The Laws Of Human Nature

The Laws Of Human Nature (हिन्दी)

Robert Greene द्वारा लिखित "The Laws of Human Nature" human behavior का एक मनोरम exploration है, जो हमारे कार्यों और interactions को आकार देने वाली छिपी हुई शक्तियों को प्रकट करता है। यह किताब स्वयं को और दूसरों को समझने के लिए एक ज्ञानवर्धक मार्गदर्शिका है, और यह readers को गहरे संबंध बनाने और व्यक्तिगत विकास प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाती है। अभी पढ़े और मजबूती से आगे बढे।

क्या आप भी कभी-कभी दूसरों के व्यवहार से आहत होते है? आप चकित होते है और कारणों की खोज करते है। कारण कभी-कभी दिखाई नहीं देते हैं और हमे भ्रम और हताशा की ओर ले जाते हैं।

क्या आप उपरोक्त स्थिति में रहे हैं? यदि आप कभी इसमें थे, तो कारणों की तलाश यहीं समाप्त होती है!

परिचय

आज हम बात करेंगे किताब जिसका नाम है “The Laws Of Human Nature”, जिसे Robert Greene ने लिखा है।

इस किताब में आप 18 जीवन को बदलने वाली नियमों को जानेंगे जो मानव प्रकृति (human nature) को समझने में आपकी मदद करेंगे, कि लोग जैसा करते हैं वैसा क्यों करते हैं और कैसे सतर्क (cautious) रहते हैं।

इससे हमें यह भी पता चलेगा कि कैसा बर्ताव किया जाए और क्या कदम उठाया जाए। दूसरे शब्दों में, हम इसे बहुत ही प्रेरणादायक (inspirational) और आनंद से भरा पाएंगे। यह कहना भी सही होगा कि इस किताब की यह summary सभी लोगों के लिए है।

Robert Greene 5 अंतरराष्ट्रीय (international) best-seller किताबों के लेखक हैं। The 48 Laws Of Power उनकी पहली किताब थी जिसकी उनके writing career में एक अहम भूमिका थी। Greene को अपनी इस किताब की वजह से बहुत से विवादों का सामना करना पड़ा। The 48 Laws Of Power की बेहतरीन summary हम पहले ही अपने site पर publish कर चुके है।

तो चलिए फिर, मानव प्रकृति के 18 नियमों को विस्तार से समझते हैं।

1. तर्कहीनता (irrationality) का नियम

पहला कानून, फैसला लेने के हमारे भावनात्मक लगाव (emotional attachment) को बताता है। दुनिया को तर्क (logic) के lens से देखने के बदले, हमारा ध्यान खींचने वाली परेशानी की बेचैनी दिखाने के लिए, हम भावनाओं की तरफ झुकते हैं। दुर्भाग्‍य से यह ऐसी चीज़ है, जो विरासत में नहीं मिलती है। मानसिकता (mindset) को ही ऐसा बनाया जा सकता है जिससे सबसे ज्यादा असर पाया जा सके।

आप इस बात से अंजान है कि आपकी भावनाएं आप पर कितनी गहराई से हावी होती है। तर्क में इसके असर को कम करने की क्षमता है, प्रतिक्रिया (react) करने के बजाय सोचने की, जो असल में हो रहा है, उसके लिए दिमाग को खोलने की, बिल्कुल उससे उल्टा, जैसा आप महसूस करते है। ये सहज रूप में (naturally) नहीं आता है, यह वो शक्ति है जो हमें बढ़ानी पड़ती है।

तर्क के रास्ते पर चलना शुरू करने के लिए तीन कदम है:

चरण एक

पूर्वाग्रहों को पहचानें (recognize the biases)

कुछ ऐसी चीजें हैं जिनका आपको पता होना चाहिए: पुष्टि पूर्वाग्रह (confirmation bias), दृढ़ विश्वास पूर्वाग्रह (conviction bias), उपस्थिति पूर्वाग्रह (appearance bias), समूह पूर्वाग्रह (group bias), दोष पूर्वाग्रह (blame bias), और श्रेष्ठता पूर्वाग्रह (superiority bias)।

चरण दो

भड़काने वाले (inflaming) कारकों से सावधान रहें:

