Men Are from Mars, Women Are from Venus

Men are from Mars, Women are from Venus (हिन्दी)

अगर आप एक पुरुष है तो आपने कभी ना कभी ऐसा जरुर कहा होगा कि यह महिलाएं बहुत ही अजीब होती है और अगर आप एक महिला है तो आपने पुरुषो को ना जाने क्या क्या कहा होगा। आपने अक्सर पति पत्नी के बिच के झगडे के बारे में सुना होगा - या - खुद ही उस झगडे के किरदार होंगे। आज इन्ही सब सवालों और झगडे के solution हम John Gray की किताब "Men Are from Mars, Women Are from Venus" में ढूंढने की कोशिस करेंगे।

यदि आप एक पुरुष हैं, तो क्या आप किसी महिला को अपने से बहुत अलग पाते हैं? और, यदि आप एक महिला हैं, तो क्या आप एक पुरुष को किसी दूसरे ग्रह से आया हुआ मानती हैं? क्या आप पुरुषों और महिलाओं के बीच अंतर के कारणों को समझना चाहते हैं?

यदि ये ऐसे प्रश्न हैं जो आपको परेशान करते हैं तो आपके सभी जवाब नीचे हैं। अगले कुछ मिनटों में, उनमें से अधिकांश हमेशा के लिए दूर हो जाएंगे।

आज की हमारी किताब है “Men are from Mars, Women are from Venus”। इसको लिखा है John Gray ने। John Gray एक relationship counselor है, lecturer और लेखक भी है। अगर आप अपने relationship को लेकर परेशान हैं, या आप आदमियों या औरतों की psychology को करीब से समझना चाहते हैं, कि कैसे और क्या difference इन दोनों में होते हैं, तो ये किताब आपके लिए है।

इस summary को यहाँ क्यों पढ़ें?

एक विचारशील प्रश्न पूछने के लिए बधाई! मैं एक emotional पाठक हूं और मैं खुद को किताबों में डुबोने, notes लेने और उनके द्वारा दिए जाने वाले सिखों के साथ प्रयोग करने में विश्वास करता हूं।

इस special किताब के बारे में लेखों और blogs की प्रचुरता के बावजूद, मेरा मानना है कि मेरा perspective मुझे अलग करता है।

यदि आप मेरे YouTube Channel – Readers Books Club – से परिचित हैं, तो आप जानते हैं कि मैं किताबो में गहराई से पड़ताल करता हूँ और उनके सर्वोत्तम गुणों को आपके सामने लाने का प्रयास करता हूँ। मैंने इस किताब पर समान स्तर का ध्यान और देखभाल लागू की है और इसके प्रभाव का एक व्यापक summary प्रस्तुत किया है।

तो चलिए शुरू करते हैं।

इस किताब की पृष्ठभूमि (background)

लेखक को पिता बने हुए अभी 7 दिन हुए हैं। उनकी wife दर्द में थी। उनकी पत्नी ने लेखक के भाई से दवाई लाने को कहा। वो भूल गया और परिणामस्वरूप वो पुरा दिन रोती रही। जब लेखक शाम को अपने घर पहुंचें, उन्हें देखा कि उनकी पत्नी दर्द में है और उन्हें दोष दे रही है। लेखक ने अपनी पत्नी से कहा कि उन्हें call क्यों नहीं किया?

तब उनकी पत्नी ने कहा –  मैंने आपके भाई से tablets लाने को कहा, लेकिन वो भूल गया। लेखक गुस्सा हुए कि एक तो उन्हें लेखक को बताया नहीं, ऊपर से उन्हें दोष दिया जा रहा है। दोनो गुस्सा हो गए। जब लेखक जाने लगे, तब कुछ ऐसा हुआ जिन्होने उनकी life change कर दी। उनकी पत्नी Bobby ने कहा, यही रुको, मुझे छोड़ के मत जाओ। यही तो वक्त है जब मुझे तुम्हारी सबसे ज्यादा जरूरत होती है।

Bobby ने कहा – John Gray, तुम एक मतलबी दोस्त हो। तुम तभी मेरे साथ रहते हो जब सब कुछ सही होता है, लेकिन जब भी कोई problem होती है, तुम दूर चले जाते हो। उसकी आंखों में आंसू आ गये। उस पल में लेखक को प्यार का मतलब समझ आया। वो कही नहीं गए। वही रुके, उनको अच्छा feel हुआ, उनको प्यार feel हुआ। उसके बाद लेखक ने इसके ऊपर एक शोध की, कि क्यों पुरुष और महिलाएं अलग होते हैं। क्या बात उन दोनो को अलग बनाती है।

7 साल तक research करने के बाद वो इस नातीजे पर पहुंचे कि पुरुष और महिलाएं दो अलग अलग तरीके से सोचते हैं, इसलिए रिश्ते टूटते है।

अध्याय 1: Men Mars से है, Women Venus से है

यहां लेखक एक कहानी बताते हैं – पुरुष Mars ग्रह पर रहा करते थे, और महिला Venus ग्रह पर। पुरुषों ने महिलाओं को देखा और महिलाओं से मिलने के लिए गए। उन दोनो को एक दूसरे से प्यार हुआ, और वो लोग धरती पर साथ रहने लगे। वो ये भूल गए कि वो एक दूसरे से अलग है। उनके आपस में लड़ाई होने लगी और ये आज तक लड़ रहे हैं।

अपने मतभेद (difference) याद रखें

Men Are from Mars, Women Are from Venus

बिना ये जाने कि हम एक दूसरे से अलग हैं, हम जिंदगी भर एक दूसरे से लड़ते ही रहेंगे। हम अपने partner को अपने अनुसार change करना चाहते हैं। लेकिन यह मुमकिन नहीं होता। नतीजतन, हम लड़ते हैं। लेकिन जब आप ये समझ लेते है कि पुरुष और महिलाएं दोनो अलग अलग ग्रह से है, इसलिए अलग है, तो आप खुशी खुशी रह सकते हैं।

