The Art of Public Speaking by Dale Carnegie

The Art of Public Speaking (हिन्दी)

The Art of Public Speaking जिसे Dale Carnegie ने लिखा है आपके सबसे बड़े डर को चुटकियों में दूर करने की ताकत रखता हैंl यह किताब सिर्फ एक किताब नही है बल्कि आपके सुनहरे भविष्य की चाभी हैl इसे आज ही पढ़े और लग जाए एक अच्छे speaker बनने में ताकि आप और ऊपर जा सकेl

Dale Carnegie 17 mins read Read in English Communication Self Improvement

Mark Twain कहते है कि, Public Speaking के डर को दूर करने का एकमात्र तरीका लोगों के सामने बोलना।

अगर आपने कभी यह feel किया है कि भीड़ के सामने खड़े होने के विचार से ही आपका दिल तेजी से धड़कने लगा है और हथेलियों में पसीना आ रहा है, तो आप अकेले नहीं हैं। क्या आप जानते हैं कि public speaking दुनिया में सबसे common डर में से एक है?

National Institute of Mental Health की एक study के अनुसार, लगभग 75% लोगों को public speaking से डर लगता है। क्या आप जानते हैं कि public speaking का डर, जिसे glossophobia भी कहा जाता है, studies से पता चला है कि लोग मरने से ज्यादा public speaking से डरते हैं! यह एक दिलचस्प बात है जो इस बात पर रौशनी डालती है कि यह डर हम पर कितनी गहराई तक impact डाल सकता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे भी ज्यादा मज़ेदार चीज़ क्या है? ऐसे लोगो की countless कहानियाँ है जिन्होंने इस डर का डटकर सामना किया और जीते। कई famous और successful लोग भी अपनी life में कभी न कभी public speaking से डरते रहे हैं। Example के लिए, Steve Jobs, Bill Gates, और Oprah Winfrey सभी ने accept किया कि successful होने से पहले वे public speaking से डरते थे।

परिचय

दोस्तो, public speaking एक ऐसा शब्द है, जिसे हममें से ज्यादा लोगों को बहुत डर लगता है। लोगो से कैसी बात करनी है? स्टेज पर जाके confidence से कैसी बात करें? Social media के लिए, अच्छे से video कैसे record होगा? बीना कट वालीl Interview में कैसी बात करें? Boss से appraisal के लिए कैसे बात करें? शादी के लिए propose कैसे करना है?

सभी चीजों के लिए, public speaking में माहिर होना बहुत जरूरी है। उस इंसान को याद कीजिए, जिसका बोलने का तरीका आपको बहुत पसंद है। उनकी public speaking कमाल की है। और आप भी उसी इंसान की तरह लाखो लोगो से बात करना चाहते हैं। उन पर positive प्रभाव डालना। अगर आपके मन में भी यही सब कुछ चल रहा है, तो यह summary आपका जीवन बदल सकती है।

आज हम “The Art Of Public Speaking” किताब के बारे में बात करने वाले हैं। जिसे Bestselling Author, Dale Carnegie ने लिखा है।

इस किताब को अच्छे से समझने के लिए, हमने इसको 12 chapters में discuss किया है। तो चलिए फिर एक एक करके सबको detail में समझते हैं।

Chapter 1. लोगो के सामने बोलना

The Art of Public Speaking

Public Speaking एक ऐसा तरीका है जिसके जरिए आप अपने दिल की बात दूसरे लोगों से कह सकते हैं, पहले के जमाने में जब लोग मिल नहीं पाते थे, तो वह लिखकर अपनी दूसरों तक पहुंचाया करते थे।

सबसे पहले यह तरीका आज से लगभग 450 साल पहले Egypt में आया था, जब लोग एक दूसरे को लिखकर अपनी बातें बताया करते थे लेकिन समय के साथ-साथ लोगों ने भाषा सीखी और फिर उस भाषा को इस्तेमाल करके अपनी बात दूसरों तक पहुंचाना सीखा।

