You Are Not Your Brain

You Are Not Your Brain (हिन्दी)

Jeffrey M. Schwartz और Rebecca Gladding द्वारा लिखित 'You Are Not Your Brain' हमें एक ऐसी यात्रा पर ले जाती है जहां हम विचारों और आदतों के बीच के संबंध को समझते हैं। यह किताब पाठकों को दोहराए जाने वाले व्यवहारों से मुक्त होने और उनके मानसिक कल्याण पर नियंत्रण रखने का अधिकार देती है। यदि आप नियंत्रण लेने के लिए तैयार हैं, तो यह किताब आपके लिए ही लिखी गई है!

Jeffrey Schwartz & Rebecca Gladding 15 mins read Read in English Build Habits Mental Health Productivity Psychology Self Improvement

आज हम एक ऐसी किताब के बारे में बात करने वाले हैं, जिसमें सिखाए गए lessons को अपनी जिंदगी में अपनाकर, आप गलत आदतों को अच्छी आदतों से बदल सकते हैं, unhealthy thinking को positive और बेहतर thinking में बदल सकते हैं। और इस तरह अपनी जिंदगी का control अपने हाथ में ले सकते हैं। हम जिस किताब के बारे में बात करने जा रहे हैं, उसका नाम है “You Are Not Your Brain” जिसे Jeffrey M. Schwartz  और  Rebecca Gladding ने लिखा है।

परिचय

Author Jeffery एक मशहूर neuropsychologist है, जिन्होंने सैकड़ों लोगों पर research करके, ऐसे 4 तरीकों ढूंढे है, जिनका इस्तेमाल करके, आप अपनी खराब आदतों को बदल सकते हैं, और positive thinking को अपनाकर अपनी जिंदगी का control अपने हाथ में ले सकते हैं। Author कहते है कि आपका दिमाग आपका सबसे अच्छा दोस्त है

किताब को अच्छे से समझने के लिए हम इस किताब को 10 ज़रूरी भागों में discuss करने जा रहे है।

 तो चलिए शुरू करते है।

भाग 1. आदतों को बदलने के लिए self directed Neuro Plasticity को इस्तेमाल करें

Self Directed Neuro Plasticity का मतलब है अपने दिमाग पर focus करके उसे अपने अनुसार चलाना है। इसमें Neuro का मतलब दिमाग के उस हिस्से से है, जहां से विचार और भावनाएं control होती हैं। और Plasticity का मतलब है, कि भले ही यह हिस्सा काफी ठोस हो, लेकिन आप कुछ process या इस पर कुछ काम करके, इसे अपने अनुसार plastic की तरह बदल सकते हैं।

आसान भाषा में समझे तो, आप अपने दिमाग के उस हिस्से जहां से विचार और भावनाएं control होती हैं, उस पर ध्यान देकर वहां से अपनी मनचाही भावनाओं और मनचाहे अच्छे विचारों को सोचकर आप अपने बुरे विचारों को अच्छे और positive विचारों से बदल सकते हैं। और इसी तरह 21 से 90 दिनों तक लगातार इसे करने से, आप अपनी किसी भी बुरी आदत को अच्छी आदत से बदल सकते हैं।

भाग 2. Hebb‘s Law और Quantum Zeno Effect

आप इन दो concepts को सीख कर और इन्हें अपनी जिंदगी में अपना कर, Neuro Plasticity का फायदा उठा सकते हैं। मतलब अपने दिमाग पर control कर सकते हैं।

You Are Not Your Brain

Number एक है “Hebb’s law”, इस law के मुताबिक हमारे दिमाग के Neurons या फिर आसान भाषा में कहें तो विचार, जो एक साथ हमारी जिंदगी को effect करते हैं, वह एक ही साथ काम करते हैं। मतलब अपने दिमाग के जिस हिस्से का आप ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, वह हिस्सा उतना ही ज्यादा मजबूत बनता चला जाता है।