आपके इरादे काफी नहीं हैं

प्यार का एहसास हमेशा खूबसूरत होता है, हमें लगता है ये कभी खत्म नहीं होगा। हमें लगता है कि रिश्तों में कोई समस्या नहीं आएगी। लेकिन ये जादू धीरे-धीरे कम होता चला जाता है और हम अपने partner की खामियां देखते लग जाते हैं। पुरुष चाहते हैं कि महिलाएं उनके हिसाब से सोचे और महिलाएं चाहती हैं कि पुरुष उनके अनुसार सोचे।

उनको ये एहसास नहीं होता कि दोनों अलग होते हैं और काई बार ये situation तलाक में बदल सकता है। फिर वो खुद से पूछते हैं – ये कैसे हो गया, ये क्यों हो गया, हमारे इरादे तो कभी गलत नहीं थे। तो यही point है, चाहे हमारा इरादा गलत नहीं हो, फिर भी हम अपने रिश्ते को खराब कर लेते हैं।

अध्याय 2: श्रीमान “Fix-it” और श्रीमती “गृह सुधार समिति”

Men Are from Mars, Women Are from Venus Book

महिला कई बार शिकायत करती है कि पुरुष उनको ठीक से सुनते नहीं है। जब वो उन्हें कोई समस्या बताता है, कुछ देर तो वो सुनते हैं, फिर वो समाधान बताने लगते हैं या फिर ये कि इस समस्या को कैसे ठीक किया जाए। जबकि महिला चाहती है कि पुरुष सिर्फ सुने, ना की समाधान बताएं।

दूसरी तरफ आदमी अपनी समस्याएं अपने तक ही रखना पसंद करते हैं। वो किसी और के सामने अपनी problems दिखाना पसंद नहीं करते हैं जब तक ये बहुत जरूरी न हो जाए, वो सोचते हैं कि किसी और को क्यों अपनी problems बताएं जब आप खुद इसे solve कर सकते हैं।

जीवन Mars पर

Mars ग्रह पर पुरुषों ने महत्व दी शक्ति को, work ethics को, उपलब्धियों को। इन्हें बाहरी गतिविधियों में दिलचस्पी है। उनको उपन्यास और किताबें पढ़ना पसंद नहीं था। उन्हें लोगों और भावनाओं से ज्यादा चिजो से लगाव था। कोई लक्ष्य हासिल करना उनकी पहली प्राथमिकता (priority) होती थी। वो अपनी उपलब्धियों पर गर्व महसूस करना चाहते हैं।

नतीजतन उनको लगने लगा कि वो expert है और जब भी कोई उन्हें अपनी समस्या के बारे में बताएं, वो समाधान बताने लगते है। और महिलाएं उन्हें जब अपनी समस्याएं बताती हैं, वो समाधान बताने लगते हैं, और जब महिलाएं संतुष्ट नहीं होतीं तो आदमी समझ नहीं पाते कि कहां दिक्कत हुई है।

जीवन Venus पर

दूसरी तरफ Venus पर जीवन काफी अलग थी। महिलाओं के लिए प्यार ज्यादा महत्वपूर्ण था उपलब्धियों की तुलना में। वो प्यार को ज्यादा महत्व देती थी, buildings, machines के ऊपर। उनके लिए रिश्ते, उपलब्धियों से बढ़ कर होती है। उनके लिए खुद को साबित करना इतना महत्वपूर्ण नहीं होता। इसलिए उनके लिए किसी की मदद लेना या किसी की मदद कर देना, normal बात है। और यही वो करती है, उन्हें अच्छा लगता है जब कोई उन्हें मदद करता है और यही वो पुरुषों के साथ करना चाहती है।

लेकिन जब पुरुषों को सलाह दी जाती है तो उसे लगता है कि वो काबिल नहीं है। Venus पर, सलाह देना, प्यार का संकेत समझा जाता था। जबकि Mars के लोग समाधान को ज्यादा महत्व देते हैं। अगर कुछ अच्छा जा रहा होता है तो वो इसे change नहीं करते हैं। जब महिलाये पुरुषो को change करने की कोशिश करती है तब पुरुषो को लगता है कि वो काबिल नहीं है, बिगड़ा हुआ है, नाकाम है। और महिला को इस बात का एहसास नहीं होता कि पुरुष ने इस बात को एक अपमान के रूप में लिया है।

सुझाव न दें

तो, यहां पर महिलाओं के लिए एक सलाह है। इसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं है कि महिलाएं, पुरुषों को चोट पहुंचा जाती हैं अंजाने में, जब वो उन्हें सलाह देती है। हालांकि ये उनके प्यार जताने का तरीका होता है, लेकिन अंजाने में वो आदमी को hurt कर देती है। तो, आदमी को तब तक सलाह न दें, जब तक बहुत जरूरी न हो।

सुनना सीखो

यहां पर पुरुषों के लिए भी एक पाठ है कि आप सुन्ना सीखे। पुरुषों को समझना चाहिए कि जब कोई महिला कहती है कि वो चिंतित है या कुछ प्रॉब्लम में है, तो असल में वो चाहती है कि आप उनकी प्रॉब्लम सूने, ना कि सॉल्यूशन बताएं लग जाएं। सुझाव न दें, सिर्फ सुने।

