) थी, क्योंकि उसके पास एक बोतल थी जिसके अंदर आधा पानी है। उसे पानी की सख्त जरूरत है, या तो वह उस पानी को पी सकता है या handpump में डाल सकता है।

Handpump में पानी डालना जोखिम से कम नहीं है क्योंकि अगर पानी handpump में डालने के बाद भी handpump नहीं चला, तो उसके हाथ से आधा बोतल पानी भी चला जाएगा और वह प्यास से मर सकता है और अगर handpump से पानी मिल गया तो वह जितना चाहे उतना पानी पी सकता है।

उस आदमी के दिमाग में बहुत सारे सवाल आने लगे कि, अगर पानी नहीं डाला तो उसके बाद आने वाले लोगों को भी इस चुनौती का सामना करना पड़ेगा। उसने सोचा, अगर आज मैंने जोखिम लेकर इसे नहीं चलाया, तो लोग दूसरों की मदद पर भरोसा कैसे करेंगे। इसलिए उसने इस बात को याद करते हुए आधी बोतल पानी handpump में डाल दिया और उस बोतल पर लिखी हुई चीज़ पर भरोसा करते हुए handpump चलाना शुरु किया।

उसकी मेहनत रंग लाई और पानी आ गया। उसने पहले जी भर कर पानी पिया उसके बाद अपनी बोतल और जग में पानी भर लिया। अंत में उस बोतल में आधा पानी भरके उस पर लिखा “आप इस बोतल पर भरोसा कर सकते हैं। लेखक कहते है कि, बोतल की तरह ही, आस्था यानी विश्वास हम इंसानों के अंदर पहले से ही मौजूद है, बस ज़रुरत है इसे जगाने की। आस्था ऐसी चीज़ नहीं है, जो किसी विशिष्ट (specific) इंसान या लोगों के group में ही मिले, बल्कि आस्था तो हर इंसान में है।

Awaken The Power Of Faith by Sirshree

आस्था या विश्वास वह हैं जो आपको बताए गए हैं, आपने कहीं सुने हैं या उन्हें मान चुके हैं। समय  के साथ जितनी ज्यादा ज्ञान हम लेते हैं, हमारे आस्था बदलते हैं। उदाहरण के लिए हमें पहले आस्था थी कि धरती के पास सिर्फ चांद ही एक ग्रह है, लेकिन ज्यादा ज्ञान लेने और ज्यादा चीजें अन्वेषण (explore) करने से पता चला, कि उनके अलावा भी धरती के पास कई सारे ग्रह हैं।

वास्तविकता

अब आती है भ्रामक वास्तविकता (ILLUSORY REALITY)। इसका मतलब है, ऐसी सच्चाई जो आपने अपनी सोच से बना दी। भ्रामिक वास्तविकता में हम उसी के सच होने का विश्वास करते हैं जैसा कि देखना चाहते हैं, जिसकी वजह से कई बार यह हमें असल सच्चाई से हटा देती है।

भ्रामिक वास्तविकता को आप एक lens की तरह समझ सकते हैं, जहां जो चीज़े आपका दिमाग  देखना चाहता है, वह बड़ी हो जाती हैं और दूसरी चीज़ें उसके तुलना (comparison) में कम उपयोगी लगती हैं। जिसकी वजह से, आप कई बार सिर्फ अपनी मनपसंद जीवन को देखने में ही समय गुज़ार सकते हैं और सच्चाई से वाकिफ नहीं होते। जब आपको हकीकत hit करती है तो आप अपने आप को संभाल नहीं पाते। लेखक कहते हैं, यहीं कारण है कि ज्यादातर लोग जीवन में दुखी और असफल होते हैं क्योंकि वह सच्चाई से  दूर भागते हैं।

आपको कभी भी, सच्चाई से नहीं भागना चाहिए। आपको कम से कम यह पता होना चाहिए कि सच्चाई क्या है। कई बार ये भ्रामिक वास्तविकता सही भी साबित होती है। जैसे, हम जानते है कि, पैसा बहुत जरूरी tool है, अच्छी स्वास्थ्य और संबंधों के लिए पैसा जरूरी है। अब यह एक सच्चाई है, जिसे पहले विश्वाश करेंगे, यानी आस्था करेंगे फिर उस आस्था से संबंधित असल जिंदगी के अनुभवों (experiences) से यह आस्था मजबूत बनकर, समय के साथ एक विश्वास बन जायेगा, जिसे आप उस समय बिना किसी शक के सीधा-सीधा सच मान लेंगे।

अगर आप इस आस्था को मानते हुए एक भ्रामिक वास्तविकता बनाते हैं, जहां अपने आप को एक अमीर इंसान की तरह कल्पना करें और मेहनत करते रहे, तो आप जरूर अमीर बनेंगे। क्योंकि ऐसे में आपका विश्वास और भ्रामिक वास्तविकता दोनों ठीक हैं, दोनों ही आपके तरफ़ में काम करेंगे।