इसे हम एक example के साथ आसान शब्दों में समझते हैं। मान लीजिए, कि आप एक नई job करते हैं, जहां पर आप को समय से पहुंचने के लिए, रोज सुबह 8:00 बजे बस पकड़नी पड़ती है। पहले एक हफ्ते में तो सब कुछ सही चलता है, लेकिन अगले हफ्ते के मंगलवार को, आप 8:10 am पर bus-stand पर पहुंचते हैं, जिस वजह से आपकी बस छूट जाती है और office late पहुंचने के कारण, आप शर्मिंदा भी होते हैं और senior आप पर गुस्सा भी करते हैं। इस वजह से हो सकता है, कि आप अच्छा महसूस न करें और परेशान होने लगें।

लेकिन दो-तीन बार ऐसा ही लगातार होने के बाद, जब आप बार-बार परेशान और कुछ तनाव महसूस करते हैं , तो इसको दूर करने के लिए कई लोग cigarette पीने का सहारा लेते हैं। Cigarette पीने से दिमाग को nicotine मिलता है, nicotine एक तरह का hormone है, जिससे खुशी release होती है और तनाव कम हो जाता है। और कुछ समय ऐसा करने के बाद, धीरे-धीरे यह आपकी आदत बन जाती है और कुछ हफ्तों के बाद bus-stand या  पर late पहुंचना, परेशानी या तनाव का कारण बनने की वजह से cigarette पीकर nicotine या खुशी हासिल करने का एक मौका बन जाता है।

और वही से जन्म होता है एक खराब आदत का, जो कहीं ना कहीं आपकी personal और professional दोनों life को खराब कर सकती है। और एक बार इस तरह की गलत आदत लगने के बाद, cigarette ना पीना, परेशानी और तनाव की वजह बन जाती है, भले ही आप office समय से पहुंचे या नहीं। इस तरह हमें खुशी मिलने वाले, जिस काम को हम बार-बार करते हैं, वह हमारी आदत बनने लगती है फिर चाहे उससे मिलने वाले results हमारे favour में हो या हमारे against में।

ऐसी condition में फंसने के बाद कुछ लोग कहते हैं, कि वह अपने आप पर control नहीं रख पा रहे हैं, इसलिए cigarette पीना उनके लिए बहुत जरूरी है। लेकिन अगर ध्यान से इस situation को देखें, तो किसी इंसान को cigarette पीने से खुशी मिलती है, यह उसने अपने आप ही अपने दिमाग को कुछ पहले ही बताया था, और फिर इसे लगातार practice करके भी दिखाया, कि उसे cigarette पीने से खुशी मिल रही है। और उनकी  इस activity के वजह से ही दिमाग ने स्वीकार किया, कि हां इस काम को करने से खुशी मिलती है।

इस तरह पहले हमारा control हमारे दिमाग पर होता है, अगर हम अपने विचारों को सही से अपने favour में control करें तो, यह हमें वह सब पाने में मदद कर सकता है, जो हम चाहते हैं।

इसलिए ऐसी condition में आपको चाहिए, कि आप समय से office पहुंचने में खुशी को महसूस करें, ऐसा करने से कुछ दिनों में आप देखेंगे, कि आप समय से office पहुंच रहे हैं, जिससे आपको कई फायदे होंगे। सबसे पहले आपको खुशी मिलेगी, दूसरा cigarette ना पीने के वजह से आप healthy रहेंगे और तीसरा आपकी personal और professional life भी बेहतर बनेगी। तो इस rule की सीख ये है, कि इस तरह अपनी लाइ life फ में उन आदतों को अपनाएं, जिससे आपको खुशी भी मिले और वास्तविक जिंदगी में उनसे फायदा भी हो।

दूसरा concept Quantum Zeno Effect है, यह एक यूनानी philosopher के जरिए बताया गया नियम है, अगर हम इसे आसान भाषा में समझे तो इसका मतलब है, practice कर कर के एक बेवकूफ इंसान भी, बुद्धिमान बन सकता है। इसी तरह एक इंसान जिसकी आदतें ठीक ना हो, वह भी अच्छी आदतों की, लगातार होश में रहकर practice करते हुए, अच्छी आदतों को अपनाकर, अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकता है।