इस process को conversation कहते है, public speaking इससे अलग होती है। जब आप किसी एक इंसान से बात करते है तो उसे conversation कहते है, जब आप बहुत लोगो के सामने कोई बात कहते है, तो उसे public speaking बोलते है। जब आप किसी के साथ conversation में है, तो जो आपके मन में जो है उसे बोल सकते है, और planning की कोई खास ज़रुरत नहीं पड़ती, और आप अपने daily के आम बोलचाल वाले शब्दों का भी इस्तमाल कर सकते है।

Public speaking में आपको पहले से planning करनी होगी कि, क्या बोलना है, और कैसे बोलना है। यहाँ पर आम बोलचाल के शब्दों की जगह formal language का इस्तेमाल करना होता है। Public speaking करते समय यहाँ पर कुछ बातें है जो हमें ध्यान रखनी चाहिए:

  • अपनी audience के argument और उनके feedback को समझना होगाl हम ऐसा नहीं कर सकते कि, अपनी बातें बताते जाए और audience की एक भी न सुनेl ऐसे में audience आपकी speech से अपना interest खो देगी। इसके लिए अपनी audience से time to time feedback लेते रहें।
  • Audience के साथ emotionally जुड़कर अपनी बातों को fact के साथ रखें।
  • जो भी message अपनी speech के ज़रिये देना चाहते है, वो audience तक clearly पहुचायें।

Chapter 2. Ethics और public speaking

Public speaking का goal, listeners से मनचाहा response लेने का है, लेकिन किसी भी कीमत पर नहीं, मतलब अगर listeners को आपकी बात पसंद आयी है तभी तो वो आपके लिए तालियां बजायेंगेl आप उनसे ज़बरदस्ती ताली नही बजवा सकते है। Public speaking एक power की तरह है, इसलिए इसके साथ बहुत सी ज़िम्मेदारियाँ भी जुडी होती है।

The Art of Public Speaking

एक public speaker होने के नाते आपका फर्ज है कि लोगों को सही चीजें बताएं लेकिन कुछ लोग इसका गलत इस्तेमाल करते हैं और पैसे या फिर किसी दूसरी चीज के लालच में अपनी skill का गलत फायदा उठाते हुए, लोगों को गलत knowledge दे देते हैं।

लोगों को अपनी बातों से manipulate करके, अपने मकसद के लिए लोगों को हाँ मनवा लेते हैं। Public speaking का ethics कहता है कि अगर आपको कोई चीज नहीं आती या आपको किसी subject के बारे में कुछ खास जानकारी नहीं है तो दूसरे को न बताएं और पहले खुद सीखें फिर दूसरों को बताएं। और झूठ कभी ना बोलेl

Chapter 3. सुनना

जब आप पहली बार listening शब्द सुनते हैं तो आपके मन में क्या आता है? शायद आप सोचते होंगे कि, इसका मतलब सुनना होता है, लेकिन नहीं listening और hearing दोनों अलग-अलग शब्द है। Listening का मतलब होता है किसी भी चीज को सुनना, समझना और फिर उसके ऊपर अपना reaction देनाl वहीं पर दुसरे शब्द hearing का मतलब होता है सिर्फ किसी चीज को सुनना और जो मन में आए reaction दे देना। इन दोनों ही शब्द का मतलब अलग अलग होता है।

जब आप किसी से बात कर रहे हैं, उनकी बातें सुन रहे, हैं तो आप उसे hearing बोलेंगे, जहां पर आप अपनी बात बोल रहे हैं और सामने वाले की बात भी सुन रहे है। जब public speaking करते हैं या फिर आप एक audience के तौर पर एक public speaker के सामने बैठते हैं तब आप listening करते हैं, मतलब हर छोटे-छोटे शब्द को हर छोटी-छोटी चीज को अपने दिमाग में रखते हैं, उसको समझने की कोशिश करते हैं और उसके बाद अपना reaction देते हैं।

The Art of Public Speaking Hindi

अच्छा speaker बनने के लिए सबसे पहले अच्छे listener बनें। Research में पता चला है कि जो हम सुनते हैं उसका सिर्फ 50 percent ही याद रख पाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि हम अक्सर सुनने से पहले अपनी बात रखना चाहते हैं जिसकी वजह से हमारा दिमाग दो दिशाओं में बँट जाता है और किसी भी एक चीज पर 100% ध्यान नहीं लगा पाते।

