14 Life Lessons From Ramayana (हिंदी)

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Ramayana

आज हम रामायण से ऐसे life lessons के बारे में बात करने वाले हैं, जो आपके जीवन के हर पहलू को पूरी तरह से बदल देंगे, और आप अपने जीवन में आगे जा पायेंगे। इसमें हम बात करेंगे 14 life lessons के बारे में, जो बताएंगे सफलता के सिद्धांत क्या है, एक खुशहाल जिंदगी कैसे बिताई जाए और कुछ बहुत जरुरी management lessons के बारे में।

हमारे घर में बड़े-बुज़ुर्ग रामायण को बहुत ही पवित्र तो मानते ही हैं, साथ ही उसकी सीख को अपने और बच्चों के जीवन में उतारने की कोशिश भी करते हैं। रामायण में भगवान राम के वनवास काल की कहानी, इंसान को बुराई पर अच्छाई की जीत, विविधता में एकता, सच्चे रिश्ते-नाते, अच्छी संगति का महत्व, सच्ची भक्ति, माफ़ करने के चरित्र, सबसे समान व्यवहार करना, भगवान में विश्वास इन जैसे कई महत्वपूर्ण सीख देती है।

मगर रामायण सिर्फ़ एक कहानी नहीं है, बल्कि प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों द्वारा, धर्म और कर्म का पालन करने के महत्व को समझाने के लिए, उपयोग किया जाने वाला एक educational medium भी है। रामायण की बहुत सी सीख को management institutes में भी पढ़ाया जाता है ।

तो चलिए इन सभी को एक-एक करके समझते है।

सफल सिद्धांत

जिस समय रावण मरने कि अवस्था में था, उस समय भगवान श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा, कि इस संसार से नीति, राजनीति और शक्ति का महान पंडित विदा ले रहा है, तुम उसके पास जाओ और उससे जीवन की कुछ ऐसी शिक्षा ले लो, जो और कोई नहीं दे सकता।

श्रीराम की बात मानकर लक्ष्मण, मरने कि अवस्था में पड़े रावण के सिर के नजदीक जाकर खड़े हो गए। रावण ने कुछ नहीं कहा। लक्ष्मण जी वापस रामजी के पास लौटकर आए, तब भगवान ने कहा, कि अगर किसी से ज्ञान प्राप्त करना हो, तो उसके चरणों के पास खड़े होना चाहिए न कि सिर की ओर।

यह बात सुनकर, लक्ष्मण जाकर इस बार रावण के पैरों की ओर खड़े हो गए। उस समय महापंडित रावण ने, लक्ष्मण को तीन बातें बताई जो जीवन में सफलता की कुंजी है:

अच्छा काम

14 Life Lessons From Ramayana

पहली बात जो रावण ने लक्ष्मण को बताई, वह ये थी, कि शुभ कार्य जितनी जल्दी हो कर डालना और अशुभ को जितना टाल सकते हो, टाल देना चाहिए यानी शुभस्य शीघ्रम्। मैं श्रीराम को पहचान नहीं सका और उनकी शरण में आने में देरी कर दी, इसी कारण मेरी यह हालत हुई।

दुश्मन को कम समझना

दूसरी बात यह कि अपने दुश्मन, अपने शत्रु को, कभी अपने से छोटा नहीं समझना चाहिए, मैं यह भूल कर गया। मैंने जिन्हें साधारण वानर और भालू समझा, उन्होंने मेरी पूरी सेना को नष्ट कर दिया। मैंने जब ब्रह्माजी से अमरता का वरदान मांगा था, तब मनुष्य और वानर के अतिरिक्त कोई मेरा वध न कर सके ऐसा कहा था, क्योंकि मैं मनुष्य और वानर को तुच्छ समझता था। यह मेरी गलती हुई।

राज की बातें राज ही रखो

रावण ने लक्ष्मण को तीसरी और अंतिम बात ये बताई, कि अपने जीवन का कोई राज हो, तो उसे किसी को भी नहीं बताना चाहिए। यहां भी मैं चूक गया, क्योंकि विभीषण मेरी मृत्यु का राज जानता था। ये मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती थी।

खुशहाल जिंदगी जीने की सीख

विविधता (diversity)

विविधता में एकता रामायण की सबसे बड़ी सीख है। जब प्रभु श्री राम, लंका पर चढ़ाई कर रहे थे, तो उस दौरान उनकी सेना में, सभी तरह के लोग थे। मनुष्य से लेकर पशु-पक्षी तक भी मौजूद थे। युद्ध के दौरान सभी ने प्रभु श्रीराम का साथ दिया था। इसके अलावा, राजा दशरथ के चार बेटे थे और सभी के चरित्र अलग-अलग, लेकिन उनमें फिर भी एकजुटता थी और यही चीज, हर परिवार को दुख के समय से बाहर निकलने में मदद करती है ।