इस नियम की सीख यह है, कि अगर आप negative thinking की जगह positive सोचना चाहते हैं, तो actively हमेशा positive ही सोचें, इसी तरह अगर आप कामयाब बनना चाहते हैं, तो हमेशा कामयाबी के बारे में सोचे, कि आप कैसे कामयाब बन सकते हैं? कामयाब बनने के बाद, आप किस तरह बेहतरीन जिंदगी जीने वाले हैं। और इसी तरह लगातार आप ऐसा 21 दिनों तक सोचने से, यह आपकी आदत बन जाएगी।

भाग 3. बुरी आदतों को छोड़ने के लिए इन चार steps को अपनाएं

यह भाग इस किताब का सबसे महत्वपूर्ण भाग है, क्योंकि इसमें ही हम उन steps को discuss करने जा रहे हैं, जिन्हें इस्तेमाल करके, आपको बुरी आदतों को खत्म करके, अच्छी आदतों को अपनाने में काफी मदद मिलेगी।

पहला कदम: अपने विचारों के बारे में जागरूक होना, यानि उन विचारों के बारे में aware होना और जानना, जो आपको negativity की तरफ ले जा रहे हैं और उन विचारों के बारे में भी जानना जिनसे आपको खुशी मिलती है और फायदेमंद भी हैं। हर सुबह 5 minute meditation की practice करके, आप इस कला में माहिर बन सकते हैं।

दूसरा कदम: दूसरा तरीका है विचारों को label करना , यानि हर रोज आपके दिमाग में आने वाले विचारों को 2 भागों में बाटना, एक भाग में वो विचार, जो आपके लिए जरूरी है और दूसरा भाग में जो जरूरी नहीं है।

तीसरा कदम: तीसरा तरीका है positive activity पर ध्यान देना यह natural law है, कि जिस चीज पर हम ज्यादा focus करते हैं, वह बढ़ती ही जाती हैं चाहे positive पर करें या nagitive पर। इसलिए negative विचारों को दूर करने और positive विचारों को बढ़ाने के लिए, positivity बढ़ाने वाली activities को ज्यादा करें।

जैसे किताब पढ़ना, positive लोगों की biographies पढ़ना, YouTube पर knowledgeable, प्रेंर्नापूर्ण और motivated लोगों को सुनना, Readers Books Club की book summary videos और इस तरह के positive लोगों के साथ ज्यादा समय बिताना। इन तरीकों के जरिए आप positivity को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं।

You Are Not Your Brain book

चौथा कदम: चौथा तरीका है विश्वास के साथ कदम उठाना अपने ऊपर विश्वास रखें, कि लगातार अच्छी आदतों को करते हुए, अच्छे विचारों को सोचते हुए और उसके लिए जरूरी actions लेते हुए, जल्द ही आपकी बुरी आदत अच्छी आदत में बदल जाएगी।

भाग 4. आप अपने दिमाग से defined नहीं हैं , बल्कि उसे खुद define करें

कई बार हमारा मन भटकने लगता है। हमारे दिमाग में ऐसे ऐसे विचार आते हैं, जिन्हें हम सोचना नहीं चाहते, जिन विचारों के साथ हम आगे नहीं जाना चाहते।

लेकिन इन सबके बावजूद, विचारों की उस तेज train को दोबारा अपने control में करने में, हम में से कई लोग असहाय महसूस करते हैं। ऐसा सभी के साथ होता है। तो क्या यह अच्छा नहीं रहेगा, कि हम यह जान लें, कि कैसे अपने विचारों को अपने control में करके, मन को control किया जाए?