इसलिए एक अच्छा public speaker बनने के लिए यह बहुत जरूरी है कि अपनी audience की बात अच्छे से समझे, इसलिए जब कभी भी आपकी audience आपसे कुछ बोले तो आपको बिल्कुल चुप हो जाना है, ताकि आप उनकी बात को अच्छी तरीके से समझ पाए। न की सिर्फ अपनी बात बोलते रहे और उनकी बात भी ना समझ पाए या फिर आप अगर एक audience के रूप में जा रहे हैं तो अपने public speaker की बात को पहले सुने उसके बाद अपनी बात कहें ताकि आप दोनों ही एक दुसरे को अच्छे से समझ सके।

Chapter 4. Speech देने का पहला तरीका

एक public speaker के लिए उसकी पहली speech बहुत critical होती है। जब आप अपनी पहली speech देने जा रहे हो तो audience से एक public speaker बनने जा रहे हैं और आपको अभी बिल्कुल भी experience नहीं है। इसलिए यहां पर Author ने कुछ तरीके बताएं हैं इन्हें आपको अपनी पहली speech के लिए अपनाएं:

Audience से बात चित करना

अपनी audience से बात करें, क्योंकि अगर आप जाते ही अपने topic के साथ शुरू हो जाएंगे तो किसी को भी मजा नहीं आएगा और कोई भी आपकी speech में interest नहीं लेगा। शुरुआत के 2 या 3 मिनट audience से बात करने और उनसे उनके हाल-चाल पूछने से और उनसे उनके यहां आने का purpose पूछने से, उन्हें आपका behaviour पसंद आएगा और वह आपके शब्दों को ध्यान से सुनना और समझना चाहेंगे।

Topic पर focus करना

अपनी audience से बात करने के बाद:

  • Topic पर पूरा focus करेंl
  • धीरे-धीरे लोगों को अपने topic के बारे में बताएंl
  • लेकिन जितना ज़रूरी हो उतना audience को बताएं।

अगर आप का topic science से जुड़ा है और आपने लोगों को daily life के science से कुछ ज्यादा ही deep science के बारे में बता दिया, तो लोग आपकी बातों में interest नहीं लेंगे और उनका interest उसी वक्त आपकी speech में से खत्म हो जाएगा। लोगों को अपनी बातों से जोड़े रखें। अपनी बातों में आम बोलचाल के formal शब्दों का इस्तेमाल करें, heavy शब्दों का इस्तेमाल न करें ताकि हर कोई उसे समझ पाए और audience आपके साथ जुडी रहें।

अपनी speech को organize करें

The Art of Public Speaking Book

अपनी speech को पूरी तरह plan करके बोले। Planning करना इसलिए जरूरी है ताकि इस बारे में clear रहें कि कौन सी बात पहले बोलने से audience पर अच्छा impact पड़ेगा और कौन सी बाद में। सबसे पहले introduction से शुरू करें, उसके बाद धीरे-धीरे अपने topic की main body पर जाएँ।

Main body में अपने topic के हर जरूरी हिस्से को cover करने की कोशिश करें और उसके बाद आपको आखरी में conclude करते समय अपने topic के advantages और disadvantages बताते हुए, उसको पूरा करें, इस तरीके से आपकी speech पूरी तरह organize रहेगी और लोगों को सुनने में भी मजा आएगा।

Chapter 5. Topic का चयन करना

अपनी speech के लिए कोई भी topic select करते समय ध्यान रखें, या तो वो topic आपको अच्छे से आना चाहिए या तो वह topic सभी के लिए नया होना चाहिए। जैसे, अगर आपको electric गाड़ियों के बारे में बहुत अच्छे से पता है। उनको बनाने से लेकर market में उतारने, खरीदने तक सब कुछ मालूम है तो आप public को उसके बारे में बहुत अच्छे से बता सकते हैं। या फिर जैसे cryptocurrency topic कई लोगों के लिए नया है और सभी इस topic के बारे में जानना चाहते हैं।

तो इसके बारे में details निकालें, समझें और public को बताएं, इससे वो सुनना चाहेंगे, क्योंकि यह बहुत नया topic है और उसको हर कोई जानना चाहता है। अगर आप किसी topic के बारे में बहुत ज्यादा नही जानते है audience थोड़ी experienced है,  तो आप सिर्फ उसका overview ही cover करेंl इससे balance बना रहेंगाl