लेकिन अगर आप गलत चीजों को विश्वास मान ले, जैसे जीवन में सिर्फ बुरे काम करके ही पैसा कमा सकते हैं या अच्छे काम करके किसी का भला नहीं होता। यह गलत आस्था है, अगर आप उसे सही माने और इसके ऊपर अपनी भ्रामिक वास्तविकता बनाये, तो आप वही देखेंगे जो देखना चाहते हैं। यानी आप बुरे काम से ख़ुशी और पैसा कमाने के तरीके notice करने लगेंगे। बुरे काम ज्यादा दिखेंगे और अच्छे काम छुप जाएंगे।

विश्वास

विश्वास हमारे अवचेतन मन (subconscious mind) में खुद की एक तस्वीर बनाते है, जिसे हम “मैं” के नाम से जानते हैं। जैसे, “मैं वह इंसान हूं जो आगे बढ़ेगा” या “मैं वह इंसान हूँ जो जीवन में सफल होगा”। अगर आप सही चीज़ को देख कर विश्वास बना रहे हैं तो सफल होंगे। लेकिन सिर्फ अपना मन रखने के लिए गलत चीजों को देखकर विश्वास बना रहे हैं, तो आप असफल भी हो सकते हैं इसलिए यह पहचानना बहुत जरूरी है कि सही और गलत विश्वास क्या है।

लेखक कहते हैं कि हमारे विश्वास में बहुत ताकत है। अगर कोई मुझसे पूछे कि सफल और असफल इंसान में क्या फर्क है? मैं कहूंगा सिर्फ और सिर्फ एक विश्वास का ही फर्क है। सफल इंसान को विश्वास होता कि मैं सफल बनूँगा, इसलिए वो सफल इंसान बनता है। असफल इंसान को खुद पर शक रहता है कि, शायद मैं सफल नहीं हो सकता इसलिए आज वह  असफल है।

व्यक्तिगत विश्वास बनाने के लिए लेखक एक tip बताते है। आप उन्हीं लोगों को देखिए, उन्हीं लोगों के बारे में पढ़िए या उन्हीं लोगों को सुनिए, जिनकी तरह आप बनना चाहते है। ऐसा करने से आप उनके मानसिकता (mindset) को समझ पाएंगे और अपने मानसिकता को वैसा बना पाएंगे। ऐसा करने से आपको ज्यादा लोगों की सलाह भी नहीं लेनी पड़ेगी।

Awaken The Power Of Faith

सिर्फ उन्हीं लोगों को follow करके और सीखे हुए तरीकों को लागू करने से, आपका विश्वास मजबूत होता जाएगा। याद रहे सिर्फ उन्हीं लोगों को follow करें, जिनके पास वह परिणाम (results) है या वो उन परिणाम को पाने के दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जिन  परिणाम को आप अपने जीवन में पाना चाहते हैं। और एक बार आपका विश्वास सफल लोगों की तरह मज़बूत हो जाये तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।

बचपन से हमारे अंदर माता-पिता, दोस्त, आस पास के लोग और media के द्वारा कुछ फ़िज़ूल के विश्वासों को भर दिए गए हैं, उन विश्वासों से प्रभावित (influence) होकर काम करने से, जीवन में उसी तरह के कार्य करते हैं और बदले में वैसे परिणाम मिलते हैं। ऐसे विश्वासों को ज्यादातर लोग कभी जीवन में बदलने की कोशिश ही नहीं करते। कभी खुद से सवाल नहीं करते कि, अगर कोई बात बताई गई है तो क्यों बताई है, क्या यह आज के समय में हमारे लिए उपयोगी है?

जैसे सामान्य रूप से middle class परिवार में बच्चों को बचपन से बताया जाता है कि, हम middle class लोग है, चाहे जितनी भी मेहनत कर ले कभी भी अमीर नहीं हो पाएंगे। ऐसे में 90% लोग बिना अपनी काबिलियत का इस्तेमाल किये, इस बात को सच मान कर बैठ जाते हैं।

वहीं 10% लोग इस विश्वास को अपने दिमाग से निकाल कर अमीर बनने वाली बातों में विश्वास करना शुरू करते हैं, जिससे वह एक अमीर और सफल इंसान बनते हैं। सफल और खुश जीवन जीने के लिए यह जरूरी है कि, आप अपने विश्वासों को लेकर सवाल पूछे और देखें कि क्या यह आपके लिए ठीक हैं, आपकी ख़ुशी और विकास (growth) के लिए मददगार (helpful) हैं या नहीं।

