How To Make People Like You In 90 Seconds or Less

How To Make People Like You In 90 Seconds or Less (हिन्दी)

Nicholas Boothman द्वारा लिखित किताब "How To Make People Like You In 90 Seconds or Less" एक ऐसे व्यक्ति के लिए एक किताब है जो लोगों के साथ communicate करने और अपना network बनाने के लिए तैयार है। किताब में tips और tricks दिए गये हैं कि कैसे कम समय में impress किया जाए और एक ऐसा bond बनाया जाए जो उन्हें आपके जैसा बनाता है। इस summary में और पढ़ें और लोगों का आकर्षित करने वाला बनें।

क्या अपने कभी सोचा है, कि हम किसी के साथ एक अच्छी बातचीत कैसे शुरू कर सकते हैं, वो भी सिर्फ पहली ही मुलाक़ात में? हम लोगों के साथ तालमेल कैसे बनाएं? कैसे लोग आपसे पहली ही मुलाक़ात में impress हो सकते हैं और आपके fan बन सकते हैं?

अगर ये सब आपके दिमाग में चलता रहता है, तो आज की ये summary आपके बहुत काम आने वाली है। क्योंकि आज हम चर्चा करने वाले हैं एक ऐसी किताब के बारे में, जो आपके सभी सवालों का जवाब देगी। किताब का नाम है “How To Make People Like You In 90 Seconds or Less” जिसे Nicholas Boothman ने लिखा है।

हम किसी से पहली बार मिलने पर कैसे जवाब देते हैं, वो हमारी energy की quality और quantity को showcase करता है। अब या तो ये लड़ाई वाली बात हो सकती है, या फिर उनसे अच्छे संबंध बनाने की लड़ाई हो सकती है। हम किसी से आकर्षित हुए हैं या नहीं, हम ये निर्णय उन्हें देखने के पहले दो seconds में ही ले लेते हैं।

और हमें ऐसा लगता है, कि हम किसी और को जो reaction देते हैं, वो सामने वाले के रवैया (attitude) पर आधारित होता है, क्योंकि रवैया को हम सभी लोग, एक ही पल में पहचान लेते हैं।

अब हम सबसे पहले ऐसे 5 steps पर चर्चा करेंगे, जो हमें किसी भी नए इंसान के मिलने से पहले पता होने चाहिए। और उसके बाद इन्हीं सब चीजों और अच्छे से समझने के लिए, एक अच्छे communication के तीन steps को हम detail में समझेंगे, जिससे आप किसी भी इंसान को 90 seconds या उससे कम में भी impress कर पाएंगे, जो है:

 भाग 1. बैठक (meeting)

 भाग 2. संचार (communication)

 भाग 3. संबंध बनाना (building rapport)

तो, सबसे पहले, 5 steps, जो हमें किसी भी नए इंसान से मिलते समय ध्यान रखने हैं। हम लोगों को हमारे बारे में पहली ही मुलाकात में, सिर्फ पल भर में फैसले लेने से नहीं रोक सकते। हम सिर्फ इतना ही कर सकते हैं, कि हम उन पहले impressions को अच्छा बनाने के लिए कुछ बदलाव कर सकते हैं।

  1. Attitude – सबसे पहले हमें हमारे attitude को adjust करना है। हम यहां positive या negative attitude की बात नहीं कर रहे हैं, हम यहां उपयोगी और फालतू attitude की बात कर रहे हैं।

उपयोगी attitude जैसे :

  1. गर्मजोशी (warm)
  2. उत्साही
  3. आत्मविश्वासी
  4. सहायक (supportive)
  5. आराम से (relaxed)
  6. जिज्ञासु (curious)
  7. संसाधनपूर्ण (resourceful)
  8. मददगार
  9. जुड़े रहना (engaging)
  10. धैर्य (patient)
  11. स्वागत (welcoming)

फालतू attitude जैसे :

  1. नाराज़
  2. व्यंग्यपूर्ण (sarcastic)
  3. अधीर (impatient)
  4. ऊबा हुआ (bored)
  5. अनुचित (disrespectful)
  6. चिंतित
  7. असभ्य (rude)
  8. भयभीत
  9. संकोची (self conscious)
  10. मजाक
  11. शर्मिंदा