Chapter 6. Audience को analyze करें

Speech देने से पहले आपको यह समझना होगा की आपकी audience कौन है और वो क्या चाहती है। अगर आपके audience में ऐसे लोग बैठे हैं जो married life से खुश नहीं है और खुशहाल married life को enjoy करना चाहते हैं तो ऐसा होने के reasons, इसका influence और इसे ठीक करने के तरीके पर बात करने से वो आपके साथ connected फील करेंगे। हो सके हो इससे जुड़ा अपना कोई personal experience भी उनके साथ share करें।

अपनी audience का interest पता करने के लिए सबसे पहले उनसे बात करें, उनसे पूछें कि, वो कहा से है? यहाँ आने का purpose क्या है? इस तरह थोड़ी बातें करने से आपको पता लग जायगा कि, वो कैसी mentality रखते है और सच में क्या सुनना चाहते हैं।

Chapter 7. अपने ideas और speech को support करें

आपने अपनी speech तैयार करने के साथ ही अपनी speech के साथ कुछ supporting चीज़ो का इस्तमाल करने से trust बनता है और लोग अच्छे से बातों का मतलब समझ पाते हैं। Supporting material का मतलब हर वो चीज़, जो speech और भी ज़्यादा अच्छा बनाये।

जैसे मान लीजिए आपका topic electric गाड़ियां है, अब वैसे तो इसके बारे में बहुत लोगों को पता होगा लेकिन अगर आप electric गाड़ी की कोई तस्वीर ले जाएं या फिर अपने laptop में इससे जुड़ा कोई presentation बनाकर ले जाएं ताकि लोग इसको और अच्छे से समझ सके तो आपकी speech में और भी ज्यादा speech लेंगे और चीजें अच्छे से समझ आएंगी। इसी के साथ speech के दौरान अपनी audience से कुछ सवाल पूछते रहें, उनका जवाब दें या फिर audience में से ही किसी को जवाब देने के लिए कहें।

Physical examples का इस्तेमाल करें

अब आप अपनी audience से बात करके पता लगाएं कि, response कैसा है, क्या वो speech के प्रति positive approach रख रहे है या फिर negative approach अगर उनका response अच्छा है तो उनमे से कुछ लोगो को stage पर बुलाकर मज़ाकिया तरीके से अपनी speech से related कोई छोटा सा task करने को कहेंl इससे audience को अच्छा feel होता है और speaker की बातों से वो अच्छी तरह relate कर पाते हैं।

कोई story या incident बताएं

आइये इसके लिए एक example लेते हैं, मान लें आप का topic Indian culture से जुड़ा है तो इसे समझाने के लिए अपना कोई पुराना किस्सा share कर सकते हैं या उससे related कोई कहानी सुना सकते हैं जिससे audience के मन में ज्यादा सुनने की दिलचस्पी जागेगी।

Numerical data का इस्तेमाल करें

Data से हमें कुछ ही पलों में चीज़ों की समझ हो जाती है और trust बनने लगता है,इसलिए अपनी बातों को verbally बताने के साथ साथ support के लिए data भी show करते रहें। सिर्फ verbally सुनने से लोगों को कुछ ही समय तक वह बात याद रहती है जबकि data जैसे graph या diagram से ज्यादा clear समझ आती है।

Motivational quotes का इस्तेमाल करें

Speech में समय समय पर कुछ motivational quotes डालने से audience motivated रहती है और बिना bore हुए, दोबारा speaker की बातों पर ध्यान देने लगती है।

Chapter 8. Speech की body को organize करें

इस point में आप जानेंगे कि कैसे अपनी speech को अच्छे से organize कर सकते है, ताकि लोगो को starting से लेकर ending तक अपनी बात समझा सकें। अगर आप कभी भी कोई भी बात अपनी speech में बोल देंगे तो कोई भी आपकी बात को नहीं समझ पायेगा इसलिए अपनी speech को organize करना बहुत ज़रूरी है। अब यहाँ पर कुछ points है जिनके ज़रिए आप अपनी स्पीच को organize कर सकते है:

हल्की बातचीत और परिचय के साथ शुरू करें

अपनी speech को start करते समय सबसे पहले अपनी audience से बात करें और पता लगाएं कि, वो कैसा feel कर रहे हैं और वह इस speech के topic को लेकर कैसा सोचते हैं। उसके बाद अपने topic का सबसे छोटा part और जो सबसे पहले आना चाहिए उसको थोड़ा थोड़ा बताना शुरू करें।

बताते समय हमें audience से भी कुछ सवाल पूछना है ताकि शुरुआत से ही उनके अंदर topic को लेकर दिलचस्पी आ जाए। ध्यान रखें कि शुरुआत में ही बहुत ज्यादा गहराई में ना जाए सिर्फ थोड़ी थोड़ी बातें करें और audience से interact करके connection बनायें।

Spatial order को follow करें

अपनी speechमें छोटा सा परिचय देने के बाद अब अपनी speechके main body पर आना है जहां पर अपने topic के बारे में गहराई तक जाना है। इसके लिए spatial order तरीके को follow करें।

इस order का मतलब है एक sequence को follow करते हुए facts को बताएं। उदाहरण के लिए, आप किसी चीज की अच्छाई करते हुए आ रहे हैं तो आगे भी उसकी अच्छाई के बारे में ही बात करें, फिर उसकी कमियों के बारे में और उसके बाद उन कमियों को ठीक करने के तरीके के बारे में।

मुख्य points को अलग रखें

Speech में जितने भी जरूरी points हों और जिनके base पर पूरी speech तैयार होगी, उन को अलग रखना है और अपने examples को अलग रखना है। अगर आप दोनों को एक साथ मिला देंगे तो audience नहीं समझ पाएगी कि क्या ज्यादा जरूरी है और क्या नहीं, उन्हें किस पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए और किस पर कम। इसलिए अपने जरूरी points को दूसरे example से अलग रखें ऐसा करने से आप effectively अपनी बात रख पाएंगे।

Chapter 9. Speech की शुरुआत और अंत

हालाँकि अब तक आप समझ चुके हैं कि हमें अपनी speech की शुरुआत हल्के फुल्के परिचय से करनी है।

The Art of Public Speaking Summary

अब यहां पर कुछ additional तरीके बताये गए हैं जो speech की शुरुआत और ending को attractive बनाने में useful साबित हो सकते हैं। तो इसके लिए इन तरीकों को अपनाएं:

Audience के साथ topic को जोड़ें

For this, please give them a little introduction about your topic, then ask them some questions. After getting the answer, ask other questions from the audience by saying some things related to their talk so that they understand what today’s topic is about. It is about to happen, and the audience should be mentally prepared for it.

इसके लिए अपने topic के बारे में उनको थोड़ा परिचय दें फिर उनसे कुछ सवाल पूछें और जवाब मिलने के बाद उनकी बातों से related कुछ बातें कहकर audience में से किसी और से अगला सवाल पूछें, ताकि वह यह समझ जाएँ कि आज का topic किस बारे में होने वाला है और audience इसके लिए mentally prepare हो जाएँ।

Quotation के साथ शुरू करें

परिचय के बाद सबसे पहले किसी famous line या famous quotation के साथ अपनी बात को शुरू करना है जिससे लोग motivated feel करें और speech में दिलचस्पी लेने लगें।

Story बताएं

बचपन से ही हमें कहानी सुनना पसंद है, story से सीखी गयी बात direct हमारे subconscious mind में चली जाती है। इसलिए परिचय देने के बाद और एक motivated line कहने के बाद अब audience को speech से related कोई incident या कहानी सुनाएं।

Audio equipment या visual aids का इस्तेमाल करें

अब अपनी audience को कहानी सुनाने के बाद अब हम अपनी speech की main body पर आ चुके हैं जहां अपनी speech के बारे में बता रहे हैं। इस दौरान अपनी बातों को सिर्फ बोलकर समझाने की बजाय उससे जुड़े photos या videos दिखाए।

