Power of Brahmacharya (हिंदी)

9 mins read Self Development
Power of Brahmacharya

ब्रह्मचर्य, यह एक ऐसा शब्द है, जो भारत में बहुत ही सामान्य है। जब तक मैंने इसके बारे में detail में नहीं पढ़ा था, मुझे शायद ऐसा बहुत कुछ पता था, जो सच नहीं है। जैसे ब्रह्मचर्य का मतलब सिर्फ semen retention है, जो ऋषि मुनि बनना चाहते हैं, उसी को यह follow करना चाहिए। अगर आप अपना जीवन जी चुके हैं तो सन्यासी बन जाओ या ब्रह्मचर्य को follow करो।

बच्चे ब्रह्मचर्य को follow नहीं कर सकते हैं, शादी शुदा लोग ब्रह्मचर्य को follow नहीं कर सकते, लड़किया ब्रह्मचर्य को follow नहीं कर सकती। लेकिन इसमें से कुछ भी सच नहीं है। और जब से मैंने इसे जाना है, तब से मैं, अपने काम के साथ-साथ, बेहतर जिंदगी की ओर निकल पड़ा हूँ। जीवन के हर क्षेत्र में मैं बदलाव देख पा रहा हूं।

तो आज हम इसी के बारे में विस्तार में जानेंगे, और देखेंगे कि कैसे हम अपनी जिंदगी ब्रह्मचर्य को follow करके, हम अपनी जिंदगी को पूरी तरह से कैसे बदल सकते हैं।

ब्रह्मचर्य (Brahmacharya) क्या है?

Readers Books Club

जैसा कि हमने सुना है, कि भगवान श्री हनुमान जी, आदी शंकराचार्य जी, और भी बहुत से लोगों ने जीवन भर ब्रह्मचर्य का पालन करके, बहुत बड़े बड़े काम किए। इनके लिए ब्रह्मचर्य से मतलब है कि, सिर्फ अपनी energy को खराब करने की बजाय एक सही जगह लगाने से है।

ब्रह्मचर्य दो शब्दों :- ब्रह्म और चर्य से मिलकर बना है, जिसका सीधा मतलब, ज्ञान हासिल करने के लिए जीवन बिताना होता है। ब्रह्मचर्य योग के नींव स्तंभों (foundation pillars) में से एक है। ब्रह्मचर्य का मतलब एक सादा जीवन जीना, अच्छे विचारों के जरिए, अपने semen को सुरक्षित करना मतलब गलत जगह व्यर्थ न करना, भगवान का ध्यान करना और ज्यादा से ज्यादा सीखना होता है ।

ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए, लोगों को आने वाले जीवन के लिए ज्ञान प्राप्त करना होता है। ब्रह्मचर्य से असाधारण ज्ञान पाया जा सकता है – यह इतना अधिक प्रभावी होता है कि वैदिक काल से लेकर आज के समय के सभी संतों ने इसे अपनाने के लिए कहा है।

ब्रह्मचर्य हमारे जीवन में उतना ही जरूरी होता है, जितना जरुरी सांस लेना होता है। आज से पहले हजारों साल से हमारे संत ऋषि ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं, क्योंकि ब्रह्मचर्य का पालन करने से हम इस दुनिया की सारी खुशियां हासिल कर सकते हैं। ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले लोगों को ही ब्रह्मचारी कहा जाता है।

आयुर्वेद में कहा गया है कि ब्रह्मचर्य शरीर के तीन स्तंभों में से एक मुख्य स्तंभ है। आयुर्वेद में शरीर के तीन स्तंभ : खाना, नींद और ब्रह्मचर्य है। जो मनुष्य काफ़ी बीमारियों से घिरा हुआ होता है, या अपने जीवन में काफ़ी परेशानियां का सामना करता है, वह ब्रह्मचर्य का पालन करके, अपनी हर एक बीमारी और हर एक परेशानी से दूर हो सकता है।

वेदों के अनुसार जो इंसान अपनी sexual इच्छाओं को control कर लेता है, वह सही मायने में ब्रह्मचर्य का पालन कर सकता हैं। जिन लोगों की अचानक मौत हो जाती है, उन्हें मुक्ति हासिल नहीं होता है। ऐसी मौत से बचने के लिए ब्रह्मचर्य का पालन करना जरूरी है।

1 – ऋग्वेद में कहा गया है, कि कोई भी इंसान बिना ब्रह्मचर्य का पालन किए अपनी पूरी उम्र को नहीं जी सकता है।

2 – पतंजलि में कहा गया है कि ब्रह्मचर्य का पालन करने से इच्छाशक्ति (willpower) प्राप्त होती है।

ब्रह्मचर्य के क्या-क्या फायदे हैं?