अध्याय 3: पुरुष अपनी गुफा में चले जाते हैं और महिलाये बहुत अधिक बोलती हैं

पुरुषो और महिलाओं के बीच सबसे बड़ा अंतर होता है कि कैसे वो तनाव को handle करते हैं। पुरुष अपनी समस्या को हल करने के लिए खुद को अलग कर लेते हैं और बाकि की दुनिया से दूर हो जाते हैं। जबकि महिलाए चाहती है, अपनी समस्याएं, डर और अपने दुख बताना। पुरुष चाहता है इसको खुद अकेले solve करना जबकि महिला सबसे इस बारे में बात करके इससे deal करना चाहती है।

उदाहरण के लिए – एक पति, Tom, office से घर आता है, वो rest करना चाहता है और कुछ वक्त अकेले चाहता है, तो वो कुछ magazine पढ़ता है, क्योकि वो परेशान है। दूसरी तरफ उसकी पत्नी, Merry, office से आती है, वो भी थोड़ा परेशान है, लेकिन वो किसी से बात करना चाहती है अपनी समस्याओं के बारे में, ये कि उसका दिन कैसा रहा था। Tom को लगता है कि वो बहुत ज्यादा बोलती है, जबकि Merry ये सोचती है कि Tom उसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।

ये दुविधा समझने के लिए, हमें opposite gender को समझना होगा। बिना ये समझे, कि Merry अपने stress कम करने के लिए ज्यादा बोलती है, Tom ये ही सोचता रहेगा कि वो काफी ज्यादा बोलती है और वो उसे ignore कर देता है। बिना इसे समझे, कि Tom relax करने के लिए ही magazine पढ़ रहा है, Merry हमेशा ये ही सोचेगी कि वो उसे ignore कर रहा है।

गुफा में शांति ढूँढना

Men Are from Mars Women Are from Venus John Grey

जब एक पुरुष stress में होता है तो वो अपनी दिमाग की गुफा में चला जाता है ताकि कुछ solutions निकाल सके। इसका मतलब है कि वो खुद को बाकि लोगो से isolate करके अपनी problems पर सोच विचार करने में लग जाता है, कुछ solution तलाशने के लिए। इस वक्त वो दूसरी चिजो पे ध्यान नहीं दे पता।

लेकिन एक बार जब उसे solution मिल जाता है, वो अपनी गुफा से बहार आ जाता है और normal behave करने लगता है। लेकिन अगर वो अपनी समस्याओं का समाधान नहीं ढूंढ पाता तो वो वही फस के रह जाता है और कुछ ऐसा करता है जो उसकी समस्याओं को भुलाने में मदद करे, जैसे car drive करना, TV देखना, आदि।

महिलाएं गुफा के बारे में क्या सोचती हैं?

जब पुरुष अपनी गुफा में जाता है, तब वो अपने partner को attention नहीं दे पाता, जिससे उसकी partner परेशान हो जाती है। अब, जब वो बात करना चाहती है, तो किससे करे। उसको ये लगता है कि उसका partner उसको ignore कर रहा है।

अक्सर महिलाएं नहीं जानती कि पुरुष problems के साथ कैसे deal करता है। महिलाये चाहती है कि उसका partner खुल कर express करे जो वो कहना चाहता है। किसी आदमी से उसकी समस्या बताए जाने की उम्मीद करना बेकार है, जैसे किसी महिला से, उसकी समस्या में, शांत रहने की उम्मीद करना बेकार है।

जब पुरुष अपनी गुफा में जाता है, वो भूल जाता है कि उसके दोस्त को भी तो कोई परेशानी हो सकती है। पुरुष आम तौर पर ये सोचते हैं कि किसी और को please करने से पहले खुद पर focus करना ज्यादा जरूरी है।

लड़ाई करने की बजाये, एक महिला को समझना चाहिए कि गुफा में चले जाना आदमी की खुद की पसंद नहीं होती है, बल्कि आदत होती है। तो उसकी मदद करें, ना की लड़ाई करें। दूसरी तरफ पुरुष को इस बात का कोई अंदाज नहीं होता है कि उसकी partner को इस चीज से कितनी problem हो सकती है।

बोलने में शांति मिलती है

जब एक महिला stressed होती है तो वो किसी और को बताने के लिए सोचती है। लेकिन जब वो ये सब को बताती है, तो वो नहीं देखती कि वो जरूरी बात बता रही है या नहीं। वो सब कुछ बताती है जो कुछ भी उसके मन में होता है।

उसे कोई solution नहीं चाहिए होता है, वो बस relaxed feel करना चाहती है। ये उसे खुशी देता है। जब वो ये देखती है कि उसे समझा जा रहा है, उसको admire किया जा रहा है। उसे satisfaction मिलती है।

जब महिलाएं बोलती हैं तो पुरुषों की क्या प्रतिक्रिया होती है

जब बीवी अपनी problems के बारे में अपने पति को बताती है, पति ऐसा feel करते है कि वो उन्हें blame कर रही है अपनी problems के लिए। वो जितना ज्यादा सुनते है, वो उतना ही ऐसा feel करते है। वो ये नहीं समझ पाते कि वो उन्हें दोष नहीं दे रही हैं, वो सिर्फ अपनी problems के बारे में बात करना चाहती है।

पुरुष को ये समझना चाहिए कि सिर्फ महिला को सुनकर, आप उसका mood बेहतर कर सकते हैं। पुरुष सिर्फ दो वजह से बात करते हैं। सबसे पहले, जब कोई उन्हें दोष देता है, दूसरा जब कोई उनसे सलाह मांगता है। जब उनका लगता है कि कोई उनसे सलाह मांग रहा है, वो सुझाव देना शुरू कर देते हैं, और ये महिलाओं को पसंद नहीं आती। और जब वो ऐसा feel करते हैं कि कोई उन्हें दोष दे रहा है, तब वो defensive mode में चले जाते हैं।