अपनी speech को summarize करें

अब आप अपनी आधे से ज्यादा speech को खत्म कर चुके हैं और अब अब आपको ending की तरफ बढ़ना है इसलिए अब आप अपनी speech को धीरे धीरे कम करना शुरू करें और audience से और ज्यादा सवाल पूछना शुरू करें। ताकि उनको समझ आ जाए कि आप speech खत्म होने वाली है और उसी हिसाब से आपको जवाब भी दे पाए। ऐसा करने से आप अपने speech के end को भी enjoyable बना सकते हैं।

Quotation और good luck के साथ ख़त्म करें

आप अपनी speech को खत्म करने के बाद आपको शुरुआत की तरह दोबारा एक motivated quotation देना है ताकि लोग जाते समय भी motivated feel करें और उनको good luck wish करें ताकि वह आपके लिए अपने मन में एक अच्छी image लेकर जाएं और अगली बार दोबारा आपकी speech में आने के लिए तैयार रहे।

Chapter 10. Speech outlining

अभी तक हमने देखा कि audience के सामने speech को कैसे बोलेंगे। अब आप जानने वाले हैं जब आप अपने लिए speech लिख रहे हों तो किन किन बातों का ध्यान रखना है। और हम speech कैसे लिख सकते हैं ताकि उसमें कोई गलती ना हो और वह एक exciting speech बन पाए। एक अच्छी speech लिखने के लिए यहां पर कुछ points दिए गए हैं:

तैयारी का outline

जब कोई speaker stage पर जाकर बोलते हैं तो वह सिर्फ एक paper पर ऐसे ही नहीं लिखी होती उसके बारे में सब लिखा होता है, कि कब कौन सी line बोलनी हैं, क्या परिचय है, क्या main body है और क्या ending है। कब किस चीज का example देना है कब audience से कौन सा सवाल पूछना है और कहां पर दोबारा बोलना है। इसी process को हम preparation outline बोलते है।

The Art of Public Speaking English

अब देखते है की आप outline preparation कैसे कर सकते है।

अपनी speech के specific purpose के बारे में clear रहें

इसके लिए आपको यह ध्यान रखना है कि, अपनी speech के सबसे जरूरी points यानि main body में क्या देना है या फिर इसको एक और तरीके से समझ सकते हैं कि हमें अपने speech का title क्या रखना है।

हमारी speech किस चीज पर होने वाली है हमें वह लिखना है, जैसे अगर speech किसी देश के ऊपर है तो सबसे पहले उस देश का नाम लिखना है और online या जितने भी resources आपके पास है वह सब कुछ निकालना है। यह हमारे पहले step का हिस्सा है जहां पर हमें यह decide करना है कि speech का क्या title होगा और speech इस topic पर होगी।

Introduction, body, और conclusion को पहचान लें

अब अपनी स्पीच का title decide करने के बाद आपको देखना है कि speech के हमें परिचय में कौन सा हिस्सा डालना हैl Body में कौन सा हिस्सा डालना है और speech को खत्म करते हुए कौन सा हिस्सा डालना है। क्योंकि अगर यह अच्छे से decide नहीं करेंगे की हमें कब क्या बोलना है तो हमारी पूरी speech आगे पीछे हो सकती है और audience को कुछ भी समझ नहीं आएगा। Audience के बीच में दिलचस्पी बनाकर रखने के लिए हर चीज को एक सही समय पर बोलना होगा ताकि वह उसे समझ सके।

Symbol का इस्तेमाल करें

पूरी speech में एक flow को बनाये रखें, ऐसा ना हो कि आप पहले कुछ और बोल रहे हैं और बाद में कुछ और बोलने लग जाए जिसकी वजह से हमारी बात हमसे ही गलत हो जा और audience दिलचस्पी छोड़ दे। इसके लिए आपको ध्यान रखना है कि अगर किसी चीज की अच्छाई बताते हुए आ रहे हैं, तो अभी भी हमें उसकी अच्छाई ही बतानी है अगर उसके बारे में कुछ गलत है तो पहले अच्छाई वाला पूरा करना है उसके बाद हमें उसके बारे में कुछ गलत बोले।

ताकि audience को समझ पाए कि पहले अच्छाई थी और अभी गलत। दोनों को एक में ही मिला देने से उनको बिल्कुल भी समझ नहीं आएगा कि आप क्या कहना चाह रहे हैं और वह दिलचस्पी लेना छोड़ देंगे।