सीमाए

एक बार आप अपने दिमाग में सभी सीमित विश्वासों को पहचान कर ले, तो उन्हें सहायक (supportive) विश्वासों से बदलना आसान हो जाता है। ऐसा करके आप अपने मानसिकता  को relax कर सकते हैं और आगे बढ़ने के लिए नयी और जरूरी रणनीतियां (strategies) बना सकते हैं।

इस तरह सोचें ताकि अगली बार जब आपके दिमाग में कोई नकारात्मक विचार (negative thoughts) आये तो उसे फटाफट अपने दिमाग से निकाल कर, अपने आप को एक भरोसा दिलाएं कि आपको किसी नकारात्मक विश्वासों की जरूरत नहीं है और आप सकारात्मक विश्वासों के साथ ख़ुशी से आगे बढ़ रहे हैं।

आस्था वो शक्ति है जो हमारे विश्वास को हकीकत में बदलती है। जब आप किसी चीज़ को बिना किसी संदेह के मान लेते है तो वह विश्वास बन जाता है। जैसा Jesus कहते है कि, अगर आपने सोच लिया, की आप एक पहाड़ तोड़कर समुद्र में फेंक देंगे और आपके मन में अपने लिए कोई भी शक नहीं आया, तो आप जरूर ऐसा कर लेंगे।

कई लोग कभी अपने आस्था की असली शक्ति समझ नहीं पाते। अगर आपको अपने ऊपर विश्वास है तो हर चीज़ हासिल करना आसान है। मजबूत विश्वाश से आधे से ज्यादा शक तो अपने आप ही खत्म हो जाते हैं। आप अपने पूरे सम्भावना (potential) का उपयोग कर सकते हैं।

उदाहरण के लिए,आपके पास कुछ पैसे हैं और आप उनको दो जगह निवेश (invest) कर सकते हैं। पूरे पैसों को दोनों जगह आधा-आधा निवेश कर ले, एक जगह ज्यादा एक जगह कम निवेश कर दें या पूरा पैसा एक जगह निवेश करें। इसी तरह हमारा विश्वास यानी आस्था भी एक asset की तरह है।

जिसको आप चाहे तो सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने वाली चीज़ों से निवेश करें या चाहे तो नकारात्मक ऊर्जा में निवेश करें, यह आपकी इच्छा है। सकारात्मक ऊर्जा में निवेश करने से ख़ुशी और शक्ति बढ़ती है और नकारात्मक ऊर्जा में निवेश करने से जीवन में दुखी और पीछे ही रहेंगे। इसलिए सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने वाली बातों में भरोसा करें। इसके लिए beleif function को समझना जरूरी है।

  • जैसा विश्वास वैसी भावना (feelings) होती हैं।
  • जैसी भावना वैसे कार्य होते हैं।
  • जैसे कार्य वैसे परिणाम होते है।
  • और जैसा परिणाम वैसी आस्था विकसित होती है।

जैसा विश्वास वैसी भावना का मतलब है, जैसा आप अपने लिए विश्वास करेंगे वैसा ही महसूस करेंगे। सकारात्मक सोचते हैं तो सकारात्मक महसूस करेंगे। जैसी भावना वैसे कार्य होते हैं। मतलब, अच्छा महसूस करने से हम सकारात्मक कार्य करने के लिए प्रेरित (inspire)  होते हैं और नकारात्मक सोच से नकारात्मक कार्यों को करने के लिए प्रभावित होते हैं। इस तरह हमारी भावना का हमारे कार्य पर बहुत असर पड़ता है।

जैसे कार्य वैसा परिणाम होता है। मतलब, रोज़ व्यायाम, जैसे अच्छे कार्य लेने से माँसपेशियाँ (muscles) मजबूत होती है और आप पूरे दिन सक्रिय रहेंगे। और जैसा हमारा परिणाम वैसा आस्था विकसित होता है। मतलब एक बार जब कार्य लेने से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं, तो उन कार्य पर भरोसा बढ़ जाता है। अगली बार हम ज्यादा भरोसे से दुगनी मेहनत करते हैं। नकारात्मक भावना के साथ काम करने से परिणाम भी नकारात्मक मिलता और आप उन कार्य पर पूरी तरह भरोसा नहीं कर पाते।

विश्वास का cycle

हमारा विश्वास दो तरह से विकसित होता है। नकारात्मक आस्था cycle और सकारात्मक आस्था cycle।

आइये नकारात्मक आस्था cycle को समझें। 2  Team के बीच में Football match हो रहा है। एक है Team A और दूसरी Team B। Match जिस शहर में हो रहा है वह team A का hometown है, और क्योंकि यह team A का hometown है इसलिए ज्यादातर लोग team A के लिए cheer कर रहे है। अब match ऐसे मोड़ पर है जहां team A आगे है और team B पीछे है। आप इस परिदृश्य (scenario) को अपने दिमाग में कल्पना करके देखिए।