प्रभु श्रीराम के सभी भाइयों में प्रेम था। इनमें प्रेम में लालच, गुस्से या विश्वासघात के लिए थोड़ी भी जगह नहीं थी। लक्ष्मण 14 साल तक अपने बड़े भाई, प्रभु श्रीराम के साथ वनवास काटते रहे। वहीं दूसरी तरफ, भरत ने राजगद्दी के मौके को अपने बड़े भाई के लिए ठुकरा दिया। भाइयों के प्यार की ये सीख, हमें लालच और सांसारिक सुखों के बजाय, रिश्तों को महत्व देने के लिए प्रेरित करती हैं।

भगवान श्री राम चंद्र का व्यक्तित्व, मर्यादा और अनुशासन पूर्ण था। उन्होंने मर्यादाओं में रहकर, अपने जीवन की सभी जिम्मेदारियों को बहुत ही अच्छे से निभाया। प्रभु श्रीराम के जीवन से हमें यह सीखना चाहिए, कि मर्यादा और अनुशासन में रहकर हम एक बेहतर इंसान बन सकते हैं।

विनम्रता

भगवान राम का व्यवहार बहुत ही विनम्रता पूर्ण था। सभी के प्रति सम्मान का भाव था, जो हमें उनके जीवन से सीखना चाहिए। हमें पद व उम्र के भेदभाव के बावजूद, सबसे एक जैसा व्यवहार करना चाहिए। पशुओं के प्रति प्यार और दया भी हमारे मन में होनी चाहिए।

संगति

यह ग्रंथ हमें अच्छी संगति के महत्व को बताता है। कैकयी राम को अपने पुत्र से ज़्यादा चाहती थी लेकिन दासी मंथरा की बुरी सोच और गलत बातों में आकर, वह राम के लिए 14 वर्षों का वनवास मांग लेती है।

इसलिए हमें सीख मिलती है, कि हमें अच्छी संगति में रहना चाहिए ताकि negativity हम पर हावी ना हो।

एक जरूरतमंद दोस्त की मदद करे

हनुमान जी ने भगवान राम के प्रति, अटल विश्वास और प्यार का परिचय दिया। उनकी अपार लग्न और भगवान राम के प्रति निःस्वार्थ सेवा हमें सिखाती है, कि एक दोस्त की ज़रूरत के समय किस तरह मदद की जाती है।

यह बताती है, कि हमें बिना किसी संदेह के खुद को अपने प्रिय के चरणों में आत्मसमर्पण करना चाहिए। जब हम अपने आपको उस सर्वव्यापी के चरणों में समर्पित कर देते हैं, तो हमें निर्वाण या मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म-मरण से छुटकारा मिलता है।

बदले की भावना

14 Life Lessons From Ramayana

रावण एक ज्ञानी पुरुष था, लेकिन माता सीता का अपहरण करना, उसके पतन का कारण बना। इससे पता चलता है, कि हम दूसरे को नुकसान पहुंचाने के चक्कर में, बदले की आग में अपने आप को ही जला बैठते हैं।

अपनी बहन सूर्पनखा की लक्ष्मण द्वारा बेइज्जती करने पर, रावण उसके भाई राम को सबक सिखाने की सोचता है और क्रोध, विश्वासघात और प्रतिशोध के खुद के जाल में खुद ही उलझ जाता है। इसलिए हमें बदले, अहम और क्रोध के बजाय, माफ़ करने का स्वभाव अपनाना चाहिए।

भगवान आपका सहारा है

राम, लक्ष्मण और वानर सेना द्वारा, भारत और श्रीलंका के बीच तैयार किया गया, पुल एक चमत्कार की ही निशानी है। जिस तरह से भगवान का नाम लिखने से ही पत्थर तैरने लगे।

ये भी एक बड़ी सीख है, कि जिस भगवान का नाम लेने से, सब लोग पुल से सागर पार कर गए, वैसे ही उनका नाम लेने से, हम इस भवसागर से पार हो सकते हैं और हर क्षेत्र में जीत हासिल कर सकते हैं ।

प्रबंधन के पाठ

प्रेरणा

देवी सीता की खोज में हनुमान जी का लंका जाना, रामायण का वो किस्सा है, जिसमें management के सिद्धांत का उपयोग साफ़-साफ़ दिखाई देता है। हनुमान जी का उद्देश्य लंका जाकर देवी सीता तक, श्री राम जी का संदेश पहुंचाना था। जब इस बात की पुष्टि हो गई थी, कि देवी सीता लंका में ही हैं, तब जामवंत जी ने बजरंगबली को उनकी ताकत और शक्तियों का एहसास कराके लंका जाने के लिए प्रेरित किया।