Chapter 11. भाषा का smartly इस्तेमाल करें

आप speech में जो language इस्तेमाल करें वह clear और audience से connected होनी चाहिए। भाषा का यहां पर मतलब है आप किस tone में बात कर रहे हैं। ध्यान रखें, कहीं आपकी बात सामने वाले को गलत तो नहीं लग जा रही या फिर आप जो चीज कहना चाह रहे हैं, वहा लिखा तो सही है लेकिन अच्छे से बोल नहीं पा रहे।

अपनी पूरी speech के दौरान बहुत ही आराम आराम से बोले, अब आराम से बोलने का मतलब धीरे बोलना नहीं हैl हो सकता है topic में कोई ऐसी चीज है जो आपको पसंद ना हो, पर आप उसके खिलाफ बोलते बोलते negative बोल सकते हैं जिसकी वजह से कुछ लोग आपसे नाराज हो सकते है। इसलिए आपको वही बोलना है जो आपने लिखा है या फिर जो fact है।

Realistic बातों से अगर की किसी को hurt हो सकता है तो अपनी बातें इस तरह रखें ताकि audience को बुरा भी न लगे और बात का मतलब भी समझ जाएँ।

Chapter 12. Delivery बात को लोगो तक पहुँचाना

अब तक आपने समझ लिया है कि आपको अपनी speech कैसे लिखनी है? Speech में क्या-क्या चीजें जरूर होनी चाहिए हैं? किस भाषा का इस्तेमाल करना है? अपनी audience को कैसे जोड़ के रखना है, यानि लगातार ऐसा क्या बोले ताकि हमारी audience speech में दिलचस्पी लेती रहे।

अब हम देखते हैं speech बोलते समय सबसे जरूरी चीज है – बातों को audience तक पहुँचाना l यानि कोई भी चीज बोलने या बताने का तरीका। आप खुद ही सोचिए आज तक जितने भी public speakers को देखा है क्या आपने कभी देखा है कि वह सुस्त होकर में कोई बात बोल रहे होl वह जो भी बोलते हैं जोश और पूरे होश में बोलते है। इससे उनकी बातों का influence और विश्वास बढ़ने लगता है।

अपनी बातों को पहुँचाने के लिए इन तरीकों को अपनाएं:

आपका वेष-भूषा

Personal appearance यानि कोई भी इंसान किस तरीके से आपके सामने आता हैl आप सोच कर देखिए, अगर आप speech के लिए सिर्फ shorts और t-shirt पहन के stage पर जा रहे हैं तो क्या सामने वाला इंसान आपको serious लेगा या फिर वह आपकी बात पर विश्वास करेगा? नहीं, क्योंकि आप उसके सामने उस तरीके से appear नहीं हुए जिस तरीके से वह चाहता था।

यानि जब कभी भी एक public speaker के बारे में सोचते हैं तो सूट बूट पहना एक सज्जन इंसान हमारे दिमाग में आता है। तो आप भी हमेशा वही सज्जन इंसान बनकर अपनी speech के लिए जाएँ। या atleast formal कपड़े पहनेl

इशारे – Speech के दौरान speaker के हाथ और कन्धों की Movement

Suit पहन कर तैयार तो होने से पहली चीज सही हो गई है, अब दूसरी skill पर ध्यान देने के लिए अपने body posture और हाथों के action का ख्याल रखें। Speech के हिसाब से अपने body movement को बदलते रहें। जैसे सिर्फ एक chair पर बैठकर motivational speech देने की बजाय motivational speech को खड़े होकर, लोगों के साथ मिलकर अपने पूरे हाथ खोल कर, उनसे कुछ सवाल पूछ कर, उसके कुछ जवाब देकर, अपनी speech बोलेंगे तो audience को दिलचस्पी आएगीl वे आपकी बात समझ पाएंगे और विश्वास कर पाएंगे।

The Art of Public Speaking

आखों में देखना

तीसरी सबसे ज्यादा जरूरी चीज है आंखों का connection। आप speech देते समय कहां देख रहे हैं यह आपके audience पर effect डालने में important role अदा करता है। ध्यान दें, कहीं किसी दीवार, पंखे या किसी दुसरे public speaker को तो नहीं देख रहे। अगर ऐसा देख रहे हैं तो यह nervesness को show करता है।