इन दोनों मामले में उनके लिए सुनना मुश्किल हो जाता है। वो स्पष्टीकरण (clarification) देने लगते है। और स्पष्टीकरण महिलाओं को पसंद नहीं आते, वो बस ये चाहती है कि जब वो बोल रही है, तो अगला सिर्फ सूने।

अध्याय 4: Partner को कैसे प्रोत्साहित करें

पुरुष motivated feel करता है जब वो ये महसूस करता है कि किसी को उसकी जरूरत है और महिला तब motivate होती है, जब उन्हें ये महसूस होती है कि उसे प्यार किया जा रहा है। जब एक आदमी feel करता है कि उसकी बीवी को उसकी कोई जरूरत नहीं है, वो worthless feel करता है।

जब कोई महिला महसूस करती है कि उसका पति उसे प्यार नहीं करता, वो mentally टूट जाती है। जब एक पुरुष को लगता है कि उसकी बीवी को उसकी जरूरत है, और जब बीवी को लगता है कि उसे प्यार किया जा रहा है, तब ये एक perfect relationship बनता है।

जब एक आदमी एक औरत से प्यार करता है

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अक्सर पुरुषो में एक philosophy होती है, जीतने की, किसी भी कीमत पर। और रिश्ते में ये philosophy बहुत नुक्सान करती है। अगर कोई पुरुष अपने partner को सिर्फ अपनी इच्छा पूरी करने के लिए नुकसान देता है, तो ये रिश्ते को टूटने की और ले जाता है।

अंतर में आकर्षण है

काई महिलाए जानती है कि किस तरह पुरुष को signal भेजे जाए। जब relationship शुरु होती है तो अक्सर पुरुष से कहा करती है कि वो उसे खुश रखता है। और उसकी ये बाते उसे encourage करती रहती है। लेकिन दुख की बात है कि कुछ वक्त बाद, जब कुछ समस्याएं आती हैं, औरत भुल जाती है कि पुरुष को अभी भी उन signals की जरूरत है और वो signals अभी भी जरूरी है।

पुरुष प्रेम से प्रेरित होते हैं

जब कोई पुरुष किसी महिला से प्यार करता है, वो इतना confident होता है कि वो कुछ भी कर सकता है। वो अपने partner कि ऐसे परवाह करता है जैसे वो खुद का परवाह करता है। ज्यादातर पुरुष प्यार के भुखे होते हैं। जब relationship बिगडती है, पुरुष frustrate हो जाते हैं और अपनी दिमाग की गुफाओं में चले जाते हैं।

वो अपने partner की परवाह करना बंद कर देते हैं, ये सोच के कि उसकी partner को उसकी जरूरत नहीं है। अगर उसे कोई ऐसी महिला मिल जाए जो उसे एहसास दिला सके कि उसकी जरूरत है उसको, तो वो अपनी गुफा से बाहर आ जाएगा।

जब एक महिला किसी पुरुष से प्यार करती है

महिलाओं को भी प्यार की भुख होती है। वो चाहती है कि कोई ऐसा हो जो उनकी देखभाल करे। अक्सर पुरुष को इस बात का एहसास नहीं होता। जब महिलाओं को लगता है कि उन्हें प्यार किया जा रहा है, उन्हें समझा जा रहा है, वो खुश होती है। जब महिला उदास होती है, परेशान होती है, उनको कोई ऐसा चाहिए होती है जो उन्हें समझ सके। जब कोई पुरुष सहानुभूति दिखाता है और उन्हें समझता है तो महिला का mood अपने आप अच्छा हो जाता है।

लेकिन आदमी को ये छोटी सी बात समझ में नहीं आती। वो ये सोचते हैं कि महिलाएं भी उनके जैसी ही होती हैं, वो गुफा में पसंद करते हैं तो शायद महिलाएं भी यही पसंद करती होंगी और यहां पर स्थिति और ज्यादा खराब हो जाती है। उन्हे इस बात का एहसास नहीं होता है कि महिलाएं relaxed feel करती हैं जब वो अपनी समस्याएं किसी के साथ share करती हैं। उनको बस कोई ऐसा चाहिए जो उन्हें सुन सकें।

बहुत अधिक परीक्षण (test) करने पर हर कोई थक जाएगा

ज्यादातर महिलाएं givers होती हैं। वो देने में यकीन रखती है। वो अपने प्यारे लोगो को वो सब कुछ देती है जो उससे हो सकता है। लेकिन एक पुरुष के रूप में हमें ये समझ होगा कि उनकी भी कुछ सीमाएं हैं।

महिला बलिदान के लिए जानी जाती है। लेकिन उनकी भी कुछ की सीमा होती ही है। उनको भी समय चाहिए ताकि वो अपने खुद के ऊपर ध्यान दे सके। उनको ऐसा आदमी चाहिए जो उन्हें भावनात्मक (emotional) रूप से support कर सकें, ना कि ऐसा आदमी जिन्हें उन्हें भावनात्मक (emotional) रूप से support करना पड़े।

पाना सीखो

महिला ज्यादा पाने के ख्याल से डर जाती है। उनको ये लगता है कि उन्हें जितना मिला हुआ है, उतना काफी है और वो इसी के हकदार थी, क्योंकि उन्हें इसी तरह बड़ा किया गया है। क्योंकि उन्हें डर होता है कि अगर वो ज्यादा की demand करेगी तो पति उन्हें छोड़ देगा। लेकिन अंदर ही अंदर वो ये भी जानती है कि उसे ज्यादा की जरूरत तो है।