जामवंत जी का हनुमान जी को प्रेरित करना, एक अच्छे मैनेजर का सबसे अच्छा उदाहरण है, जो अपने co-workers का introduction उनके potential से कराता है। फिर उनकी ability के accordingly कामों को, करने में, उनकी मदद करता है।

विश्लेषण (analyze)

लंका पहुंच कर सबसे पहले हनुमान जी ने, वहां की situation को पूरा analyze किया। उन्होंने लंका की ताकत और कमजोरियों का पता लगाया। रावण के इलाके में उनके ऊपर कई तरह के खतरे थे, तो कई अवसर भी थे। हनुमान जी ने अपनी बुद्धि और कुशलता से, सब कुछ समझा और उसके बाद कुछ किया।

14 Life Lessons From Ramayana

ताकत, कमज़ोरी, अवसर और ख़तरा, यानी SWOT (Strength, Weakness, Opportunities And Threats) का आंकलन, आज की management का सबसे ज़रूरी हिस्सा है। सबसे पहले लक्ष्य को या जो काम दिया गया है, आपको उसको समझना ज़रूरी है। फिर, इसके लिए मानसिक रूप से तैयार होना और उसके लिए सही plan बनाना है। सबसे बाद में अपने competition की ताकत और कमज़ोरियों का पता लगाना ज़रूरी है और उससे जुड़े खतरों और अवसरों को समझना चाहिए।

योजना

रामायण में सुग्रीव को काफ़ी well-planned तरीके से काम करते दिखाया गया है। रामायण के अनुसार, सुग्रीव best managerial qualities के धनी थे। रामायण में सुग्रीव और बाली के युद्ध में उनकी जीत, एक सफ़ल manager होने की निशानी है। सुग्रीव की कुशलता को देखते ही, भगवान राम ने इस युद्ध में उनकी योजना के अनुसार ही काम किया था। अगर सुग्रीव एक unskilled मैनेजर होते, तो शायद अंगद उनके सबसे बड़े दुश्मनों में से एक होते, लेकिन बाली पुत्र अंगद उनके साथ थे ।

कहा जाता है कि business अच्छे relationships से चलता है। एक सफ़ल manager वही होता है, जिसके अपने सभी employees और clients के साथ अच्छे relations होते हैं, और एक सफ़ल manager ही, अपनी company के लिए अच्छा काम करता है।

कुशल नायक

रामायण में भगवान जितने कुशल नायक थे, रावण उतना ही बुरा था। समय-समय पर रावण ने एक unskilled राजा होने के संकेत दिए, जिसके कारण उसके पूरे साम्राज्य का सर्वनाश हो गया। शुरुआत से ही, रावण ने अपने managers के सुझावों को नज़रअंदाज़ किया और राम के साथ युद्ध की स्थिति में मृत्यु प्राप्त की।

एक अच्छा manager वो होता है, जो अपने दुश्मनों से भी अपना काम निकाल सकता है। क्योंकि वो अपने साथ काम करने वाले लोगों के सुझावों को भी सुनता और अमल करता है। खासतौर पर तब, जब company को उनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है, लेकिन ये रावण का mismanagement ही था, जिसकी वजह से उसकी सेना का सबसे बुद्धिमान और कुशल सेनापति विभीषण, बीच युद्ध में उसको छोड़कर भगवान राम से जा मिला।

नेता नेताओं को बनाते है

लंका में माता सीता को खोजने के बाद, हनुमान जी ने अपनी इच्छा अनुसार, रावण की सोने की लंका जो जला कर राख कर दिया था। मगर भगवान राम, हनुमान जी के इस निर्णय से काफ़ी दुखी थे, जिसके बाद हनुमान जी ने किसी भी तरह के निर्णय लेने बंद कर दिए। हनुमान जी की निर्णय लेने की क्षमताओं को सुधारने के लिए, राम जी को खुद को पूरे scenario से हटाना पड़ा।

युद्ध के दौरान रावण भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण कर पाताल लोक ले गया। केवल हनुमान जी के पास ही उनको बचाने की बौद्धिक और शारीरिक शक्ति थी। हनुमान जी ही राम-लक्ष्मण को दुष्ट रावण के चंगुल से बचाकर लाए और हनुमान जी को अपनी शक्तियों का एहसास हुआ और हनुमान जी एक सफ़ल नायक बन पाए।

14 Life Lessons From Ramayana

ठीक इसी तरह corporate world में भी, एक नेता के सामने ऐसा वक़्त आता है, जब उसको अपने जैसे कई दूसरे नेताओं तैयार करने होते हैं। इसमें सबसे बड़ा काम होता है अपने आस-पास काम करने वालों को, अच्छे और सफ़ल निर्णय लेने के लिए प्रेरित करें, ताकि आगे चलकर वो भी एक अच्छे manager बन पाए।

धन्यवाद दोस्तों, मुझे उम्मीद है कि यह summary आपको पसंद आई होगी।

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