Readers Books Club

अगर आप अपने मन, आवाज़ और बुद्धि को शुद्ध (pure) रखना चाहते हैं, तो आपको ब्रह्मचर्य पालन करना चाहिए। आयुर्वेद का भी यही कहना है कि यदि आप ब्रह्मचर्य का पालन पूरे 3 महीनों तक करते हैं तो आप को अपना मन, ध्वनि और बुद्धि की शक्ति में बदलाव महसूस होगा, जीवन के बड़े से बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ब्रह्मचर्य का जीवन में होना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करने से हमें ये फायदे होते हैं:

  • ब्रह्मचर्य का पालन करने से आप अपने मन को अपने नियंत्रण में रख सकते हैं।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करने से शरीर में कोई बीमारी नहीं होती है ।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करने से आपका मनोबल बढ़ता है।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करने से बीमारियों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है।
  • ब्रह्मचर्य से एकाग्रता (concentration) बढ़ती है और आप आसानी से कुछ भी सीख सकते हैं।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करने वाला इंसान किसी भी काम को पूरा कर सकता है।
  • ब्रह्मचारी इंसान हर स्थिति में स्थिर (stable) रहकर उसका सामना कर सकता है।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करने से mind पूरी तरह से शुद्ध (pure) हो जाता है।

ब्रह्मचर्य का पालन कैसे करें?

जैसे कि ‘ब्रह्मचर्य’ का मतलब ‘ब्रह्म के रूप में सोचना होता है।’ इसका मतलब यह हुआ कि जो हर एक पल अपने भगवान पर ध्यान लगाता है, वही पूरी तरह से ब्रह्मचारी होता है। ‘ब्रह्मचर्य’ का पालन करने के लिए आपको अपने शरीर, इन्द्रियो, मन और बुद्धि की शक्तियों की आवश्यकता होती है ।

ब्रह्मचर्य तीन तरीकों से होता है, भगवान में अपना पूरा ध्यान लगाने से, ज्यादा से ज्यादा सीखने पर ध्यान देने से और अपने semen को सुरक्षित करने से। अपने semen को सब तरह की चीज़ों और इच्छाओ से दूर रखकर आप ब्रह्मचर्य व्रत का पालन कर सकते हैं। ‘ब्रह्मचर्य’ का पालन करने वालों को कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए, न ही कोई ऐसा रिश्ता रखना चाहिए और न ही किसी ऐसे पदार्थ को लेना चाहिए, जिससे उनके वीर्य (semen) को नुकसान पहुंचता हो ।

‘ब्रह्मचर्य’ में लोगों को चाय-cofee, तम्बाकू, शराब आदि से दूर रहना चाहिए। कुल मिलाकर अपने वीर्य (semen) को सुरक्षित रखकर और भगवान में पूरी से ध्यान लगाकर ब्रह्मचर्य का पालन किया जा सकता है ।

अगर आप ब्रह्मचर्य को सभी नियमों और सही तरीके से करते हैं, तो आपको सिर्फ 30 दिन तक ब्रह्मचर्य का पालन करने से ब्रह्मचर्य का फ़ायदा मिलना शुरू हो सकता है। और अगर आप 1 साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं, तो आपका आत्मविश्वास मजबूत हो सकता है और इसके साथ ही आपका स्वास्थ भी पहले से बेहतर हो सकता है।

किन चीजों से दूर रहना चाहिए?

Readers Books Club

ऐसी बहुत सी चीज़ें होती है जिनसे ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले लोगों को दूर रहना चाहिए। जैसे : Movie – अक्सर Movies में कुछ ऐसी चीज़ें दिखाई जाती है, जिसमें मन गलत चीजों की तरह आकर्षित होता है। मन भटकाने वाले साहित्य (उपन्यास, पत्रिकाएं आदि), विज्ञापन और तस्वीरों को भी देखना और पढ़ना नहीं चाहिए। इसके प्रभाव से स्वास्थ्य और चरित्र को बहुत अधिक नुकसान होता है।

ब्रह्मचर्य के अनुसार, लड़के और लड़कियों को एक-दूसरे को नहीं छूना चाहिए। अक्सर लड़के दूसरे लड़को के साथ गंदे signal के साथ हंसी मजाक करते है – ऐसा करने से वो अशुद्ध (impure) हो जाते है, इसलिए ऐसा करने से लड़कों को बहुत ही ज्यादा बचना चाहिए। लड़के और लड़कियों को किसी को भी गलत इरादे से नहीं देखना चाहिए, कभी भी porn से संबंधित बातचीत भी नहीं करनी चाहिए और इसके साथ हंसी-मजाक भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे मन की बीमारियां पैदा होती हैं।