अगर वो कहने की हिम्मत जुटा सके, तो एक रिश्ते को भी बचा सकती है। जैसे कोई पति अपनी पत्नी पर चिल्ला रहा है तो उससे वो विनम्रता से कह सकती है कि आप चिल्लाना बंद करें, मुझे ये पसंद नहीं है। इससे पति को ये समझने में मदद मिलेगी कि उसकी पत्नी की जरूरत क्या है ताकि वो आगे से उसके अनुसार व्यवहार कर सके।

अध्याय 5: दोनों अलग-अलग भाषाएँ बोलते हैं

भावनाओं को व्यक्त करना

पुरुष और महिलाएं, जब एक ही शब्द बोलते हैं, तो जरूरी नहीं कि दोनों का मतलब एक ही हो। उदाहरण के लिए – जब एक महिला कहती है – “आप मेरी कभी नहीं सुनते हो”, तो असल में वो कहना चाहती है कि “तुम कभी कभी मेरी बात नहीं सुनते हो”, लेकिन आदमी इन बातों को इसी तरह लेता है जिस तरह ये कही गई थी।

महिलाएं ऐसे ही कई शब्दों का इस्तेमाल करती हैं अपने आप को सही से express करने के लिए, लेकिन पुरुष उनकी बातों को वैसे ही ले लेता है जैसे वो कहीं गई है।

जब पुरुष ज्यादा नहीं बोलते हैं

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जब पुरुष चुप हो तो महिलाओं को समझना चाहिए कि वह कुछ सोच रहे है। वो इस चुप्पी को negative तरीके से लेती है। हमें ये समझना चाहिए कि पुरुष और महिलाएं दोनों अलग अलग तरीके से सोचते हैं। महिला बोलने के साथ सोचती है जबकि आदमी पहले सोचता है फिर बोलता है।

पुरुषों की चुप्पी पर कैसे react करती हैं महिलाएं

जब कोई आदमी silent होता है, तो महिला सोचती है – वो शायद मुझसे नफरत करता है, वो मुझसे अब प्यार नहीं करता। महिलाएं दो conditions में silent होती है, या तो वो किसी का दिल नहीं दुखाना चाहती है या फिर वो सामने वाले पे भरोसा नहीं करती, और जब आदमी silent होता है तो वो इसी perspective से सोचती है। लेकिन अगर पुरुषो के गुफा के रहस्य के बारे में जानकर, उनके लिए पुरुष को समझना आसान हो जाएगा।

गुफा को समझो

महिलाओं को ये समझना चाहिए कि जब एक पुरुष stressed होता है तो उसको अपनी problem के लिए solution नहीं मिल रहा होता है। कुछ देर अकेला रह कर वो खुद को शांत करना चाहता है। वो खुद का inspection करना चाहता है, आमतौर पर पुरुष ऐसा तब करते है जब वो किसी रिश्ते में होते हैं – तो वो खुद को सबसे अलग कर देता है और अपनी गुफा में चल जाता है।

उसके अंदर किसी को भी आने की permit नहीं होती। उसके सबसे अच्छे दोस्त को भी नहीं। पुरुष ऐसे ही होते हैं। एक बार जब सब कुछ ठीक हो जाता है, पुरुष खुद ही इस गुफा से बहार आ जाता है। लेकिन ये बात समझना महिला के लिए मुश्किल है, क्योंकि वो ये मानती है कि अगर कोई परेशान है तो उसका साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए।

इसके अलावा वो सोचता है कि अगर वो पुरुष से खूब सारे सवाल करेगी और फिर वो जो बोलता है उसे ध्यान से सुनेगी तो उसका mood ठीक हो जाएगा। क्योंकि इस तरह से महिलाओं का mood ठीक होता जाता है।

जब पुरुष गुफा में जाएं तो क्या करें?

इस बात से निराश ना हो कि वो अपनी गुफा में चला गया है। उसको सलाह देने की कोशिश ना करें, ये हालत को और बुरा बना देगा। ये ना पूछे कि वो कैसा feel कर रहा है। उसकी गुफा से बाहर निकलने का इंतजार ना करें, उसके बारे में चिंता न करें, ना ही दुखी हो, कुछ ऐसा काम करें जिस से आपको खुशी मिलती है जैसे किसी दोस्त से बात कर लें, या TV देख लें।

अध्याय 6: पुरुष rubber band की तरह होते हैं

पुरुष rubber band की तरह होते हैं। वो आपसे दूर जाते हैं, जितना ज्यादा वो जा सकते हैं, फिर वो वापस आपके पास आ जाते हैं। पुरुष, महिला की तरह नहीं होते। महिलाये डर जाती है जब वो cheated feel करती है। लेकिन पुरुष अक्सर दूर चले जाते हैं, महिलाओं की कोई गलती न होते हुए भी। वो ऐसा करते हैं, emotional freedom के लिए। लेकिन एक बार जब वो दूर जाते हैं तब उन्हें एहसास होता है कि ये रिश्ते उनके लिए कितना matter करता है, और वो वापस आ जाते हैं।

यहां पर एक उदाहरण है – एक लड़की Meggi का और उसके boyfriend Jeff का। ये दोनों पिछले 6 महीने से एक दूसरे को date कर रहे हैं लेकिन अचानक Jeff emotionally Meggi से दूर जाने लगा। वो समझ नहीं पाई कि क्या गलत हुआ। उसने सोचा कि शायद उसने ही कोई गलती की है। तो उसने Jeff को follow किया। लेकिन वो जितना follow करती है Jeff उतना ही दूर जाटा। कुछ seminar attend करने के बाद उसे realize हुआ कि असल दिक्कत क्या है।

उसे एहसास हुआ कि जितना ज्यादा वो Jeff का पीछा करेगी, उतना ज्यादा वो दूर जाएगा। उसने पीछा करना बंद किया और नतीजा वो खुद Meggi के पास आ गया। जब कोई आदमी महिलाओं से दूर जाता है, वो और भी ज्यादा energy के साथ आता है। महिलाओं को ये जानना चाहिए कि उसका दूर जाना जरूरी है पहले से भी ज्यादा करीब आने के लिए।

आदमी क्यों दूर चला जाता है?