दोनों teams ने एक ही आस्था के साथ इस match को शुरू किया था कि हम match जीतेंगे। लेकिन अब क्योंकि एक team आगे निकल चुकी है इससे दूसरी team सोच रही है कि आज हम हार जाएंगे। यही मुख्य शुरुआत है, जहां पर अब उनको लगने लगा कि वह हार जाएंगे। अब दूसरी team के मन में नकारात्मक आस्था cycle की शुरुआत हो गई, जहां धीरे-धीरे उनका मनोबल नीचे आने लग गया।

हालांकि अब भी दूसरी team के पास भी जीतने का मौका था लेकिन अब उनका जीतने का भरोसा या आस्था कमज़ोर होने लगा इसलिए उनकी प्रदर्शन (performance) और ज्यादा खराब होने लगी। जब उन्होंने हार मान ली तो looser की तरह महसूस करने लगे, जिसका असर खराब प्रदर्शन के रूप में दिखा और वह team match हार गई।

आइये अब हम नकारात्मक और सकारात्मक आस्था cycle समझते हैं l अब आप team A के बारे में सोच कर देखिए। जो धीरे-धीरे team B पर अपना दबदबा बना रही थी और लगातार जीत हासिल कर रही थी। जिससे उनका मनोबल ज्यादा बढ़ गया, वे उत्साहित  हो गए और ज्यादा खुश महसूस करने लगे, जिससे उनकी प्रदर्शन अच्छी होने लगी।

हालांकि उनके भी कई goal miss हुए, लेकिन जीत के विश्वास से वे bounce back करते गए और match को अपने काबू में करते गए। इस तरह goal होने से दोबारा विश्वास मजबूत होता गया, उन्होंने प्रेरित  (motivated) महसूस किया और सकारात्मक भावना से सकारात्मक कार्य किए और परिणाम यह हुआ कि वो match जीत गए।

दोनों teams ने एक ही विश्वास के साथ शुरुआत की, कि वे जीत सकते हैं। लेकिन इसके बावजूद  team B हार गई। इसलिए नहीं कि उन्हें आस्था नहीं था, बल्कि इसलिए क्योंकि उनका आस्था सकारात्मक से नकारात्मक में बदल गया। जबकि team A ने पूरे match के दौरान अपने जीतने के सकारात्मक विश्वास को बनाए रखा और जीत गयी।

Awaken The Power Of Faith Book

हम बचपन से जो सुनते, देखते और experience करते हैं, वह बातें हमारे faith के बीज की तरह बन जाती है। हम अपनी भावनाओं और विचारों पर इस हद तक विश्वास करने लगते हैं कि वे हमारी निजी वास्तविकता बन जाते हैं। हर विचार जिससे हम सहमत होते हैं, हर विचार जो हमें सहज लगता है चाहे अच्छा हो या बुरा, जाने-अनजाने हम उस विश्वास के आधार पर ही कदम उठाते हैं।

जो बच्चे अपने अभिभावक (parents) को बिना किसी शर्त दूसरों की मदद करते देखते हुए बड़े होते हैं, वे जाने अनजाने में खुद में एक helping nature विकसित करते हुए बड़े होते हैं। जब वे ऐसी स्थिति में होते हैं, जहां उनके आसपास किसी को मदद की जरूरत होती है, तो फटाफट उनकी मदद कर देते हैं, क्योंकि वे अपने अंदर उस आस्था के बीज के साथ बड़े हुए हैं।

उन्होंने अपने अभिभावक को यह कहते सुना है, “आपको लोगों के लिए दयालु और मददगार  होना चाहिए।” उन्होंने अपने अभिभावक को लोगों की मदद करते देखा है। इसलिए, वे बड़े होने पर उस आस्था पर शक नहीं करते बल्कि ख़ुशी-ख़ुशी उसे मान लेते है।

दूसरा उदाहरण  ऐसे बच्चों का है, जो बच्चे अपने अभिभावक को आर्थिक रूप से संघर्ष  (financially struggle) करते देखते हुए बड़े होते हैं। आमतौर पर उनके घर में पैसों को लेकर कमी और नकारात्मक बातें की जाती हैं इसलिए जाने अनजाने में उनके मन में पैसों को लेकर नकारात्मक भावना भर जाती है।

जैसे, “हमारे पास सभी जरूरत की चीज़े नहीं है”, “जीवन आसान नहीं है” और “अपनी मनचाही चीज़ों के साथ जीवन जीना आसान नहीं है। ये बातें उनके लिए आस्था का बीज बन जाती हैं। जब तक वे  अपनी उन भावनाओं और विश्वासों को बदलने की कोशिश नहीं करते, तब तक उनके गरीब रहने और जिंदगी भर संघर्ष करने की संभावना बनी रहती है। अपनी वास्तविकता से मुक्त होने के लिए, उन्हें अपने गरीब रहने वाले विश्वासों को बदलकर, अमीर बनने वाली बातों में भरोसा करना होगा।