कुल मिलाकर आप जितना ज्यादा अपनी इच्छाओं को नियंत्रित कर सकते हैं और विपरीत लिंग से जितनी ज्यादा दूरी बना सकते हैं, आप उतनी ही अच्छी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन कर सकते हैं। इसका मतलब है कि हर किसी के लिए आपके विचार पवित्र होना बहुत जरूरी है। और जिस भी वजह से आपके मन में गलत भावनाएं आती हैं, उनसे जल्दी से जल्दी दूरी बना लें।

छात्रों के जीवन में ब्रह्मचर्य का क्या महत्व है?

Readers Books Club

छात्रों के लिए उनकी ज्ञान ही ब्रह्म के बराबर होता है, मतलब छात्रों का काम सिर्फ अपने ज्ञान को बढ़ाना होता है। छात्रों को ब्रह्म के बारे में सोचने के साथ पूरा ध्यान लगाकर अपनी ज्ञान को प्राप्त करना होता है। ब्रह्मचर्य का पालन करने से उसकी बुद्धि तेज होती है, उसकी याद रखने की शक्ति मजबूत होती है, इसके साथ ही उसकी चेहरे पर चमक नजर आती है। इस बात को स्वयं विवेकानंद जी ने कहा है कि केवल 12 साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करने से सबसे अद्भुत शक्ति प्राप्त होती है।

ब्रह्मचर्य पालन करने के लिए आपको अपनी उम्र का ध्यान रखना होता है, मतलब किसी भी इंसान को 25 साल तक की उम्र तक ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ब्रह्मचर्य का मतलब energy को इक्ट्ठा करना होता है। इसीलिए वेदों में ब्रह्मचर्य का महत्व बताया गया है। ब्रह्मचर्य का पालन जीवन के पहले 25 साल तक किया जा सकता है। पुराणों में बताया गया है कि ब्रह्मचर्य की सही और पूरी समझ इंसान को अंतिम में मोक्ष तक ले जाती है।

यानी ब्रह्मचर्य का पालन करने के दौरान किसी भी तरह के sex से दूर रहने की बात कही गई है। अगर आप 25 साल की उम्र से पहले अपनी शक्ति को बर्बाद करने लगते हैं तो आपके व्यक्तित्व का पूरी तरह से विकास नहीं हो पाता है ।

इससे शरीर को कई तरह की बीमारियां तक हो सकती हैं। चिकित्सा विज्ञान के अनुसार शरीर में 25 साल तक की उम्र में वीर्य और रक्त कोशिकाओं का विकास बहुत तेजी से होता है, उस समय यदि यह शरीर में जमा होता है तो इससे शरीर काफी अधिक स्वस्थ होता है। और यह हमारे शरीर को मजबूत रखता है जिससे कमजोरी नहीं आती है। इसलिए 25 साल की उम्र तक ब्रह्मचर्य का पालन करके सभी तरह की यौन गतिविधियों से दूर रहना चाहिए।

लेकिन अगर आप इस उम्र से आगे हैं, तो भी आप ब्रह्मचारी का पालन कर सकते हैं। बस आपको इसके सारे नियमों को मानना होगा ।

ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए आपके भीतर एक भावना होनी चाहिए और उसके लिए आपको अपने भगवान से मन-शभ-शरीर से ब्रह्मचर्य का पालन करने की शक्ति मांगनी चाहिए। मन को वश में करने के बजाय उन कारणों को ढूंढ़ निकाले, जिससे मन किसी तरह की परेशानी में फंस जाता है और इसके बाद तुरंत ही उस चीज़ को खुद से दूर कर लें।

ब्रह्मचर्य के पालन से होने वाले फायदे और आपके subject disorder से होने वाले नुकसान का विश्लेषण करें। जब आप अपने disorder से होने वाले नुकसान की पहचान कर लेते हैं, तब आप उसी से ब्रह्मचर्य बनने की शुरुआत कर सकते हैं। मन, शब्द और शरीर से जो भी गलत विचार, इच्छाएं आपके सामने पैदा होती है, उन सभी के लिए बुरा महसूस करे।