  • बचपन के trigger points: बचकानी जल्दबाजी और character actions से बाहर देखो।
  • अचानक आने वाले फ़ायदे और नुकसान: नीराशावाद या आशावाद के साथ इनका मुकाबला करें; हम luck के role को कम आंकते हैं।
  • बढ़ता हुआ दबाव (pressure): लोग दबाव में आकर अलग तरह से काम करते हैं।
  • उत्तेजीत करने वाले लोग: जो लोग आप में बहुत ज्यादा भावनाओं को जगाते हैं उनसे दूर रहे।
  • Group का असर: बड़े groups से सावधान रहें और अपने खुद के बारे में सोचने की शक्ति को दबा कर रखें।

चरण तीन

तर्कसंगत स्व (rational self) को बाहर लाने की रणनीतियाँ:

  • खुद को ठीक से समझे
  • अपनी भावनाओं की जड़ तक जांच करे, जहां से वो शुरू हुए हैं वहा तक झांक कर देखें।
  • अपना प्रतिक्रिया समय (reaction time) बढ़ाए, खुद को पीछे हटने के लिए तैयार करें।
  • लोगों को वैसे समझे जैसे वो है, भावनात्मक बिंदु (point) से बचे।
  • सोच और भावनाओं का संतुलन बनाएं, संदेह और जिज्ञासा के बीच संतुलन बनाए।
  • तर्क से प्यार करे, खुद को ऐसे तैयार करने से शांति और स्पष्टता (clarity) मिलेगी।

2. अहंकार (narcissism) का नियम

ये तो मानना पड़ेगा कि हम सब आत्ममुग्ध (self-obsessed) तो है, कम से कम कुछ हद तक। अपना plan बताते हुए लोगों की रुकावट को कम करने के लिए आप खुद की तारीफ करने की कोशिश करते हैं।

The Laws Of Human Nature

ऐसे लोगों पर भी ध्यान रखे जो पहले हमला बोल देते हैं और आपको अपने नाटक में खींचते हैं, ऐसे लोगों के छुपे हुए इरादों से सावधान रहें।

आत्ममुग्ध (narcissist) spectrum – हमें अपने खुद के स्वभाव के लिए सच्चा होना चाहिए और उसे नकारना नहीं चाहिए। हम सब आत्ममुग्ध हैं। हमें अपनी सहानुभूति खुद बनानी पड़ेगी और उसके लिए हमें 4 कौशलें (skills) बढ़ाने पड़ेंगे:

  1. सहानुभूतिपूर्ण (empathetic) रवैया: आप शुरूआत कर सकते हैं ये सोचकर की आप कुछ नहीं जानते हैं। दूसरे लोगों के नज़रिए को जानने के लिए उत्सुक रहना सीखे।
  2. अंतरंग सहानुभूति (visceral empathy): Moods पर ध्यान दे, जो body language और आवाज के tone से चलते हैं। लोगों की तरह (mirroring people) बर्ताव करने से भी सहानुभूति मिल सकती है।
  3. विश्लेषणात्मक (analytic) सहानुभूति: जिन लोगों को आप समझना चाह रहे हैं उनके शुरूआती दिनों के बारे में जानकारी जमा करें और उनके मां-बाप और भाई-बहन से रिश्तों के बारे में जानें।
  4. सहानुभूतिपूर्ण कौशल: इस कौशल के लिए एक बात याद रखनी है, जितनी तेज़ी से आप लोगों से मिलेंगे, उतना ही आप बेहतर होंगे, और जितने तरह के लोगों से आप मिलेंगे, आपका कौशल उतना है बहुमुखी (versatile) बनेगा

3. भूमिका निभाने का नियम

आपको यह बताने के लिए किसी की भी जरूरत नहीं है कि लोग हर अवसर पर अलग नकाब पहनते हैं। हालांकि, वो अक्सर अपने असली इरादों को अपने चेहरे की अभिव्यक्ति (facial expression), शरीर मुद्रा (body posture), घबराहट इशारों (nervous gesture) जैसी चीज़ों से दिखाते हैं।

इन असुरक्षा (insecurities) का पता लगाने के लिए आपको उनसे एक कदम आगे रहना पड़ेगा।

छाप प्रबंधन (impression management) की कला:

  • आत्म-विश्वास बढ़ाए, मुस्कुराए, और जिन लोगों से आप मिलते हैं उनकी तरह बने।
  • सीखे की खुद को सही emotional mood में कैसे डालना है।
  • खुद को लोगों के style और taste के मुताबिक ढले।
  • अपनी first appearance पर ज्यादा ध्यान दे।
  • अपने दिखावे का पता चलने ना दे।
  • खुद को प्रगतिशील, सहनशील और खुले दिमाग वाला दिखाए।