Author का मानना है, कि ऐसा possible है, कि हम अपने विचारों को अपने control में कर ले, इससे पहले कि वह negativity फैलाएं या उनकी वजह से आप परेशान हो। इस बात को अच्छे से समझाने के लिए, वह एक मरीज की कहानी बताते हैं, जिनकी उन्होंने कभी मदद की थी।

यह कहानी है अमेरिका के एक young लड़के की, जिसने acting में अपने career की शुरुआत की थी। हालांकि शुरू में उसको छोटे-छोटे levels पर काफी अच्छी सफलता मिली, जिससे inspire होकर उसने और अच्छे level पर अपना audition देने का सोचा। और इसी तरह एक State Level Acting Competition में audition देने के दौरान, वहां के जज को उनका performance पसंद न आने के वजह से, जब जज ने उन को अच्छा नहीं कहा, तो वो demotivate होने लगे। उन्हें लगने लगा, कि वह वास्तव में अच्छी acting नहीं कर सकते और उस दिन के बाद से उनका acting career down जाने लगा।

इसी परेशानी को ठीक करने के लिए, वो author से मिले , जिन्होंने उनको examine करने के बाद बताया, कि यह सब उनके सोचने के वजह से हो रहा है।

उनके साथ ऐसा इसलिए हो रहा था, क्योंकि जहां उनका एक दिमाग यह कह रहा था, कि कोई बात नहीं, हम इस कमी को सुधार कर बेहतर actor बन सकते हैं, वहीं दूसरी तरफ उनका दिमाग कह रहा था, कि सच में तुम अच्छी acting नहीं कर सकते, ऐसे में उन्होंने negative वाले दिमाग को सुना, जो उनको define कर रहा था।

उसकी सुनने और उस पर focus करने की वजह से, negativity बढ़ती चली गई, जिसे control करना उनके हाथ में नहीं रह गया। लेकिन author से मिलने और अच्छी सलाह लेने के बाद, जब उन्होंने positive विचारों पर ध्यान देना शुरू किया तो, कुछ ही महीनों बाद वह बेहतर actor बनने लगे और उन्हें कई नए audition देने का भी मौका मिला। और कई में उन्होंने अच्छा perform भी किया।

इस तरह हम जो भी हैं ,उसको हम खुद define करते हैं, हमारा दिमाग नहीं। हमें ये करना चाहिए, कि अपने positive और ऐसे विचार जो फायदेमंद है, उन पर ध्यान दें और उनको ही entertain करें, negative को नजरंदाज़।

भाग 5. हम अपने दिमाग को फिर से train कर सकते हैं

जैसा कि हमने अंतिम भाग में discuss किया, कि जिस बारे में हम ज्यादा सोचते हैं, जिस पर हम ज्यादा focus करते हैं, वही चीज बढ़ने लगती है। चाहे वह positivity हो, कामयाबी हो, खुशी हो या दुख।

चाहे वह बुरी आदतें हो या अच्छी आदतें। खराब financial condition हो या अच्छा financial status। ये सब निर्भर करता है focus पर। इसलिए इस बात को जानने के बाद, हम अपने उन विचारों पर जो positivity, और खुशी लाते हैं, उन पर focus करके, अपने दिमाग को दोबारा से train कर सकते हैं।

You Are Not Your Brain Summary

बेहतर तरीके से सोचने के लिए, आप कुछ इस तरह के तरीके अपना सकते हैं:

  1. उन चीजों के बारे में सोचना शुरू करें जिनकी आप कदर करते हैं।
  2. उन चीजों और conditions के बारे में ज्यादा सोचे, जिनसे आपको खुशी मिलती है और जो आपके अंदर happy feelings generate करते हैं।
  3. ज्यादातर समय अपनी कामयाबी के बारे में सोचे।
  4. अपनी अच्छी financial condition के बारे में ज्यादा समय सोचे।
  5. अपने आप से positive बातें करें।
  6. हर condition में ऐसे सोचे, कि मैं खराब condition को अच्छी condition में कैसे बदल सकता हूं? बजाय कि वह सोचने के, कि मैं इसे नहीं कर सकता।
  7.  हर रोज meditation करें, ताकि बुरे विचारों के बारे में आप aware हो सके और अच्छे विचारों को जानकर, अच्छे विचारों पर ज्यादा focus कर सकें।
  8.  और ultimately खराब आदतों से अच्छी आदतें बदलने के लिए हर जरूरी कदम लें।