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आदमी दूर जाते हैं क्योंकि उनको ये लगता है कि ये रिश्ता उनसे उनकी आजादी छीन रही है। कुछ पुरुष ये कहते हुए पाए जाते है कि “मुझे space चाहिए, कुछ समय के लिए मुझे अकेला छोड़ दो”। चाहे जो हो, पुरुष का दूर जाना जरूरी हो जाता है रिश्ते को बेहतर बनाना के लिए। ऐसा करके उन्हें self-dependent feel होता है।

महिलाएं क्यों डरती हैं?

महिलाये ये सोचने लगती हैं कि शायद उनसे ही कोई भूल हुई है कि आदमी उन्हें छोड़ कर चला गया है। उन्हें ये डर रहता है कि शायद वो अब कभी लौटकर ना आए। इसके अलावा उन्हें ये भी पता नहीं होता कि वो दूर गया क्यों है, इसलिए वो उन्हें वापस लाने के लिए कुछ कर भी नहीं सकती। अगर वो समझ ले कि आदमी दूर क्यों जाता है, ये कि पुरुष rubber band की तरह होते हैं, उसकी life फिर से बेहतर हो सकती है।

अध्याय 7: महिलाएं लहरों की तरह होती हैं

महिलाएं लहरों की तरह होती हैं। उनका mood किसी भी समय बदल सकता है। कभी बिलकुल निचे कभी बिलकुल top पर। जब वो low feel करती है तो जैसे किसी गहरे कुवे में चली गई हो लेकिन जब वो बाहर आ जाती है तो सब कुछ normal हो जाता है। जब किसी महिला का mood खराब हो तो, पुरुष को चाहिए कि वो उसे emotionally support करे और उसे समझे।

पुरुष इन लहरों के बारे में क्या सोचता है?

जब एक पुरुष किसी महिला से प्यार करता है, तो उसे उसका nature बहुत प्यार लगता है। और पुरुष सोचता है कि वो हमेशा ऐसी ही रहेगी। लेकिन इस तरह की उम्मीदें ऐसी ही हैं जैसे मौसम कभी नहीं बदलेंगी। पुरुषो के जैसे, महिलाओं की भी cycle होती है। बस फ़र्क ये है कि, जिस तरह पुरुष rubber band की तरह दूर जाकार वापस आ जाता है उसी तरह महिला कुए के अंदर जाकर वापस बाहर निकलती है।

जब एक महिला को सही support नहीं मिले तब वो दुखी होती है, वो कभी सुखी नहीं हो पाएगी। जब महिला का mood ठीक होता है तो वो पानी के glass को आधा भरा हुआ देखती है, जब उसका mood ठीक नहीं होता है तब वो glass को आधा खाली देखती है। महिलाओं की लहरें होती हैं, पुरुष किसी महिला को ये जाने बिना कभी खुश नहीं रख सकते। पुरुष frustrate हो जाता है कि सब कुछ ठीक है बाहर से तो, फिर उसका partner उदास क्यों है? औरत की लहर जैसी nature को समझ कर उपयोग करें, problem solve करने में मदद मिलती है।

उन्हें ठीक करने का प्रयास न करें

यहां एक उदाहरण है – Bill उसकी बीवी को समझ नहीं पा रहा था। उसका mood कुछ हफ्ते तक बिलकुल ठीक रहता है, अचानक से वो उदास हो जाती है और feel करने लगती है कि वो औरो के लिए कितना कुछ करती है लेकिन कोई उसकी परवाह नहीं करता। जब Bill उसे मनाने की कोशिश करता है तो झगड़ा और बढ़ जाता है।

Bill की सिर्फ ये गलती थी कि वो अपनी पत्नी को कुए में जाने से रोक रहा था। लेकिन उसे ये चाहिए कि वो अपनी पत्नी को जाने दे, जब तक वो कुए के आधार (base) को touch नहीं कर ले, वो ऊपर नहीं आएगी। इसलिए उसे कुए में ना जाने की सलाह देने की बजाए उसे सिर्फ सूने।

पुरुषों को क्या समझना चाहिए?

  1. अगर कोई पुरुष अपना partner को emotionally support कर सकता है, तो अच्छा है। ये उसकी समस्या का समाधान नहीं करेगा लेकिन सामान्य करने में जरूर मदद करेगा।
  2. पुरुष को ये समझना चाहिए कि इस situation के लिए वो जिम्मेदार नहीं है, वो अपना प्यार खुलकर express करे।
  3. महिलाएं अपने आप normal हो जाएगी। बस उन्हें थोड़ा समय और हमदर्दी दे।

जब दोनों संघर्ष कर रहे हों

Researches ये show करती है कि कभी ऐसा समय आता है जब दोनों partner down feel करते हैं, ये ही वो situation होती है जो situation को और ज्यादा खराब कर देती है। ये वो समय होता है जब दोनो अच्छा feel नहीं कर रहे होते हैं। पुरुष को अपने partner की emotional जरूरत को समझना चाहिए और महिला को rubber सिद्धांत के बारे में पता होना चाहिए।

धन भी समस्या पैदा कर सकती है

कई लोग शिकायत करते हैं कि जब उनकी शादी हुई तब वो गरीब थे। उनकी पत्नी शिकायत करती थी कि उनके पास काफी पैसा नहीं है। लेकिन उनमें से कइ लोगो ने कहा कि पैसा आने के बाद भी समस्याएं बढ़ती ही गई। वो कहते हैं कि वो ज्यादा खुश थे जब उनके पास पैसा नहीं था। आदमी को ये समझना चाहिए कि कोई बात नहीं कि आप अमीर है या गरीब, पहली चिज जो पत्नी को चाहिए वो होता है emotional support। एक ऐसा आदमी जो उसे सुन सके, उसकी परवाह करे।