4. बाध्यकारी व्यवहार (compulsive behaviour) का नियम

असल में लोगों के किरदार को समझना मुश्किल है। इसको अगर सही से समझेंगे, तो लोग अपनी पूरी जिंदगी एक ही राग अलापते रहेंगे। आपको इसे अपने दिमाग में सहन करना पड़ेगा और ऐसे लोगों से लगाव बढ़ाना पड़ेगा जो ताकत और साहस दिखाते है।

अपने negative pattern से सावधान रहने से आप बुरे लोगों से दूर रहेंगे। अगर आप इसका पालन करेंगे तो ये नियम आपको बेहतर बनाएगा।

लोगों को जोड़ने और उनके साथ काम करने के लिए चुनते वक्त, उनकी प्रतिष्ठा (reputation) या जो image वो दिखाना चाहते है उससे मोहित ना हो। बल्कि, खुद को उनकी गहराई तक देखने के लिए train करे और उनका चरित्र देखे।

उनकी मुसीबत से निपटने, लोगों के साथ काम करने, उनके धैर्य (patience) और सीखने की क्षमता को समझे। मजबूत चरित्र का एक आदमी सोने की तरह है- दुर्लभ (rare) पर अमूल्य। वो खुद को अनुकूल बनाते हैं, सीखते हैं और खुद को बेहतर बनाते हैं।

5. लोभ (covetousness) का नियम

ये अजीब है पर सच है। ये दिखाता है कि इंसान अपने हाथ से फिसलती हुई चीज़ को पाने के लिए क्यों झुकता है। आप इस गति (momentum) को अपने आस-पास एक रहस्यमयी आभा (mysterious aura) बनाने और उस स्थिति का फायदा ले सकते हैं।

यह एक role model बनने और इज्जत पाने का एक बेहतर तरीका है। लोग अनजानी चीज़ों को जानना बेहद पसंद करते हैं और इन नियमों से खेलने से आपको फायदा मिल सकता है।

The Laws Of Human Nature Book

हाजरी और गैरहाजरी का हम पर गहरा असर पड़ता है। बहुत ज्यादा हाजिर होना घुटन बनता है, और थोड़ी गैरहाजरी हमारी रुचि को बढ़ाता है। हम हमेशा उसे पाने की कोशिश करते हैं, जो हमारे पास नहीं है।

अपने आस-पास थोड़ा रहस्य बनाएं, रणनीतिक अनुपस्थिति (strategic absence) का इस्तेमाल करें, ताकी लोग आपकी वापसी चाहे और आप जैसा बनना चाहे। लोगों को दिखाए की वो जिंदगी में क्या खो रहे हैं, और उन्हें क्या करना है, और वो उस चाहत से दीवाने हो जाएंगे।

6. अदूरदर्शिता (shortsightedness) का नियम

कुछ लोगों के लिए long-term बनाए रखना बहुत ज्यादा हो जाता है। वो हाल ही की प्रवृत्तियों (trends), राय (opinions) से आकर्षित होते हैं। ये लोग जो अपने नाक के आगे नहीं देख पाते हैं, अक्सर अदूरदर्शिता वर्ग (category) में आते हैं। ऐसे लोगों से दूर रहे और ऐसे लोगों के साथ रहे जिनके लक्ष्य दीर्घकालिक (long term) हो।

ये आपके स्वभाव में है कि आप सबसे ज्यादा अपने वर्तमान में, सुनी और देखी हुई चीज़ों से प्रभावित होते हैं – latest खबरों, आस-पास के लोग के राय और कार्यों से, जो सबसे ज्यादा नाटकीय होते हैं। लोगों को उनके नज़रिए से परखना सीखे, ऐसे लोगों से बचे जो अपने कार्य के परिणाम ना देख सके। वो आपको इस ऊर्जा से प्रभावित कर देंगे।

अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों से कभी नज़र न हटायें। एक अच्छे नजरिए से आप में हर उद्देश्य (purpose) तक पहुंचने का धैर्य और स्पष्टता होगी।

अदूरदर्शिता के चार signs और उससे बाहर निकलने की रणनीतियां:

  1. अनायास नतीजे (Unintended consequences) : हर group या team में, कम से कम एक आदमी को किसी भी रणनीति के हर संभावित नतीजे (possible consequences) को संभालने का incharge बनाएं, कोशिश करें किसी विवेकपूर्ण (prudent) दिमाग वाले इंसान को।
  2. सामरिक नरक (Tactic hell) : आप खुद को बहुत से संघर्ष या लड़ाइयों में उलझा पाएंगे। आपने अपने दीर्घकालिक vision को खो दिया है, जिसके लिए आप असल में लड़ रहे हैं। उसकी जगह, ये आपके अहंकार को बढ़ावा देने और खुद को सही साबित करने का सवाल बन गया है। एक ही समाधान है कि, इन लड़ाइयों से निकल जाना, खासकर की अगर यह अक्सर होती है। अपने कार्य से जीतों नाकी अपने शब्दों से। अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों के बारे में फिर से सोचना शुरू करें। अपनी जिंदगी में values और प्राथमिकताओं (priorities) कि एक सीढ़ी बनाए, खुद को यह याद दिलते हुए कि आपके लिए असल में क्या मायने रखता है।
  3. Ticker tape fever : जब हम किसी तरह की परेशानी या रुकावट का सामना करते हैं, तो हमें चीज़ों को धीमा करने और कदम पीछे लेने की कोशिश करनी चाहिए, कदम बढ़ाने से पहले एक या दो दिन का इंतजार करें। और इन परेशानी का सामना करते वक्त हमें ये साफ तौर पर पता होना चाहिए कि हमारा दीर्घकालिक लक्ष्य क्या है और उन्हें कैसे पाना है।
  4. Lost in trivia: आप अपने काम के मुश्किल होने से परेशान हो जाते है। आप सबसे ऊपर होना चाहते हैं ताकि आप चीजों को बेहतर तरीके से काबू कर सकें, पर आप जानकारी में डूब रहे हैं। आपको mental filtering system की जरूरत है जो प्राथमिकताएं और दीर्घकालिक लक्ष्यों पर आधारित हो। आखिर में आपको क्या पाना है ये पता होना, आपकी बेकार में से जरूरत की चीजें निकालने में आपकी मदद करेगा।

7. रक्षात्मकता (defensiveness) का नियम

The Laws Of Human Nature Summary

ये कहने की जरूरत नहीं है कि वक्त के साथ लोग defensive हो गए हैं और जब कोई बदलाव की बात करता है तो वो भड़क जाते हैं। अगर आप उनकी रुकावट को कम करना चाहते हैं तो आपको उन्हें, उनके नजरिए को बदलने के लिए उकसाना होगा, बिना उनको नाराज़ किए।

अगर आपको तेज़ी से अपने लक्ष्यों को पाना है तो आपको रचनात्मक (creative) बनना होगा। अपने अच्छे इरादों को समझाएं और उन्हें महसूस कराएं कि वो अपने राय और pattern के काबू में हैं।

जिंदगी मुश्किल और लोग प्रतिस्पर्धी (competitive) है। हमें अपनी रुचियों का ध्यान रखना चाहिए। हम यह भी महसूस करना चाहते हैं कि हम आज़ाद हैं और अपना काम खुद करते हैं। इसलिए जब लोग हमें बदलना चाहते हैं तो हम defensive और प्रतिरोधी (resistant) हो जाते हैं।

इसलिए लोगों को उनकी defensive position से हटाने के लिए आपको यह दिखाना होगा, कि वो जो कर रहे हैं अपनी मर्जी से कर रहे हैं। लोगों पर उनकी मान्यताओं के लिए कभी हमला ना बोले और उनकी समझदारी और अच्छाई के लिए उन्हें असुरक्षित (insecure) महसूस ना कराएं। अपने जिद्दी (stubborn) स्वभाव को काबू करना सीखें और अपने दिमाग को defensive और closed position से आज़ाद करना होगा, ताकि आपकी रचनात्मक शक्ति जागरुक हो सके।

8. आत्म-तोड़फोड़ (self-sabotage) का नियम

जैसा आप महसूस करते हैं वैसा ही दिखाते हैं। खुद को पूरी तरह नकारात्मकता और डर तक सीमित करके, जिन भी लोगों के साथ आप कुछ भी share करते हैं वो आपकी आदत को भाप लेंगे। ऐसा रवैया (attitude) आपकी सफलता के मौकों को कम करेगा। सुनने मे ये थोड़ा घिसा-पिटा (cliché) लगेगा, पर सकारात्मक रवैया ही आपके और सफ़लता के बीच खड़ा है।

ऐसे मानसिकता को बढ़ाना ही आपको हर चीज़ में से श्रेष्ठ पाने में मदद कर सकता है, और वहां भी आप अवसर ढूंढ सकते हैं जहां लोगों को जाल (trap) दिखता है।