ऐसे बच्चे जिनके अभिभावक बहुत अमीर होते है, वो इस विश्वास के साथ बड़े होते हैं, की पैसे कमाना आसान है। मनचाहे लक्ष्य पाने के लिए हमेशा जरूरी उपलब्ध संसाधन (resources) होते हैं, आपको बस उन्हें ढूंढकर इस्तेमाल करने की जरूरत है। इस विश्वास की वजह से ऐसे मानसिकता वाले बच्चों के अमीर बनने के मौके ज्यादा होते हैं। तो सीख यह है कि, पैसा, ख़ुशी और सफलता पाने के लिए आप पैसों, ख़ुशी और सफलता को लेकर अपने विश्वास को पहचान  करें और अपने अंदर इनसे संबंधित सकारात्मक सोच के बीज बोयें।

कुछ लोगों को लगता है कि, आस्था के सही बीज बोने के बाद भी उनको मनचाहे परिणाम नहीं मिले। इसका कारण है कि उनके आस्था में मजबूती की कमी है। मनचाहे परिणाम पाने के लिए आपका मन, अपने काम को लेकर unconditional and unshakeable होना चाहिए। यानि आपका आस्था इतना पक्का होना चाहिए कि कोई भी आपको गुमराह न कर सके।

उदाहरण के लिए, अपने corporate career में आगे बढ़ने के लिए, एक नौकरी में अस्वीकारता (rejection) के कारण, आप अगली नौकरी को ढूँढना तो नहीं छोड़ सकते। आपको बार-बार अस्वीकारता के बाद भी अपने ऊपर भरोसे के साथ फिर से मेहनत करना आना चाहिए। क्योंकि कोई भी चीज़ हमेशा एक बार में नहीं मिलेगी, आपको बार-बार मेहनत करनी होगी। शुरुआती दिनों में तो आप जो काम करेंगे उसमें अस्वीकारता और हार का सामना करके सीखते हुए आगे बढ़ने के लिए तैयार रहना होगा ।

दिन भर हमारे मन में कई तरह के विचार आते हैं। अब तक आप जान चुके हैं कि हर विचार एक तरह से विश्वास का बीज है। लेकिन क्या हर विचार आपके दिमाग में रहना deserve करता है? नहीं! सिर्फ उन्हीं विचार को अपने दिमाग में रखें, जो आपके सकारात्मक आस्था को मजबूत करने के लिए सहायता करे। फालतू के विचारों  पर अपना समय बर्बाद न करें, क्योंकि ऐसे विचारों से आप जरूरी काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे।

अपने दिमाग में आने वाले विचारों को लेकर सचेत रहें। उन्हें अपनी हकीकत में लाने के लिए हमेशा आस्था से जुड़े विचारों को अपने दिमाग में दोहराते रहें, क्योंकि जिस चीज़ पर हम ध्यान देते हैं, वह हमेशा बढ़ती है। उदाहरण के लिए, अगर आप व्यवसाय में सफल होना चाहते है, तो आपको अपने व्यवसाय में सफलता के विचारों को सिर्फ एक आम विचार के तरह नहीं लेना चाहिए, बल्कि उस विचार पर ख़ास ध्यान देना चाहिए। उस विचार पर पूरा ध्यान लगाना होगा और उस विचार की गहराई में जाना होगा ताकि आप उसे और ज़्यादा मज़बूत बना पाए।

दूसरी सबसे ज़रूरी चीज़ हमारी भावना है। हम इंसानों का दिमाग इस तरह से बना है कि हम सिर्फ उन चीजों पर ध्यान लगा पाते हैं जो हमें अच्छे एहसासों से जोड़ देती है। उन्हीं विचारों पर हमारा अवचेतन मन सबसे पहले जाता है। यही विचार असल जिंदगी में हकीकत बनने लगते हैं, इसलिए आस्था के बीज को मजबूती से बढ़ाने के लिए सकारात्मक भावना को उसके साथ जोड़िए।

मजबूत इरादे के साथ, आप जो चाहते हैं, उसके बारे में सोचते हुए सकारात्मक महसूस करें। इस तरह आप बार-बार अपने आस्था के लिए अपनी attention दिखाएंगे, तो वो अपने आप ही एक महत्वपूर्ण  सोच  बन जायेगा और उस सोच को हकीकत बनाने के लिए आपको कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा।

उदाहरण के लिए, एक बच्चे को football खेलना पसंद है, लेकिन अभिभावक उसे cricket खिलाना चाहते है, और उसको बार-बार cricket खेलने के लिए प्रेरित कर रहे है, लेकिन बच्चा अभिभावक की बात नहीं मान रहा और अभी भी football खेल रहा है। अभिभावक उसे cricket ground में भी लेकर गए, लेकिन वहां भी बच्चा football ground में बच्चों के साथ खेलने लगा।