ब्रह्मचर्य की ओर बढ़ने के लिए ऐसा करना बहुत जरूरी है। शादी शुदा लोगों के लिए, एक दूसरे की मंज़ूरी का होना ज़रूरी है – मंज़ूरी से दोनों लोग ब्रह्मचर्य व्रत ले सकते हैं। या फिर एक दूसरे की तरफ वफादारी रखना शुरू कर सकते हैं ऐसा करना भी आज के समय में ब्रह्मचर्य का पालन करने जैसा ही है ।

अगर आप शादी के बाद ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहते हैं तो अपने partner से सिर्फ दोस्ती वाला रिश्ता रखना शुरू कर दें। अगर आपका कोई बच्चा है तो कोई बात नहीं, इसके बाद भी दोस्तों की तरह रहें। आप अपने partner से दूरी बनाकर ब्रह्मचर्य का पालन कर सकते हैं। इसके लिए उनसे अलग सोना शुरू कर दे और एक दूसरे को उस दृष्टि से देखना बंद कर दे।

शादी के बाद भी ब्रह्मचर्य व्रत लेने से आपको आत्मा का सुख मिल सकता है। आपका मन और शरीर बिना बीमारी के होता है। और अगर आप सच्चे मन से अपने भगवान में ध्यान लगाते हैं तो आप आसानी से ब्रह्मचर्य का पालन कर सकते हैं।

ब्रह्मचर्य के नियम

Readers Books Club
  1. ब्रह्मचर्य शरीर से ज्यादा मन पर आधारित है। इसलिए मन को नियंत्रण में रखो और अपने सामने ऊँचे आदर्श (ideals) रखो।
  2. आँख और कान, मन के मंत्री हैं। इसलिए गलत तस्वीर और खराब चीज देखने और गंदी बातें सुनने से बचे।
  3. मन को हमेशा कुछ-न-कुछ चाहिए। जब आप मन को खाली छोड़ते हैं तो गंदे विचार आ सकते हैं, इसलिए हमेशा भगवान का ध्यान करते रहें।
  4. जैसा खाओगे मन भी वैसा ही रहेगा। इसलिए गरम मसाले, चटनियाँ, ज्यादा गरम खाने, और मांस, मछली, अंडे, चाय, cofee, fast food आदि को बिल्कुल भी न खाएं।
  5. रात का खाना सोने से कम से कम दो घंटे पहले खाए।
  6. दूध भी एक तरह का खाना है। खाने और दूध के बीच में तीन घंटे का gap रखें।
  7. कपड़ों का असर मन पर पड़ता है। इसलिए सादे, साफ़ और सूती कपड़े पहने। खादी के कपड़े पहनना तो और भी अच्छा है। Synthetic कपड़े न पहने। खादी, सूती, ऊनी कपड़ो से जान की रक्षा होती है और synthetic आदि और दूसरे तरह के कपड़ो से जान को नुकसान होता है।
  8. सीधे, रीढ़ के सहारे तो कभी न सोए, हमेशा करवट लेकर ही सोये। यदि आप चारपाई पर सो रहे हैं तो वह चारपाई मजबूत होनी चाहिए।
  9. सुबह जल्दी उठें। सुबह कभी सोना नहीं चाहिए।
  10. पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, शराब, चरस, अफीम, भांग आदि सभी (नशीली) चीजों से दूर रहे।
  11. चिपचिपी चीजें जैसे – भिंडी, आदि खाए।
  12. हर दिन रात को सोने से पहले ठंडा पानी पेट पर डाले, यह आपके digestion के लिए फायदेमंद होगा।
  13. बदहजमी और gas से अपने आप को बचाओ।
  14. Scents, lavender, और perfumes से दूर रहे। इन्द्रियों को भड़काने वाली किताबें न पढ़े, न ही ऐसी फिल्में और नाटक देखें।
  15. अगर आप शादीशुदा हैं तो अलग बिस्तर पर सोए।
  16. हर रोज सुबह और शाम को व्यायाम, आसन और प्राणायाम जरूर करें।

इस summary में हमने ब्रह्मचर्य के बारे में जाना। ब्रह्मचर्य का पालन करके आप अपनी सभी बीमारियों को दूर करके खुशी हासिल कर सकते हैं। ब्रह्मचर्य का पालन करने से आपको अंतिम में मोक्ष मिलता है और आप अपने पूरे जीवन को सार्थक बना सकते हैं। इसके लिए अपने विस्तृत विचारों को दूर करते हुए हमेशा अपने भगवान का ध्यान करें और अपने जीवन की महानता को प्राप्त करें।

धन्यवाद।

10 thoughts on “Power of Brahmacharya (हिंदी)”

Leave a Comment