हम सबका दुनिया को देखने, चीजों को समझने और आस-पास के लोगों के कार्य को समझने का एक अलग नजरिया है। ये हमारा रवैया है और इसी की वजह से हमारी जिंदगी में हमारे साथ सब कुछ होता है। अगर हमारा रवैया डरने वाला है तो हम हर चीज़ में नकारात्मकता ही देखते हैं। हम खुद को मौके (chance) लेने से रोकते हैं। हम गलतियों के लिए दूसरे को जिम्मेदार बताते हैं और उनसे सीखते नहीं हैं।

हम अपना career और रिश्ते खराब कर देते हैं अंजाने में ऐसे हालात बनाकर जिससे हम सबसे ज्यादा डरते हैं। हालांकि, इंसान का स्वभाव लचीला (malleable) है। अपने रवैये को थोड़ा और सकारात्मक, खुला और लोगों को झेलने वाला बनाकर, हम अलग ही दुनिया में पहुंच सकते हैं। हम नए अवसर बना सकते हैं और लोगों को अपने तरफ़ आकर्षित कर सकते हैं।

9. दमन (repression) का नियम

लोग वैसे नहीं है जैसा वो दिखाते है। अपने दिल के अंधेरे को छुपाने की कोशिश करना, उनके स्वभाव में है। कुल मिलाकर (overall) अज्ञानता (ignorance) को समझने से पहले, किसी को भी पहले अपनी dark side को देख लेना चाहिए।

अपनी इस पेचिदा (enigmatic) side को समझ लेने से, आप एक point पर पहुंचते हैं जहां आप एक observer बन सकते हैं। इस कार्य का लोगों को आप तक लाने में बहुत बड़ा role है।

ये dark side आपके बर्ताव में झलकती है और आपको नुकसान पहुंचाती है। परछाई के इशारों को समझना सीखें, इससे पहले कि वो जहरिले बन जाए। Dark side को अपनी व्यक्तित्व (personality) में मिलाकर आप पूरे इंसान बनेंगे।

10. ईर्ष्या (envy) का नियम

आज का समाज, पद (position), status और उपलब्धि (achievement) के लिए संघर्ष करने का साथ देता है। हालांकि, ये जिद्दीपन को बढ़ाता है, जो जलन का कारण बन सकता है।

कुछ लोग सिर्फ दूसरे की सफलता की नकल करने की उम्मीद करते हैं, पर सब नहीं। खुद की दूसरों से तुलना सिर्फ आपकी ही value को कम करती है और समाज में आपकी पद (position) को खतरे में डालती है। याद रहे, कार्य, शब्दों से ज्यादा तेज़ बोलते हैं।

The Laws Of Human Nature Hindi

हम इंसान दूसरे से खुद की तुलना जरूर करते हैं। हम लगातार, लोगों के status को नापते हैं, जितनी इज्जत और ध्यान उनको मिलता है और यह notice करते हैं कि हमारे पास जो है और जो उनके पास है, उसमें क्या फर्क है। हम में से कुछ के लिए, यह अपने काम के जरिए, बेहतर बनने का इशारा होता है।

बाकियों के लिए, यह गहरी जलन का कारण बन सकता है और यह भावनाएं बहुत नुकसान पहुंचा सकती है। खुद से ध्यान हटाकर, जलन को खत्म करना सीखे। अपनी worth को बढ़ाए नाकि तुलना करे।

11. भव्यता (grandiosity) का नियम

हर तरह से इंसानों में, बहुत सी चीज़ों के बारे में सोचने की आदत होती है। इसमें हमारी सफलता का लालच भी आता है, जो ऊंचे सामाजिक status से जुड़ा हुआ है। अक्सर यह ख्याल बहुत बड़ा आकार ले लेते है, जो असली सच्चाई से बहुत दूर होता है।

हम बेहतर बनने की कोशिश में, असलियत खो देते हैं, जिसकी वजह से हम बिना तर्क के फैसले लेते हैं और सिर्फ कल्पना तक सीमित रहते हैं। सफलता के लिए आपका रवैया, आपका योगदान और दूसरे लोगों की जिंदगी में आप जो value लाते है, उसके अनुरुप होना चाहिए।

अक्सर हमारी छोटी सी सफलता हमारी बड़े होने की सोच को खतरनाक स्तर (level) तक बढ़ा देती है। हम किस्मत की भूमिका और दूसरे लोगों का योगदान भूल गए हैं। सच्चाई से दूर होकर हम बिना तर्क के फैसले करते हैं इसलिए, हमारी सफलता अक्सर बनी नहीं रहती है।