ऐसा इसलिए क्योंकि, बच्चे को football खेलने से अच्छा महसूस होता है, जिससे उसके दिमाग में football को लेकर सकारात्मक विचार आते हैं, जो फिर से उसे अच्छा महसूस करवाते हैं और कार्य करने यानी football खेलने के लिए प्रेरित करते हैं। इसलिए अभिभावक उसको cricket खेलने के लिए कितना भी force करें, लेकिन वह सिर्फ football खेलेगा। कुछ ऐसा ही हमारी असल जिंदगी में भी होता है।

Awaken The Power Of Faith Summary

आप अपने life में जिस चीज़ को चाहते है उसके बारें में मन में नकारात्मक विचार आने से वो चीज़ दूर होने लगती है, क्योंकि आपके मन में उसे लेकर आया हुआ नकारात्मक सोच इसे हकीकत बनने से रोकता है। आपका मन उस काम को करने का नहीं करेगा और आप जरूरी मेहनत नहीं कर पाएंगे, जिसका परिणाम असफलता के रूप में भी मिल सकता है। इसलिए ऐसे में यह जरूरी है कि, उसी चीज़ के लिए सकारात्मक आस्था में भरोसा करें, ताकि उस नकारात्मक आस्था को दबा पाए, सकारात्मक आस्था को मजबूत कर पाए और अपने लक्ष्य के लिए जरूरी कार्य को ले सकें।

उदाहरण के लिए, आप अमीर बनना चाहता है लेकिन हर समय आप पैसों की कमीं वाली बातों में भरोसा करते है और चिंता करते है तो ज्यादा पैसे कमाने के मौके नहीं देख पाएंगे, जिसका परिणाम यह होगा कि कम पैसों में ही गुजारा करना पड़ेगा। इसलिए यह ज़रूरी है कि, अपने मनचाहे परिणाम से जुड़े विचारों में भरोसा करें और उस विचार से नहीं भटके।

सकारात्मक भावनाएँ

अब तक आपने जाना कि कैसे आस्था के बीज बोने से फल मिलते है। साथ ही अपने आस्था को पक्का करके लक्ष्य को पाना उतना ही आसान हो जाता है। अब अपने आप से एक सवाल पूछें कि, क्या आप अपनी जीवन में बड़ा बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं? क्या आप ऐसे परिणाम हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, जो आज असंभव या जादुई लग रहे हैं? तो उन्हें हकीकत बनाने के लिए आज से ही उन्हें पाने वाली बातों में आस्था या भरोसा करना शुरू कर दें। इसे बोएं, इसकी देख-रेख करें, इसे मजबूत बनायें और जल्द ही आप इसे अपनी जीवन में खिलते हुए देखेंगे।

दुनिया में आज तक जो भी बनाया गया है, बनाया जा रहा है, और बनाया जाएगा, पहले से ही उसकी images बनाने वाले लोगों के दिमाग में exists करती है, जिन्होनें विश्वास के साथ इसकी कल्पना की थी। जैसे Apple Company दुनिया के लिए बाद में बनी, लेकिन Steve Jobs के मन में पहले ही बन गयी। उसी तरह Microsoft Software लोगों के सामने बाद में आई, लेकिन Bill Gates के मन में पहले ही बन चुके थे। इन लोगों की तरह आपकी कल्पना में भी अपार संभावनाएं छुपी है। आज जो चीज़ें आपको अपनी आँखों से दिख रहीं है, वो किसी इंसान की कल्पना का ही परिणाम है।

इसलिए, जब आप नकारात्मकता या परिसीमन (limitation) का सामना करें, कभी आपको अस्वीकारता का सामना करना पड़े, या परेशान करने वाली और आपके सम्भावना से ज़्यादा प्रयासों की demand करने वाली स्थिति आये, तो याद रखें कि आपके अंदर अनंत संभावनाएं हैं जो इस अनदेखे दुनिया में मौजूद हैं। यह सच्चाई आपकी जागरुकता को बढ़ाएगी और आपके विचारों को हकीकत बनाने के तरीके ढूंढने में समर्थन करेगी।

हर इंसान जीवन को अद्भुत (amazing) बनाना चाहता है, जिसके लिए वो दिन भर सोचता है। लेकिन कुछ लोग ही इसे सच में अद्भुत बनाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वो सही समय पर सही बात में भरोसा करते हैं। कई बार जीवन के उतार- चढ़ाव की वजह से जरूरी आस्था से भटक जाते हैं इसलिए इन्हें याद रखने के लिए लेखक Faith Fair Book बनाने के लिए कहते हैं।