हमें अपने सभी बेकार (useless) attitude को उपयोगी attitude में बदलना होगा। क्योंकि, अगर हमारा रवैया useless रवैया है, तो लोग हम पर कभी भी भरोसा नहीं कर पाएंगे।

2. विश्वास (trust)

जैसा कि हमने समझा, कि अगर हमारा रवैया बेकार है, तो लोग हम पर भरोसा नहीं करेंगे। हमें अपने attitude को adjust करना है और फिर उनकी आंखों में देखना है, हमारे culture में आंखों से संपर्क (eye contact) सम्मान को showcase करता है और अगर eye contact नहीं है इसका मतलब है कि trust भी नहीं है। सारे रिश्ते भरोसे पर आधारित होते हैं। और अगर आपको eye contact बनाने में मुश्किल होती है, तो बस जिससे आप बात कर रहे हैं, उन लोगों की आंखों के colour को notice करें।

3. मुस्कान

तीसरी बात है मुस्कान। हमारे culture में, smile एक unconscious signal भेजती है, जो इशारा करती है, कि आप confident है या खुश हैं। पर हर किसी के पास एक natural smile नहीं होती। पर यहां पर एक trick है, जोकि सभी fashion models अपनाते है। वो अंग्रेजी शब्द “Great” को इस्तेमाल करते हैं और इसको तीन bursts में बोलते है।

अधिक जानने के लिए कि कैसे दोस्त बनाये, कृपया “How to Win Friends and Influence People” की summary पढ़ें। Link ठीक नीचे है:

Great, Great, Great!

और जब तक आपको पता चलेगा, आप smile कर रहे होंगे और आपकी आंखे भी smile कर रही होगी!

लेखक सबको ये कहते हैं, कि अगर आप किसी को approach कर रहे हैं, तो सबसे पहले आप को सामने वाले की आंखों में देखना है, फिर उसकी आंखों के रंग को देखना है। आपको forward lean नहीं होना है, और अपने दिमाग में जल्दी से, “Great, Great Great” याद दिलाना है, इससे आपके चेहरे पर एक अच्छा look trigger होगा।

एक चीज़ का ध्यान रखें, क्योंकि जब smile और eye contact की बात आती है, तो जरूरत से ज्यादा करना बहुत खराब लग सकता है, तो हल्का smile और eye contact ही अच्छा है।

4. Movements को synchronize करें

अगली चीज़ जो हमें करनी है, वो ये है, कि हमें उनकी body language को copy करना है। सामने वाले की body language से हमारी body language को एक सम्मानजनक तरीके से synchronize करने की कोशिश करना बहुत जरूरी है, क्योंकि ये चीज great personality वाले लोग regularly करते हैं। इस point को हम वापस से last में detail में discuss करेंगे।

5. Common चीजें खोजें

और आखिरी चीज, हमें किसी के साथ तालमेल बनाने के लिए, हमें एक common ground set करना है। एक अच्छा first impression बनाने के लिए, हमें एक common चीज़ ढूंढनी होती है। कोई भी ऐसा विषय जो दोनों के लिए common हो।

अब हम communication के ऐसे तीन steps को समझेंगे, जिससे हम किसी भी इंसान को 90 seconds या उससे कम में भी impress कर पाएंगे।

भाग 1: बैठक (meeting)

Meeting के बारे में सभी को सामान्य रूप से पता ही होता है, लेकिन इससे ज्यादा ये जानना जरूरी है कि meeting fix करना क्यों जरूरी है।

How To Make People Like You In 90 Seconds or Less

आमतौर पर meeting दो या दो से ज्यादा लोगों की सभा होती है, जिसके जरिये लोग एक common goal को हासिल करने के लिए अपने विचारों का आदान-प्रदान करते हैं। और ये याद रखें, की मुलाकात सिर्फ आमने सामने ही नहीं होती, बल्कि virtually भी होती है। लेकिन हमारे लिए meeting fix करना क्यों जरूरी है इसके पीछे के 4 कारण है:

नंबर. 1 – मजबूत रिश्ते बनाता है – जब आप लोगों से मिलते हो तो ज्यादा chance होते हैं, कि आपका उनसे personal interaction होगा और हो सकता है कि आप अच्छे दोस्त बन जाएं।