पैसा emotional जरूरत का विकल्प नहीं हो सकता

पुरुष कई बार सोचते हैं कि पैसा किसी भी समस्या का ultimate solution हो सकता है। जब रिश्ता बिगडती है, तब लोग सटीक कारण नहीं ढूंढ़ पाते। वो ये सोचते हैं कि उनके पास तो अब काफी पैसा है, फिर भी वो इतनी problems कैसे face कर रहे हैं। वो ये नहीं समझ पाते कि पैसे का इन चिजो से कोई लेना देना नहीं है। चाहे लोग गरीब हों पर वो emotionally अगर एक दूसरे का समर्थन कर रहे हों। ये काफी बेहतर है उस स्थिति से जिसमे आपके पास बहुत सारा पैसा तो है लेकिन कोई emotional support नहीं है।

अध्याय 8: दोनों की अलग-अलग emotional ज़रूरतें हैं

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पुरुष और महिला दोनो को ये नहीं पता कि एक दूसरे की emotional जरूरत अलग अलग है। पुरुष वो ही देता है जो उसे चाहिए और महिला वो ही देती है जो उसे चाहिए। उनको लगता है कि उनके partner को भी वो चाहिए जो उन्हें चाहिए। इसीलिये, जब एक महिला upset होती है, तो पुरुष उसे अकेला छोड़ देता है, क्योंकि वो खुद अकेला रहना चाहता है जब वो परशान होता है।

और इसी तरह जब पुरुष परेशान होता है तो महिला उससे बात करती रहती है, क्योकि जब वो परेशान होती है तब उसे कोई बात करने वाला चाहिए होता है। हम सब चिजो को हमारे perspective से देखते हैं, और यही हमें सुधार करने की जरूरत है।

यहाँ पुरुषों और महिलाओं के लिए कुछ बुनियादी ज़रूरतें हैं:

  1. महिला की जरूरत है कि उसका ख्याल रखा जाए, उसकी देखभाल की जाए, जबकि पुरुष चाहता है कि उस पर भरोसा किया जाए।
  2. महिला चाहती है कि उसे समझा जाए जबकि पुरुष चाहता है कि वो जैसा है, उसे वैसा ही स्वीकार किया जाए।
  3. महिला सम्मान चाहती है जबकि पुरुष चाहता हूं कि उसके प्रयासों की सराहना की जाए।
  4. महिला चाहता है loyalty जबकि पुरुष तारीफ चाहता है।
  5. महिला अपनी बात का समर्थन चाहती है जबकि पुरुष चाहता है कि उससे कोई संतुष्ट हो जाए।
  6. महिला आश्वासन चाहती है जबकि पुरुष encouragement चाहता है।

अध्याय 9: किसी बहस से खुद को कैसे बचाएं?

किसी रिश्ते में सबसे बड़ा challenge होता है बहस। अक्सर दोनो partner conversation शुरू करते हैं और एक बहस छिड जाती है। दोनो एक दूसरे की गलतियाँ गीनवाने में लग जाते हैं और situation और खराब हो जाती है। क्योंकि बातचीत किसी भी रिश्ते का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। बहस करना बहुत नुक्सान दे सकता है।

इसके बजाय, शांत रह कर सोचा जाए कि क्या किया जा सकता है इसको एक अच्छा conversation बनाना के लिए। कुछ लोग बहस में नहीं पड़ते लेकिन वो बात करना बंद कर देते हैं और इससे एक cold war शुरू हो जाती है।

बहस में क्या होता है?

जब हम बहस करते हैं तब एक दूसरे को नुक्सान पहुंचते हैं। हम भूल जाते हैं कि differences होना बिल्कुल normal है। आप क्या बोल रहे हो वो आपके partner को hurt नहीं करता, लेकिन किस तरह से बोल रहे हो वो hurt करता है। अच्छी बात ये है कि कोई भी बहस शुरू करने के लिए 2 इंसानों की जरूरत होती है लेकिन इसे खत्म करने के लिए एक इंसान ही काफी होता है।

नुकसान से कैसे बचा जा सकता है?

  1. हमला करना – ये ऐसा हथियार है जो पुरुष इस्तेमाल करते हैं। जब वो किसी बहस में पड़ते हैं, वो attack करना शुरू कर देते हैं। वो अपने partner को दोष देते हैं और उसपे चिल्लाने लगते हैं। ऐसा करके उन्हें लगता है कि वो जीत रहे हैं लेकिन असल में वो हार जाते हैं।
  2. भागना – ये भी पुरुषो का एक तरीका है। जब उन्हें लगता है कि वो हार रहे हैं, वो अपनी गुफा में चले जाते हैं मतलब silent mode पर चले जाते हैं। और ये एक cold war को जन्म देता है। वो बात करने से मना कर देते हैं और इससे स्थिति और खराब हो जाती है।
  3. Mask पहनना – ये गुण महिलाओं में होती हैं। खुद को बहस से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए वो इस तरह behave करती है जैसे कोई problem हुई ही ना हो। वो अपने चेहरे पर एक fake smile ले आती है पर अंदर ही अंदर वो दुखी ही रहती है।
  4. समर्पण – ये विशेषता भी महिलाओं का होता है। वो सारा blame खुद पर ले लेती है ये जानते हुए भी कि वो गलत नहीं है। वो ये मान लेती है कि उसका partner उसके ही वजह से परेशान है। उसका इस तरह surrender करना, उस पल में तो सब कुछ ठीक कर देता है पर long term में ये उसके mental pain का कारण बनता है।

अध्याय 10: कैसे एक पुरुष एक महिला का दिल जीत सकता है?