भाग 6. Reframing करें

बुरी आदतों या बुरे विचारों को दूर करने और अच्छे विचारों को अपनाने के लिए, label करने का तरीका बहुत अच्छा है, लेकिन सिर्फ label करके, अच्छा या बुरा में divide करके, बुरे को अच्छा करना थोड़ा मुश्किल है, इसके लिए इन विचारों से related, अपने नजरिए को बदलना भी जरूरी होता है।

ऐसा इसलिए जरूरी है, क्योंकि कई बार जब negative विचार आते हैं, तो हम में से कई लोग सोचते हैं, कि यह विचार भी important है या जरूरी है और या तो उन्हें सीधे स्वीकार कर लेते हैं या तो उन्हें सीधे reject कर देते हैं, बजाय कि उन पर सोच विचार करने के।

क्योंकि इस इस तरह के negative विचार पर सोच विचार करना, थोड़ा stressing हो सकता है। लेकिन ऐसा करना चहिये क्योंकि हर चीज का result जरूर मिलता है।

अगर हम उसे अच्छे से handle करेंगे, तो अच्छा result मिलता है और ठीक से handle ना करें तो उसके मुताबिक  result मिलते है। इसलिए ऐसी condition में हमें re-framing की जरूरत होती है।

Re-framing मतलब अपने point of view या नजरिए को बदलना। इसे आसानी से समझने के लिए, आइए हम एक मरीज की कहानी के जरिए इसे discuss करते हैं, जिसकी author ने मदद की थी।

मरीज की कहानी कुछ ऐसी है, कि जब वह जरूरी topics के बारे में सोच रहे होते थे, या फिर बात कर रहे होते थे, तो उनके दिमाग में दुसरे unneccesory ऐसे विचार आने लगते थे, जो वह नहीं चाहते थे कि आए। और author को बताते हुए उन्होंने accept किया, कि अगर ऐसा कुछ दिनों तक और रहा तो हो सकता है, कि मैं mentally बीमार होने लगूँ , अगर कुछ समय तक इसे ठीक नहीं किया गया, तो मेरे साथ कुछ बुरा हो सकता है।

ऐसा कुछ दिनों तक लगातार चलता रहा, उसके बाद author की सलाह के अनुसार, उस मरीज ने unneccesory विचारों को एक नाम या label दिया “foreign invader”।

क्योंकि इस नाम में एक तरह से दुश्मनी है, जिससे हर इंसान दूर रहना चाहता है। और ultimately unnecessary विचारों को ऐसा label या नाम देने की वजह से, मरीज ने यह महसूस किया ,कि कुछ दिनों में ही उस तरह के विचार आने कम हो गए। क्योंकि इस तरह के शब्दों में ऐसा sound है, जिन्हें कोई लड़ाकू या alien ही सुनना ज्यादा पसंद करेगा।

एक सभ्य इंसान सुनना शायद पसंद ना करें। इस तरफ पहला कदम यानि label करने के बाद, उन्हें दूसरा कदम उठाने का मौका मिला, जिसमें वह अपने आप से कुछ इस तरह की बातें कर सके, कि “मैं यह नहीं हूं, जो हर तरह के विचारों को सुनें, बल्कि वह सिर्फ मेरा दिमाग है।और मैं क्या सुनता और क्या Accept करता हूँ वह मैं हूं”, इसलिए चाहे मैं जो भी सुनूं, लेकिन स्वीकार वही करता हूं, जिससे मुझे फायदा हो, जो मेरे खुशी में योगदान दें और मेरी कामयाबी में योगदान दें।