नंबर. 2 – आमतौर पर meetings में बहुत सारे ideas का exchange होता रहता है, जिनसे प्रेरणा लेकर, आप सुझाव दे सकते हैं, या उसे अपने खुद के development के लिए use कर सकते हैं।

नंबर. 3 – आपको बढ़ने में मदद करता है – Covid की वजह से बहुत सारे लोग अपने office नहीं जा पाए थे, जिस वजह से discussion पर pause लग गया था, पहले वो सभी लोग office में daily basis पर available होते थे।

नंबर. 4 – Meetings से innovation, creative thinking और improvements बढ़ती जाती है और किसी को भी उनके खुद का एक बेहतर version बना सकती है।

भाग 2: संचार (communication)

इसलिए मुझे उम्मीद है कि आपको ये समझ आ गया होगा कि meeting हमारे लिए क्यों जरूरी है, लेकिन meeting में हमें बात करनी होती है, जिसके लिए हमें जरूरत होती है communication skills की, और इसलिए हम effective communication के तीन steps और अच्छे communication के तीन secrets discuss करेंगे, जो लेखक ने इस किताब में जिक्र किया है।

Step 1. चाहतों, जरूरतों और लक्ष्यों को जानें।

तो पहला कदम ये है, कि हमें एक खास लक्ष्य या ज़रूरत तय कर लेना है। लक्ष्य और जरूरत को अलग करने के लिए, हमें specific goals को प्राप्त करने पर ध्यान focus करना चाहिए।

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Goals या तो personal हो सकते हैं या commercial हो सकते हैं, पर communication के तरीके दोनों के लिए same है। इस सिद्धांत को समझने के लिए, लेखक Colonel Sanders के बारे में बात करते हैं।

लेखक बताते हैं कि कैसे Colonel Sanders ने अपनी restaurant chain को आज की बहुराष्ट्रीय (multinational) company KFC में विकसित किया, जिसके 25000 से ज्यादा outlets, 145 से ज्यादा देशों में उपलब्ध है। ये इसलिए हुआ क्योंकि Colonel Sanders को पता था कि उन्हें क्या करना है, उनका लक्ष्य एक दम साफ था। उन्हें पता था कि उनके chicken का सही स्वाद क्या है और वो chicken को कैसे पेश करेंगे, जिससे उनका chicken best तरीके से market हो।

Step 2. पता करें कि क्या दिया जा रहा है

दुसरे step में हमें वर्तमान स्थिति का analysis करके ये समझना है, कि जो वर्तमान स्थिति को ध्यान में रख कर जो दिया गया है, वो हमारी स्थिति की जरूरत को पूरा कर रहा है या नहीं। ये महत्वपूर्ण है कि हमें ज्यादा से ज्यादा feedback मिले और हम अंतर समझ सके, कि क्या desired है और हम क्या deliver कर रहे हैं।

KFC को सफलता इसलिए मिली क्योंकि उन्होंने बारीकी से monitor किया, कि लोगों को क्या दिया जा रहा है। Quality को best करने के लिए, उन्होंने quality को control किया, जोकि उनके customers को दी जा रही, और साथ साथ raw materials की quality भी, जो उनके restaurants को supply की जा रही थी। जिसकी वजह से गलतियों की बहुत कम गुंजाइश रह गई थी।

Step 3. वांछित परिणाम (desired results) प्राप्त करने के लिए परिवर्तित (improved) और बेहतर अभ्यास

Slow ही सही लेकिन हमें अपनी communication practices को बदलते रहना हैं। Feedback के आधार पर, हमें हमारी practices को बदलते रहना हैं, जब तक हमें हमारे desired results नहीं मिल जाते।

ग्राहकों या कर्मचारियों की practices से उत्पन्न प्रतिक्रिया (feedback) की वजह से, निरंतर परिवर्तन या सुधार के culture के कारण, छोटे से शहर का KFC, एक वैश्विक corporate दिग्गज में विकसित (develop) हो गया।

अब हम आपको effective communication के तीन secret समझाते हैं।

Secret 1. सक्रिय सुनना (active listening)