हमें खुद में से, ये दूसरों से बड़े होने की सोच को, कम करना होगा और हमारी सीमाओं के अंदर की असलियत को बनाए रखना होगा। महान होने की भावनाओं को अपने काम, उपलब्धियां और समाज के योगदान से जोड़कर रखें।

12. लिंग कठोरता (gender rigidity) का नियम

सच में, औरत और आदमियों को जादुई छड़ी घुमा कर काबू करने जितना आसान नहीं है। आपको खुद पर काम करना होगा और यह समझना होगा कि ये आपकी सोच पर कैसा असर डालता है और आपको दिन प्रति दिन की मतभेद में, मजबूत और अनुमानित बनाता है।

औरत और आदमियों की इस ऊर्जा के निशानों को मिटाकर आप दुनिया के सामने अपना प्रमाणित (authentic) version रखते हैं। आसान शब्दों में, gender role play करने के लालच से बचकर, आप सफलता तक जल्दी पहुंच सकते है।

हम सब में औरत और आदमियों की खासियतें होती हैं- कुछ आनुवांशिक (genetic) होती हैं, और कुछ दूसरे लिंग (gender) के माता-पिता से आती हैं। पर समाज में एक पहचान पाने के लिए, हम इन खासियतों को बदलते रहते हैं, औरत और आदमी कि भूमिका को पहचानकर, जो हमसे उम्मीद की जाती है और हम इसकी कीमत चुकाते हैं।

हम अपने चरित्र को खो देते हैं। आपको इन खोई हुई खासियतों का पता होना चाहिए और उनसे फिर से जुड़ना चाहिए, ताकि रचनात्मक शक्तियां बन सके।

13. लक्ष्यहीनता (aimlessness) का नियम

इस digital age में, कभी-कभी लोगों को अस्थाई निराशाओं और असफलताओं से निपटने के लिए, खुद से आगे बढ़ना पड़ता है। लगातार हार मिलना, दिशा भटक जाने का ही कारण नहीं होता है, पर ज्यादातर यही होता है। लघु अवधि (short term) मानसिकता से हम डर का सामना करते हैं, जो दीर्घकालिक में हमें परेशान कर सकता है।

इसलिए, बिना लक्ष्य का खेल, बहुत खतरनाक हो सकता है। भविष्य का नजरिया और उसकी कल्पना, इस बिना मकसद के sense से लड़ने का सबसे श्रेष्ठ तरीका है।

हम इंसानों को अपने सचेत (conscious) फैसले पर निर्भर रहना पड़ता है। जब जिंदगी में career path और अपनी असफलताओं को संभालने की बात आती है, तो हम जो भी श्रेष्ठ कर सकते हैं वो करते हैं। पर हमारे दिमाग में हम दिशा की कमी होने का एहसास महसूस कर सकते हैं।

इससे बचने का बेहतरीन तरीका यह है कि sense of purpose को बढ़ाना, और इस जानकारी को दिशा देने के लिए इस्तेमाल करना। यहां तक ​​की हमारी शंका (doubt), और असफलताओं का भी एक उद्देश्य (purpose) होता है, हमें मजबूत करना। इस ऊर्जा और दिशा के साथ, हमारे कार्य को कमाल की ताकत मिलती है।

14. अनुरूपता (conformity) का नियम

लोग खुद का आत्मविश्वासी (confident) और आत्मनिर्भर (self sufficient) होने का प्रभाव देना चाहते हैं। बुराई के डर से, भीड़ की नकल करते हैं। इस group मानसिकता से हम जितना दूर हटना चाहते हैं, उतना ही हमारी जिंदगी में वापसी का, कोई बिंदु (point) नहीं बचता। ऐसा करने में हम अपनी विशिष्टता (uniqueness) खो देते हैं और बुरा महसूस करते हैं।

हमारे चरित्र की एक side होती है जिससे हम अंजान होते हैं, वो इंसान जो हम लोगों के groups के बीच बन जाते हैं। इस group setting में हम अनजाने में, लोग जो भी करते हैं या कहते हैं उसकी नकल करने लगते हैं। हम अलग सोचते और अलग भावनाओं को महसूस करते हैं।