यह दिखाता है कि आपके अंदर confidence की कमी है। इससे audience आपकी बात पर विश्वास नहीं कर पायेगी और आपकी speech में दिलचस्पी नहीं लेंगे। इसलिए हमेशा speech देते समय अपनी audience की आंखों में देखें इससे confidence show होता है जो audience के बीच हमारे विश्वाश और दिलचस्पी को बढ़ाता है।

निष्कर्ष

तो दोस्तों, इस summary में आपने public speaking की art को सीखा, जिससे confidentely अपनी बात दूसरो तक पंहुचा सकते हैं। आइए, अब सीखे हुए lessons को एकबार दोहरा लेते हैं ताकि इन lessons को याद रखना आसान हो जाये:

  • अपनी audience के interest को ध्यान में रखते हुए speech तैयार करने और इसके लिए अपनी audience से time to time feedback लेते रहें।
  • एक public speaker होने के नाते आपका फर्ज है कि लोगों को सही चीजें बताएं।
  • अच्छा speaker बनने के लिए अच्छा सबसे पहले अच्छे listener बनें।
  • लोगों को अपनी बातों से जोड़े रखें। अपनी बातों में आम बोलचाल के formal शब्दों का इस्तेमाल करें।
  • अपनी speech को पूरी तरह plan करके बोले। Planning करना इसलिए जरूरी है ताकि इस बारे में clear रहें कि कौन सी बात पहले बोलने से audience पर अच्छा impact पड़ेगा और कौन सी बाद में।
  • अपनी speech के लिए कोई भी topic select करते समय ध्यान रखें, या तो वो topic आपको अच्छे से आना चाहिए या तो वह topic सभी के लिए नया होना चाहिए।
  • आपने अपनी speech तैयार करने के साथ ही अपनी speech के साथ कुछ supporting चीज़ो का इस्तमाल करने से trust बनता है और लोग अच्छे से बातों का मतलब समझ पाते हैं। इसलिए examples, story, data या motivational qoute के जरिये अपनी speech को support करते रहें।
  • हल्की बातचीत और परिचय के साथ शुरू करें।
  • Audience के साथ topic को जोड़ें।
  • परिचय के बाद सबसे पहले किसी famous line या famous quotation के साथ अपनी बात को शुरू करना है जिससे लोग motivated feel करें और speech में दिलचस्पी लेने लगें।
  • अपनी speech के specific purpose के बारे में clear रहेंl
  • Introduction, body, और conclusion को label दें। ताकि audience को यह clear रहे की कब introduction बताया जा रहा है, कब main बात और कब ending हो रही है।
  • अपनी बातों को अच्छी तरह समझाने के लिए symbol का इस्तेमाल करें।
  • अपनी बातों को पहुँचाने को बेहतर बनाने के लिए physical appearance, इशारों का ख्याल रखे और audience से eye contact बनाकर बात करें।

The Art Of Public Speaking किताब की समीक्षा

Dale Carnegie द्वारा लिखित “The Art of Public Speaking” प्रभावी communication पर एक timeless कृति (masterpiece) है।

वर्षों के अनुभव से ली गई Carnegie की insights, महत्वाकांक्षी orators के लिए अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करती है। किताब में आत्मविश्वास-निर्माण, audience की सहभागिता और persuasive तकनीकों जैसे विषयों को शामिल किया गया है, जिससे इसे अपने public में बोलने के skill में सुधार करने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति के लिए अवश्य पढ़ना चाहिए।

किताब आत्म-आश्वासन और eloquence को बढ़ावा देने, तैयारी, अभ्यास और सहानुभूति के महत्व पर जोर देती है।

हालांकि शैली में थोड़ा पुराना है, किताब के principles आज की presentations और भाषणों की दुनिया में प्रासंगिक (relevant) बने हुए हैं। संक्षिप्त शब्दों में, इसे public speaking की कला में महारत हासिल करने वालों के लिए एक आवश्यक resource के रूप में describe किया जा सकता है।

धन्यवाद्l

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