How To Make People Like You In 90 Seconds or Less Summary

जैसा कि famous Greek philosopher Epictetus ने कहा है कि हमारे पास दो कान हैं और एक मुंह है, ताकि हम जितना बोले उससे double सुन सके। Active listening क्या होती है? Active listening का मतलब होता है कि, ध्यान लगा कर किसी की बात को सुनना। Active listening की वजह से conversation partners के बीच एक बहुत अच्छा bond बन जाता है।

एक अच्छा active listener effective body language और questioning techniques का इस्तेमाल करता है, ताकि वो एक personal rapport बना सके। Listeners को बहुत धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करनी चाहिए, जब दूसरे लोग बात कर रहे हों। उनकी body language को देखना चाहिए और ध्यान से सुनना चाहिए कि वो क्या बोल रहे हैं और कैसे बोल रहे हैं। इन practices की वजह से listeners को थोड़ा सा समय मिल जाता है, कि वो ये सोच सके कि बोलने वालों ने शब्दों में और tones को बोलते समय इन्हें क्यों इस्तेमाल किया।

Secret 2. प्रश्न ही जवाब हैं

प्रश्न एक बहुत अच्छा tool है लोगों के साथ connect करने के लिए। अच्छे प्रश्न, learners को जल्दी सीखने में और वार्तालाप भागीदारों (conversation partners) के साथ मजबूत संबंध बनाने में मदद करते हैं।

हमें दो type के प्रश्नों का उपयोग करना चाहिए, open-ended और closed-ended। Open ended प्रश्न ऐसे प्रश्न होते हैं, जिनका जवाब केवल हां या नहीं में नहीं दिया जा सकता, और open end प्रश्नों को कई बार प्रमुख प्रश्न (leading question) भी कहा जाता है, क्योंकि वो विचार व्यक्त करते हैं।

Close ended प्रश्न ऐसे प्रश्न होते हैं, जिनका उत्तर केवल हां या नहीं में दिया जा सकता है, बिना किसी और स्पष्टीकरण (explanation) के। Close ended प्रश्न partners को बातचीत पर focus करने में मदद करते हैं।

Open ended प्रश्न और close ended प्रश्न का एक संतुलित मिश्रण, conversation partners को conversation के बीच में थोड़ा सा breathing time दे देते हैं।

Secret 3. संवेदी चैनल (sensory channels)

आमने-सामने की स्थितियों में ये महत्वपूर्ण होता है, कि हम conversation partners के साथ उनके optimal communication channels से communicate करें। लेखक का neuro-linguistic programming concept, लोगों को तीन में से किसी एक सीखने की शैली या sensory चैनल में बताने पर आधारित है:

  1. देखना (visual)
  2. गति आधारित (kinesthetic)
  3. सुनना (auditory)

बहुत से लोग चीज़ों को देखकर बहुत अच्छे से समझते हैं, जैसे किताबे पढ़कर, photo देखकर, इन्हें हम visual learner कहते हैं। Kinesthetic learner चीज़ों को महसूस करके समझ पाते हैं। और auditory learner, चीज़ों को सुन कर अच्छे से समझ पाते हैं। एक अच्छा listener और observer ये बताने में कुशल बन जाता है, कि एक वक्ता का पसंदीदा sensory चैनल या सीखने की शैली क्या है।

भाग 3: तालमेल बनाना

अब हम हमारे summary के सबसे महत्वपूर्ण भाग पर हैं जहाँ हम जानेंगे कि तालमेल कैसे बनाएं।

तालमेल क्या है? तालमेल का सीधा मतलब है, कि एक ऐसा दोस्ताना रिश्ता, जिसमें दो लोग एक दूसरे को अच्छे से समझते हैं। तालमेल बनाने के लिए हमें 4 points ध्यान रखने है:

Point 1. बातचीत शुरू करते समय अपने शरीर को खोलना अधिक महत्वपूर्ण होता है

कल्पना करें कि आप किसी को दूर से देख रहे हैं, एक अजनबी, जिससे आप पहले कभी नहीं मिले। वो आपके साथ खड़ा है, और उसके arms closed है। क्या आपको लगता है कि वो इंसान approachable है? शायद नहीं। अपनी body को close कर लेना, एक frustrated, nervous, anxiety और cautious impression देता है। इस body language को बहुत ही negative माना जाता है।