हम ज्यादा जोखिम लेते हैं, क्योंकि सभी ऐसा कर रहे हैं। हमारी सामाजिक शख्सियत (social personality), हम जो हैं उसे हावी (dominate) करती है। दूसरों को इतना सुनने से हम धीरे-धीरे अपने अलगपन और खुद के बारे में सोचने की शक्ति को खोने लगते हैं। इसका हल है कि आत्म-जागरूकता (self awareness) को बढ़ाए। इस समाज के साथ हम बेहतरीन social actors बन सकते हैं, जो दूसरों के साथ fit और corporate कर सकता है, साथ ही अपनी आजादी और तर्क को बनाए रख सकता है।

15. चंचलता (fickleness) का नियम

जब आप एक नेता की भूमिका निभाते हैं तो कठोर इलाज के लिए खुद को तैयार रखें। हर एक गलती जो आप करेंगे, वो दूसरे किसी के लिए एक मौका होगा, आगे बढ़ कर आपका ताज़ छीन लेने का। इसका हाल यह है कि अपने जमीन से जुड़े रहे और इन हमलों का सामना करे।

इस प्रक्रिया में, आपके अधिकार (authority) पर सवाल किए जाएंगे, और आपका status पूछ- ताछ का विषय बन जाएगा। इस बड़ी ताकत को संभालने वाले को लोगों की मदद करनी चाहिए खुद को एक सही नेता दिखाने के लिए। अनुभवी नेता इस कला का अभ्यास करते हैं क्योंकि वो इसके side effects जानते हैं।

हालांकि, नेतृत्व का style वक्त के साथ बदल गया है। एक चीज़ वही है, सत्ता में रहने वालों के लिए लोग हमेशा महात्वकांशी (ambitious) रहते हैं। वो नेतृत्व करना चाहते हैं पर आज़ाद भी महसूस करना चाहते है, बिना बलिदान दिए वो सुरक्षित रहना और सफलता का मज़ा लेना चाहते हैं।

जब आप एक group के नेता होते हैं तो लोग आपको लगातार उस पल उकसाते हैं, जब आप कमजोर महसूस कर रहे होते हैं। यह न सोचे की उनकी वफादारी पाने के लिए आपको क्या करने की जरूरत है, क्योंकि इसका मतलब है उनके बराबर या उनका दोस्त होना। लोग आपकी क्षमता पर शक करेंगे, अपने इरादों के लिए रहस्यमई बने और छुपी हुई निंदा से जवाब दें। अगर आपको नेतृत्व करना है तो इस कला की महारत हासिल करें। एक बार अपने लोगों का भरोसा पा लिए तो वो आपके साथ खड़े रहेंगे चाहे हालात कितने भी बुरे क्यों ना हो।

16. आक्रामकता (aggression) का नियम

दुनिया को आपकी ऊर्जा की जरूरत है, लोग हर मुमकिन कोशिश करते हैं आपको बेहतर बनाने की। वो अलग-अलग लोगों को आगे बढ़ाने और उनके बड़े होने का दावा करके, अपनी लालसाओं को पूरा करने की कोशिश करते हैं। ऐसे group के साथ deal करने के लिए expertise की जरूरत होती है।

अगर आप इन आक्रामक moves के observer बने रहे, तो आप तब भी खड़े रह पाएंगे, जब चीज़ें आपके हाथ से निकलने लगती है। आक्रामक ऊर्जा बुरी नहीं है। अगर आप इसे काबू कर सकते हैं तो, अस्थायी (temporary) असफलताओं के बावजूद ये आपको बांधे और दृढ़ निश्चयी (determined) रखती है।

आपके आस-पास के लोग ऊपर से बहुत ही सभ्य और सुशील लगते हैं, पर इस नकाब के नीचे वो बेहद चिड़चिड़ाहट (frustrations) का सामना कर रहे हैं। आपको लोगों की असंतुष्ट आक्रामक (aggressive) इच्छाओं को देखना चाहिए। वो आपको भावनात्मक, आक्रामक और सोचने न देने पर निर्भर करते हैं, उनको यह ताकत ना दे।

जब बात आपके आक्रामक ऊर्जा की आए, तो आप इसे काबू करना और उत्पादक उद्देश्यों (productive purposes) के लिए इस्तेमाल करना सीखे, खुद के लिए खड़ा होना, परेशानियों पर हमला बोलना, और बड़ी महत्वाकांक्षाओं (ambitions) को पहचानना।

17. Generational myopia का नियम

Generation gap कोई झूठ नहीं है, क्योंकि हर नई पीढ़ी अपनी अलग values और agenda बनाती है। वो अपने सदस्यों का बर्ताव बनाती है और उसे दुनिया पर एक ताकतवर प्रभाव डालने के लिए लगाती है। दिक्कत यह है कि फिर से हम इसे अपनी सहजता की कीमत पर कर रहे हैं। हम रचनात्मक (creative) के मामले में खुद को रोक रहे हैं, बिना इन अवधारणाओं (concepts) पर शक किए।