इसके लिए अपने सकारात्मक आस्था और विचारों को एक जगह लिख ले। ऐसा करके उन बातों में आपका भरोसा मजबूत बनेगा। इसके लिए एक छोटी diary बना सकते हैं जहां आप अपने दिनभर के महत्त्वपूर्ण विश्वासों को लिखें और हफ्ते में एक बार उसे पढ़ें। ऐसा करने से आप अपने सकारात्मक विश्वासों को लेकर ज़्यादा clear होते जायेंगे।

हम में से हर किसी की अपनी values और उद्देश्य (purpose) कि अपनी मानसिकता है, इसके बारे में स्पष्टता के लिए इन सभी को Faith Fair Book में लिखना जरूरी है। अपनी Faith Fair Book लिखते समय ध्यान रखें कि, यह Faith Fair Book आपके आस्था को हकीकत बनाने का स्त्रोत हैं, जिसमें आप पूरे विश्वास के साथ अपने उन विश्वासों को लिखते हैं जिन्हें हकीकत बनाना चाहते हैं, जिससे आप जो चाहते हैं उसके लिए आस्था के बीज बोते हैं।

इसलिए बिना यह सोचें कि आस्था को हकीकत बना सकते हैं या नहीं, तटस्थ (neutral) होकर Faith Fair Book को लिखें। जब आप Faith Fair Book को तटस्थ आस्था के साथ लिखेंगे तो अपने जीवन में चमत्कारपूर्ण (miraculous) परिवर्तन को अनुभव करेंगे।

आस्था के इस किताब में अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों को लिखें और समय-समय पर इसे देखते रहें। दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुसार, लघुकालिक (short term) लक्ष्यों को बनायें। इस यात्रा (journey) के दौरान आने वाले चुनौतियों का सामना करें और याद रखें कि, अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों और विश्वासों को नहीं बदलेंगे।

Awaken The Power Of Faith Hindi

निष्कर्ष

दोस्तों इस किताब से अब तक जो सीखा है उसको एक बार दोहरा लें ताकि आसानी से याद रहे:

  1. आस्था यानी विश्वास हम इंसानों के अंदर पहले से ही मौजूद है, बस ज़रुरत है इसे जगाने की। आज आप जिस समाज में रहते हैं, उसमें आपके आसपास कुछ लोग बहुत ही ज्यादा सफल और कुछ असफल होंगे, क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों? क्योंकि सफल लोगों ने हमेशा अपने मेहनत और अपने ऊपर विश्वास रखा है।
  2. आस्था या विश्वास वह हैं जो आपको बताए गए हैं, आपने कहीं सुने हैं या उन्हें मान चुके हैं। समय के साथ जितनी ज्यादा ज्ञान हम लेते हैं, हमारे आस्था बदलते हैं।
  3. आपको कभी भी, सच्चाई से नहीं भागना चाहिए। आपको कम से कम यह पता होना चाहिए कि सच्चाई क्या है।
  4. व्यक्तिगत विश्वास को बनाने के लिए आप उन्हीं लोगों की बातों में भरोसा करें, उन्हीं लोगों के बारे में पढ़िए या उन्हीं लोगों को सुनिए जिनकी तरह आप बनना चाहते है।
  5. एक बार आप अपने दिमाग में सभी परिसीमन विश्वासों की पहचान कर ले, तो उन्हें समर्थक विश्वसों से बदलना आसान हो जाता है।
  6. जैसा विश्वास वैसी भावना होती हैं। जैसी भावना वैसे कार्य होते हैं। जैसे कार्य वैसा परिणाम होता है। और जैसा हमारा परिणाम वैसा आस्था विकसित होता है।
  7. हम बचपन से जो सुनते, देखते और अनुभव करते हैं, वह बातें हमारे आस्था के बीज की तरह बन जाती है। हम अपनी भावनाओं और विचारों पर इस हद तक विश्वास करने लगते हैं कि वे हमारी व्यक्तिगत हकीकत बन जाते हैं।
  8. अपने दिमाग में आने वाले विचारों को लेकर सचेत  (conscious) रहें। उन्हें अपनी हकीकत में लाने के लिए हमेशा आस्था से जुड़े विचारों को अपने दिमाग में दोहराते रहें, क्योंकि जिस चीज़ पर हम ध्यान देते हैं, वह हमेशा बढ़ती है।
  9. हम इंसानों का दिमाग इस तरह से बना है कि हम सिर्फ उन चीजों पर ध्यान लगा पाते हैं जो हमें अच्छी भावना से जोड़ देती है। उन्हीं विचारों पर हमारा अवचेतन दिमाग सबसे पहले जाता है। यही विचार असल जिंदगी में हकीकत बनने लगते हैं।
  10. दुनिया में आज तक जो भी बनाया गया है, बनाया जा रहा है, और बनाया जाएगा, पहले से ही उसकी तस्वीरें बनाने वाले लोगों के दिमाग में  exist करती है।
  11. अपनी Faith Fair Book लिखते समय ध्यान रखें कि, यह Faith Fair Book आपके आस्था को हकीकत बनाने का स्रोत हैं, जिसमें आप पूरे विश्वास के साथ अपने उन विश्वासों को लिखते हैं जिन्हें हकीकत बनाना चाहते हैं, जिससे आप जो चाहते हैं उसके लिए आस्था के बीज बोते हैं।