पुरुष को लगता है कि अगर वो अपने partner के लिए कुछ बड़ा करे, जैसे कोई car खरीद दे, या कोई holiday trip  plan कर दे, तभी वो खुश रह सकती है। उसे लगता है कि छोटी छोटी चीज जैसे, उसके लिए दरवाजा खोलना, उसे गुलाब देना, ये छोटी चिजो से वो खुश नहीं होगी। लेकिन चीज़े ऐसे काम नहीं करती।

महिलाओं के लिए सब एक जैसे होते हैं। उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने जो किया है वो काम बड़ा है या छोटा।

एक पुरुष क्या उम्मीद करता है?

महिला छोटी छोटी बातों से खुश हो जाती है, लेकिन अगर वो खुशी को show नहीं करेगी तो पुरुष कभी नहीं जान पाएगा कि उसकी कोशिश कामयाब हो रही है। मुस्कुरा कर या thanks बोल कर एक महिला किसी पुरुष को ये बता सकती है कि वो खुश है, और इससे उसको गर्व महसूस होता है।

एक महिला को क्या नहीं भूलना चाहिए?

महिलाओं को ये समझना चाहिए कि पुरुष naturally बड़े gifts देना पसंद करते हैं। अगर वो आपको छोटे gift ना भी दे, तो बुरा ना माने। हो सकता है वो आपको बड़े तोहफे देने के लिए प्रयास कर रहे हैं। महिला अगर प्रोत्साहित करे तो आदमी को छोटे gifts की value समझ आ सकती है।

अध्याय 11: जब आप गुस्सा हों तो एक प्रेम पत्र लिखें

जब भी आप गुस्सा होते हैं और जब आपके partner से बात करना impossible हो, तब आप सिर्फ एक love letter लिख कर सब कुछ ठीक कर सकते हैं। ये एक बच्चो जैसी बात लग सकती है, लेकिन ये काम करती है। ये आप दोनों का mood refresh कर देगी। एक love letter में ये factors शामिल करें- गुस्सा, दुख, डर, पछतावा, और प्रेम।

अपने partner को बताएं कि आप क्यों गुस्सा थे। उन्हें ये भी बताए हैं कि आप अब दुखी हैं। ये कि आप को डर है कि आप उन्हें खो देंगे, ये उन्हें अच्छा feel कराएगा। उन्हें बताएं कि आपको पछतावा है जो आपने किया है। और आखिरी में आप उन्हें ये बताए कि आप उन्हें कितना प्यार करते हैं।

अध्याय 12: मदद कैसे माँगें?

अगर आपको अपने partner से वो नहीं मिल रहा है जो आप चाहते हैं, इसका मतलब है आप वो मांग ही नहीं रहे हैं, या फिर आपके मांगने की तरीका गलत है। एक सफल रिश्ता बनाने के लिए मदद मांगना जरूरी होता है। महिलाओं के लिए मदद मांगना ज्यादा मुश्किल होता है।

महिलाएं अक्सर help के लिए नहीं बोलती क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हें help बिन मांगे ही मिल जानी चाहिए। वो सोचती है कि अगर उनका partner उन से प्यार करता है तो वो बिन मांगे ही help करेगा। लेकिन उन्हें समझने की जरूरत है कि जब तक वो मदद के लिए नहीं बोलेंगी, तब तक पुरुष को ये ही लगता रहेगा कि आपको मदद की जरूरत नहीं है।

मदद मांगने के लिए बस इन steps का ध्यान रखें:

  • सही से मदद मांगे – उससे कुछ ऐसा करने को कहे जो वो वैसे भी करता है, जैसे कचरा बहार फेंकना। जब वो ऐसा कर ले तो उसकी तारीफ करें। ये आपकी शर्म खत्म करने में काम आएगा।
  • ज्यादा help के लिए कहें – ज्यादा help के लिए पूछे, और अगर वोह मना कर दे, तो इस बात को personally ना लें, ये चिज उसे encourage करेंगी।
  • मजबूती से मदद मांगे – अब जब आप पहले दो कदम चल चुकीहै तो अब आप assertively होकर मदद के लिए कह सकती है। कुछ देर रुकें, अगर वो मदद करना चाहता है तो वो कर देगा वरना  ना सुनने पर कोई लड़ाई न करें।

अध्याय 13: प्यार के जादू को कैसे जीवित रखें?

कभी कभी ऐसा होता है कि हम खुश होते हैं, फिर अचानक से दुखी हो जाते हैं। ये इसलिए कि हमारा अतीत हमें डराता है। Past में कुछ ऐसा हुआ होता है जो हम आज याद कर के दुखी हो रहे होते हैं। हम ज्यादातर 90% अपने अतीत की वजह से दुखी होते हैं और सिर्फ 10% अपने वर्तमान की वजह से दुखी रहते हैं।

ऐसी स्थिति में हमें love letter लिखना चाहिए या फिर हमारी समस्या को कागज पर लिखना चाहिए। अगर आप अपने partner से नाराज हैं तो इसे जल्दी से जल्दी सुलझाएं। जितना देर होगा, ये उतना ही बुरा होता चला जाएगा। रिश्ता एक बगीचे की तरह होता है, इसको समय पर पानी देते रहना चाहिए।

निष्कर्ष

प्यार हमेशा खूबसूरत होता है जब तक के दोनों partners में से एक गलती न कर दे। इस समय पर हमें आगे बढ़ कर स्वीकार करना चाहिए कि कोई partner perfect नहीं होता और रिश्ते को बचा लेना चाहिए।

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