इसके बदले, जब आप लोगों से बात करें, अपनी body को open रखें। अपने कंधों को खोलकर, आप अपने खुले body से इशारा करके आप किसी को बताते हैं, कि आप तैयार हैं और उनसे मिलने के लिए उत्साहित हैं।

Point 2. लोग समान लोगों को पसंद करते हैं

How To Make People Like You In 90 Seconds or Less Hindi

आप अपने movements को सामने वाले से बात करते समय, उनके movements से synchronize करने की कोशिश करें। इससे सामने वाले को तुरंत हमारे आस पास comfortable लगने लगता है।

क्या आपने कभी भी एक over enthusiastic salesperson को face किया है, जो खुद को loudly introduce करते हैं और आप वहां से जाना चाहते हैं। इसका कारण ये है, कि उस salesperson कि movement आपके movement से बहुत अलग है। इंसानों का स्वभाव है कि वो अपने आस पास की हर चीज को copy करते हैं। जब कोई आपको देख कर हँसता है, आप भी वापस हँसते है।

इसलिए हम उन लोगों के आस पास comfortable feel करते हैं, जो हमारे जैसे होते हैं। तो आप जब भी किसी से मिले, तो कोशिश करें कि आप उनकी आवाज की tone, movement और breathing को copy करें।

Point 3. पहले संपर्क करें

एक अच्छा तालमेल बनाने के लिए, अजनबियों के बीच जो सबसे पहला आमने-सामने मुलाक़ात होता है, वो तालमेल बनाने के लिए सबसे अच्छा समय होता है।

क्योंकि इसकी वजह से लोग judgement लेते हैं, कि क्या वो आप पर भरोसा कर सकते हैं। Meeting के पहले के minutes में ये महत्वपूर्ण है और अगर आपका पहला impression ही गलत होगा, तो सामने वाला कभी भी उससे उबर नहीं पाएगा, चाहे वो जितनी भी कोशिश करें।

Point 4. क्रिया (action) शब्दों से अधिक जोर से बोलती है

आपकी body language आपके शब्दों से ज्यादा loud होती है। ये महत्वपूर्ण होता है कि हम ये confirmation दें, कि listener की हाव-भाव, उनके verbal संदेश से विरोधाभास ना करें। लेखक कहते हैं, design द्वारा तालमेल, किसी के साथ भी आसानी से बनते हैं और आसानी से अभ्यास भी किया जा सकता है। तालमेल का मतलब होता है, कि आप किसी भी अंजान से अपनी पहली meeting में communication स्थापित कर लेते हैं।

हम यहां आपको तालमेल से design के एक उदाहरण को समझाते हैं। एक जवान आदमी था, जिसने कई बार अकेले dinner किया था। वही पर बैठे-बैठे, वो अकेला bore हो गया था, तभी उसने एक बहुत ही खुबसूरत महिला की आवाज सुनी, जो किसी को बोल रही थी कि वो एक online gamer है।

पर उसके साथ बैठे उसके conversation partner को, उस विषय में कोई दिलचस्पी नहीं थी। तभी वो जवान आदमी जल्दी से उनके पास गया, और greet किया और अपनी skillful body language से तालमेल बना लिया। फिर उस जवान आदमी ने smile दी और अपनी body को उस औरत की तरफ lean किया और उसके सारे body movements की copy की। क्योंकि दोनों के आपसी हित (mutual interest) same थे, उनके लिए बात करना बहुत ही आसान था। यहां point ये है, कि जो लोग शर्माते हैं, वो इस body language को practice करके ज्यादा successful बन सकते हैं।

धन्यवाद दोस्तों, ये किताब बहुत ही अविश्वसनीय (incredible) है। इससे पहले हम ज्यादातर movement और action बिना सोचे समझे करते थे, पर मुझे यकीन है कि इस summary को पढने के बाद आपको पता है, कि ये बेकार नहीं है और आप इसका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं। आपको याद रखना होगा, कि आपको हमेशा अपनी body language को open रखना है, जिससे आप एक बेहतर, प्रभावशाली और आकर्षक इंसान, salesperson, networker और दोस्त बन पाओगे।

सभी Podcast platform पर भी हमारी summary, Kitabein नाम से उपलब्ध है, जिसे हाल ही में भारत का best educational podcast का award भी मिला है। Link ठीक निचे दिया हुआ है:

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