अब हम Sirshree जी के Tejgyan Foundation के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Sirshree’s Tejgyan Foundation

खुशी की भावना आपके विचार पर निर्भर करती है। सोचें, अगर आपके विचार में आनंद ही आनंद है, तो आप अपनी जिंदगी में भी आनंद ही पाएँगे। Tejgyan human society में, ऐसे ही शुभ विचारों की क्रांति (revolution) लाने के लिए स्थापित की गई एक संगठन है। Tejgyan Foundation एक Charitable Trust है।

इस institution की स्थापना Sirshree द्वारा 1998 में की गई। Tej Gyan Foundation का बुनियादी तत्व यह है, कि सब मान्यताओं का खेल है, सब अपने आपमें पूरा है। समझ आने से ही, दुःख का कारण बनने वाली सभी गलत मान्यताएँ, धारणाएँ टूट सकती है। अब हम Sirshree जी के Tej Gyan Foundation के बारे में विस्तार से जानते हैं। दुनिया में शांति लाने के लिए, इस संस्था द्वारा बहुत से कार्यक्रम आयोजित किये गये किए जाते हैं, जो Sirshree की शिक्षण (teachings) पर ही आधारित होते हैं।

अब तक लगभग 1 लाख से भी अधिक लोगों ने महाआसमानी परम ज्ञान शिविर का फ़ायदा  लिया है। इस camp का लक्ष्य है, ‘दुनिया का हर इंसान ‘मैं कौन हूँ’ इस सवाल का जवाब जानकर परम आनंद में स्थापित हो जाए।’ पुणे शहर के बाहरी क्षेत्र में पहाड़ों और निसर्ग के असीम सौंदर्य के बीच, बसे हुए ‘मनन आश्रम’ पर, यह camp संगठित किया जाता है। Tej Gyan का आनंद, आप महाआसमानी परम ज्ञान शिविर में भाग लेकर ही ले सकते हैं।

धन्यवाद दोस्तों, मुझे आशा है कि आपको यह summary पसंद आया होगा। मुझे आशा है कि आप इस पुस्तक के सभी पाठों को अपने जीवन में अपनाएंगे, आप अपना जीवन और भी बेहतर तरीके से जिएंगे। आप इस पुस्तक को order करके अधिक विवरण पढ़ सकते हैं। यह किताब हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है।

Awaken The Power Of Faith किताब की समीक्षा

Awaken The Power Of Faith एक परिवर्तनकारी masterpiece है जो अपने पाठकों को प्रेरित और enlighten करती है। यह किताब पारंपरिक साहित्य की सीमाओं को पार करती है, आस्था और आध्यात्मिकता (spirituality) के क्षेत्र में उतरती है।

लेखक का लेखन वाक्पटु (eloquent) और गहराई में ले जाने वाला है, जो पाठकों को एक आध्यात्मिक यात्रा पर मार्गदर्शन करता है जो विश्वास की वास्तविक क्षमता का पता लगाता है। व्यक्तिगत उपाख्यानों (anecdotes), व्यावहारिक शिक्षाओं और व्यावहारिक अभ्यासों के combination के माध्यम से, किताब पाठकों को उनके विश्वास की असीमित शक्ति का लाभ उठाने के लिए एक roadmap प्रदान करती है।

किताब की असाधारण विशेषताओं में से एक इसकी पाठकों से व्यक्तिगत स्तर पर जुड़ने की क्षमता है। यह उपदेश नहीं देता है या विश्वास थोपता नहीं है, बल्कि पाठकों को अपने विश्वास और आध्यात्मिकता का इस तरह से पता लगाने के लिए आमंत्रित (invite) करता है जो प्रामाणिक (authentic) और सार्थक लगता है। लेखक की सहानुभूति हर पृष्ठ पर चमकती है, जिससे साझा किए गए अनुभवों से जुड़ना आसान हो जाता है।

कुल मिलाकर, “Awaken The Power Of Faith” एक गहन और जीवन बदलने वाली किताब है जो हम सभी के भीतर विश्वास जगाने की क्षमता रखती है। आध्यात्मिक विकास, व्यक्तिगत परिवर्तन और आस्था की शक्ति से गहरा संबंध चाहने वाले किसी भी व्यक्ति को इसे अवश्य पढ़ना चाहिए।

धन्यवाद।

1 thought on “Awaken The Power Of Faith (हिन्दी)”

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