You Are Not Your Brain Hindi

इस तरह की activity करने से, उन्हें यह जानने में मदद मिली, कि जो negative विचार आ रहे थे, उनका actual में किसी तरह का कोई existence ही नहीं था। उन पर विचार करके ठीक तरीके से manage करने से, उन्हें तुरंत खत्म किया जा सकता था। इस तरह इस भाग का lesson यह है,कि किसी भी बुरे विचार से डर कर, उसे reject करने की बजाय, शांत मन से उसके लिए एक समय निकालकर, उस बारे में सोचें और उससे दूर करने के तरीकों को, शांत मन से सोच कर लगातार अपनाएं।

ऐसा करने के कुछ दिनों में आप देखेंगे, कि negative विचार और खराब आदतें, धीरे-धीरे life से जा रही हैं और positive और अच्छी आदत है life में आ रही हैं।

भाग 7. फिर से ध्यान केंद्रित करें

फिर से ध्यान केंद्रित करना अगला जरूरी कदम है, जो हमें अपने ध्यान को फिर से train करने में काफी मदद करता है। यह जरूरी है खासकर तब, केंद्रित जब आप भी कई लोगों की तरह, अपने जरूरी कामों पर focus करने के लिए काफी संघर्ष करते हैं।

क्योंकि कई बार ऐसा विचार, जो किसी इंसान के लिए फायदेमंद नहीं है, लेकिन attractive होने की वजह से, वह अपने जरूरी काम पर focus नहीं कर पातें या उस पर focus करने में काफी संघर्ष करना पड़ता है।

इसलिए labeling और re-framing technique को अपनाने के साथ-साथ, इस तरीके को जानना और जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल करना भी बहुत जरूरी है।

Re-focus के इस तरीके में, productivity और positivity की तरफ ध्यान लाने वाले तरीकों को अपनाने की सलाह दी जाती है। इसके लिए उन positive विचारों के list बनाएं, जिन्हें आप सोचना चाहते हैं, उन अच्छी आदतों की list बनाएं, जिन्हें आप अपनाना चाहते हैं, अच्छे लोगों के की list बनाएं, जिनके साथ आप ज्यादा समय बिताना चाहते हैं। और जब भी किसी तरह का कोई negative विचार में दिमाग में आए, और उसे दूर करने का कोई immediate तरीका ना सूझे, तो ultimately अपनी positive विचारों की list पर ध्यान दें और उस बारे में सोचना शुरु कर दें।

या इसके लिए आप अपने किसी ऐसे दोस्त से बात कर सकते हैं, जो आपको positive रहने में मदद करें। इसके अलावा अपने काम से मिलने वाले, मनचाहे results के बारे में सोचें और पूरे focus के साथ काम में लग जाएं।

ऐसा करने से आप देखेंगे, कि अपने दिमाग को अपने हिसाब से मनचाही चीजों में engage करके, आप उसे control कर रहे हैं, और उसका फायदा उठा रहे हैं, बजाय कि वह आपको control करके आप का फायदा उठाएं।

हालांकि यहां पर यह याद रखना जरूरी है, कि यह तरीका negative विचारों को दिमाग में आने से रोकने या उन्हें reject करने का नहीं है, बल्कि उनके आने के बाद, उनसे positively deal करने का है, जिसमें आप negative विचार आने के बाद, सिर्फ अपने positive और मनचाहे विचारों और आदतों के बारे में सोचते हैं। और कुछ समय ऐसा सोचने के बाद, negative विचार अपने आप दिमाग से हटने लगते हैं और आप अच्छा महसूस करने लगते हैं।

भाग 8. Reevolution

सबसे जरूरी नियम अपने आप से मिलना है, अपने आप को दोबारा हासिल करना है, क्योंकि अगर हम यह करने में सक्षम नहीं है, तो हम नहीं जान सकते, कि कौन से विचार हमारे लिए जरूरी और फायदेमंद है। लेकिन इसके opposite, जितने लंबे समय तक हम खराब आदतों या खराब विचारों के साथ जुड़े रहते हैं, अपने आप से दूरी बढ़ती जाती है। जबकि Re-evolution के इस तरीके में, आपको अपने आप के साथ जुड़ने, प्यार करने, मतलब अपनी health, beauty, विचारों को महत्व देना सिखते हैं।