आप जिस पीढ़ी में पैदा हुए हैं वो आपकी कल्पना से ज्यादा बताती है कि आप क्या है। आपकी पीढ़ी खुद को पिछली पीढ़ी से अलग करना चाहती है और दुनिया के लिए एक नई धुन बनना चाहती है। आपका काम है ये समझने कि आप कौन है और आप दुनिया को कैसे देखते हैं। आप वो बन सकते हैं, जो वो नए trends set करेगा जिसकी आपकी पीढ़ी को भूख है।

18. Death denial का नियम

The Laws Of Human Nature Robert Greene

मौत हमसब पर हस्ती है और ये सच है। इसके होने की अप्रत्याशितता (unpredictability) का पता होना सच में एक दमदार tool है जिसे आप पा सकते हैं। ये आपका एक sense of urgency बनाने में मदद करता है, जिससे आपके daily के कामों को fuel मिलता है। अपने दिमाग को इसी तरीके से सोचने के लिए, train करना भी परिणाम जल्दी पाने का एक बेहतरीन तरीका है।

हम में से ज्यादातर लोग, मौत के ख्याल को अनदेखा कर के जिंदगी जीते हैं। बल्कि, इसका ख्याल हमेशा हमारे दिमाग में होना चाहिए। ज़िंदगी की कमी का एहसास हमें हमारी sense of purpose से भर देता है और लक्ष्यों की तात्कालिकता (urgency) का एहसास कराता है।

इससे हमें sense of proportion भी मिलती है, कि इस छोटी जिंदगी में क्या असल में मायने रखता है। बहुत से लोग लगातार खुद को दूसरे से अलग करने की कोशिश करते हैं, जबकि हम सबको एक जैसा समझ कर देखना चाहिए कैसे ये हम सबको बराबर करके जोड़ती है।

निष्कर्ष

“The Laws Of Human Nature” से प्रमुख सीखें (lessons):

  • छोटी-सोच से लड़े, जब कोई चीज़ गहराई तक आपके दिल में बसी हो तो अपनी मनसिकता shift करना आसान नहीं होता है।
  • जो, लोगों ने आपको सिखाया है, उसके बावजूद, धक्का देने और प्रभावित करने वालों को उंगलियों पर गिना जा सकता है। आपको अपनी राय रखने से पहले, दूसरे की राय की इज्जत करनी चाहिए। ऐसा न दिखाये कि आप सब जानते हैं।
  • हालांकि हम खुद को बेकार की tips मानने से रोकते हैं, पर ये पूरी तरह से merit पर आधारित है। आप अपनी bearing को जाने बिना अपनी मंजिल तक कैसे पहुंच सकते हैं? ये एक सीधी सी प्रक्रिया है जो आपको विश्वास के साथ आगे बढ़ने और अनुमानित खतरों का सामना करने के लिए प्रेरित करता है।

The Laws Of Human Nature किताब की समीक्षा

Robert Greene द्वारा लिखित “The Laws of Human Nature” human behavior का एक मनोरम exploration है, जो हमारे कार्यों और interactionsको आकार देने वाली छिपी हुई शक्तियों को प्रकट करता है।

Greene मानव प्रकृति की जटिलताओं (complexities) को दूर करने के लिए ऐतिहासिक उदाहरणों, मनोवैज्ञानिक अंतर्दृष्टि और व्यावहारिक सलाह को जोड़ते है।

Social dynamics, power struggles और मानव मनोविज्ञान की पेचीदगियों का उनका सावधानीपूर्वक विश्लेषण रिश्तों को navigate करने, प्रेरणाओं को समझने और आत्म-जागरूकता को बढ़ाने के बारे में मूल्यवान सबक प्रदान करता है।

समृद्ध कहानी और विचारोत्तेजक (thought-provoking) anecdotes के साथ, Greene मानव व्यवहार को नियंत्रित करने वाले कानूनों में महारत हासिल करने के लिए एक compelling case प्रस्तुत करते है।

यह किताब स्वयं को और दूसरों को समझने के लिए एक ज्ञानवर्धक मार्गदर्शिका है, और यह readers को गहरे संबंध बनाने और व्यक्तिगत विकास प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाती है।

धन्यवाद।

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