Re-evolution का यह तरीका आसान भाषा में कहें तो, अपने आपको kind mentality से देखने और treat करने का एक तरीका है। मतलब अपने आपसे सच में प्यार करना, अपने लिए जो सच में फायदेमंद है, उन विचारों को, उन आदतों को ही अपनाना। नाकि उनको, जो को कुछ समय के लिए attractive हो और नुकसानदेह न हो।

हालांकि यह रातों-रात नहीं होगा, लेकिन labeling, re-framing और re-focus जैसे तरीकों को लगातार इस्तेमाल करने से दिमाग में positive और productive रहने की शक्ति विकसित होती है। यह तरीका अपने आपको देखने और जुड़ने में मदद करता है, बजाय कि negative विचारों को surrender करने से।

ये तरीका आपको इस काबिल बनने में मदद करता हैं, कि अपने लिए सबसे अच्छे और सुरक्षित decision ले सके। इसलिए अगर आप चाहते हैं, कि खराब आदतें छोड़ कर अच्छी आदतें अपनाएं, अपने आप को बेहतर बनाएं और सच में आप अपने आप से प्यार करते हैं, तो इन labeling, framing आदि तरीकों को अपनाएं।

इसके लिए कुछ समय निकाल अपने अंदर देखें, कि क्या आप इन तरीकों को अपना रहे हैं या negative विचारों पर ही focus कर रहे हैं?

अगर अपना रहे हैं, तो इन्हें और ज्यादा और अच्छे तरीके से अपनाएं। और अगर नहीं तो इन्हें अपनाना शुरू करें, ताकि आपके दिमाग को आप control कर सके, ना कि दिमाग आपको।

भाग 9. आदतों को बदलने के लिए organic तरीको को इस्तेमाल करें

क्या आप जानते हैं कि लोग smoking क्यों करते हैं? जबकि वह जानते हैं, कि यह उनके लिए नुकसानदायक है। इसका जवाब है nicotine के लिए। लोग ज्यादा icecream क्यों खाते हैं जबकि उन्हें पता है कि यह उन्हें मोटा और unhealthy बना देगी। जाहिर सी बात है मीठे के लिए।

हम यह हमेशा इसलिए करते हैं, क्योंकि अपनी day-to-day life में उतार-चढ़ाव की वजह से होने वाले problems और तनाव को, कुछ समय के लिए दूर करने के लिए।

इस तरह की nicotine और मीठे तरीकों के जरिए हम उन्हें दूर करने की कोशिश करते हैं, लेकिन लगातार ऐसा बार-बार करने से, कई लोग इसके इतने आदी हो जाते हैं, कि फिर इसके बिना तनाव महसूस होने लगता है। 

जिंदगी के उतार-चढ़ाव पर, इस तनाव को कुछ समय के लिए दूर करने के लिए, कई लोग drugs जैसी खतरनाक चीजों का भी सेवन करते हैं। हालांकि वह अपने दिमाग से ठीक तरीके से deal करके, positive सोच कर उन तनाव को दूर कर सकते हैं, लेकिन तुरंत राहत की लालसा की  वजह से, वह smoking, drugs जैसी चीजों में इतने आदी हो जाते हैं, कि एक समय ऐसा आता है, कि इसके बिना उन्हें तनाव महसूस होने लगता है।

Author ने भी यह किताब, इसी तरह की परेशानियों को solve करने के मकसद से लिखी है। इसलिए हमें चाहिए, कि अपनी जिंदगी की परेशानियों को organic तरीके से, विचारों पर ध्यान देकर positive तरीके से handle करें।

उस बारे में positive सोच कर, उसे ठीक करने के positive तरीकों को अपनाते हुए, उस problem को solve  करें , ताकि वह problem भी ठीक हो और आपको भी ultimately उस तरीके से सीखकर, जिंदगी में कुछ और फायदा हो।

ना कि smoking, drug जैसे तरीकों से, जिन से तनाव से कुछ समय के लिए तो राहत मिल जाती है, लेकिन ultimately आपको कई तरह से नुकसान पहुंचता है।

भाग 10. तीन महत्त्वपूर्ण सबक

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पहला: अपने लिए फायदेमंद चीज़ को अपनाएं।

कई बार ऐसा होता होगा, कि social media पर scroll करते समय, कोई ad, short video आपको काफी attract कर जाती है। इसी तरह TV पर कोई तो आपको काफी अच्छा लगता है।

लेकिन यहां ध्यान से समझने की बात यह है, कि ऐसी situation में जब चीजें आपको अच्छी लगती है, तो वह आपको अच्छी नहीं लगती, बल्कि वह आपके दिमाग को अच्छी लगती है।

क्योंकि जैसा हमने पहले discuss किया, कि ऐसी चीजों को देखकर, हमारे दिमाग में nicotine जैसे कई Happy Hormones release होते हैं, जिनसे हमारे दिमाग को अच्छा महसूस होता है।

ऐसे के कई लोग, इसे अपने लिए भी अच्छा मान के, directly बिना सोचे समझे अपना लेते हैं, लेकिन Psychologist author ने जो हमेशा सलाह दी है, इस किताब में उसके मुताबिक, हमें ऐसी condition में analyze करना चाहिए, कि जो चीज हमारे दिमाग को अच्छी लग रही है, क्या वह हमारे लिए, हमारी वास्तविक खुशी, हमारी कामयाबी, health, beauty आदि के लिए सच में फायदेमंद है या नहीं?

अगर फायदेमंद है, तो ही उसे अपनाएं, नहीं तो उसे reject करके positivity पर focus करें। और reject करने के काफी तरीके हमने discuss किये, उनमें से कोई भी आ तरीका अपना सकते हैं।

दूसरा: 4 Steps के जरिए अपने विचारों पर control रखें

अगर हम short में discuss करें, तो सबसे पहला step है विचारों के बारे में aware रहें , जिसके लिए meditation कर सकते हैं। दूसरा step है label करें, कि कौन सा विचार आपके लिए अच्छा है और कौन सा नहीं। तीसरा है positive activity पर ध्यान दें। और चौथा है, विश्वास के साथ जरूरी actions लेते रहें।

तीसरा: अच्छी आदतों की notebook बनाएं और उनमें लिखें

आप जिन अच्छी आदतों को अपनाना चाहते हैं, जिन अच्छे विचारों को सोचना चाहते हैं, जिन अच्छे लोगों के साथ आप रहना चाहते हैं और जिस तरह की अच्छी Financial Condition में आप जीना चाहते हैं, उन्हें लिखें और implement करने के Action Plan के साथ, time to time जरूरी actions लेते रहें।

निष्कर्ष

तो दोस्तों, यह है खराब आदतों को छोड़ने और अच्छी आदतों को अपनाने के तरीके। मुझे उम्मीद है कि आप ने कई नई बातें और तरीके सीखे, जिन्हें अपनी जिंदगी में अपनाएं और अच्छी आदतों को अपनाते हुए, अपनी जिंदगी में positivity, खुशहाली और कामयाबी को attract करें।

You Are Not Your Brain किताब की समीक्षा

You Are Not Your Brain विचारों द्वारा नियंत्रित होने के विचार को चुनौती देता है।

लेखक Jeffrey Schwartz और Rebecca Gladding neuroscience और mindfulness से व्यावहारिक insights प्रस्तुत करते हैं, जो पाठकों को विनाशकारी विचार patterns को पहचानने और उससे मुक्त होने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।

किताब पाठकों को आत्म-जागरूकता और भावनात्मक नियंत्रण को बढ़ावा देते हुए, उनकी सोच को नया आकार देने का अधिकार देती है।

संबंधित उदाहरणों और अभ्यासों के माध्यम से, यह किसी के दिमाग पर नियंत्रण रखने, व्यक्तिगत विकास और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक नया insights प्रदान करता है।

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