The Psychology of Money

The Psychology of Money (हिन्दी)

Morgan Housel की "The Psychology of Money" एक ऐसी किताब है जो आपको सिखाती है कि पैसे के साथ कैसे काम किया जाए ताकि इसे आकर्षित करना आसान हो जाए। यदि कोई इस वस्तु के पीछे के मनोविज्ञान (psychology) को समझ ले तो बहुत सारा धन आकर्षित कर सकता है। पैसा दुर्लभ नहीं है बल्कि केवल उन्हीं के लिए उपलब्ध है जो पैसे के खेल के नियमों को जानते हैं। इस पुस्तक को अभी पढ़ें और पैसे के मनोविज्ञान (psychology) को सीखें और abundance को आकर्षित करें।

कई बार हम ये सोचते हैं, कि कुछ लोग बहुत ज्यादा पैसा होने पर भी, हमेशा एक mediocre जीवन ही जीते रहते हैं और कैसे कुछ लोग, कम income होते हुए भी, long term में करोड़पति बन जाते हैं। आप चाहे माने या न माने, इस समय पैसे को लेकर जो आप फैसला ले रहे होंगे, वो आपके आने वाले कुछ सालों के financial status पर असर डालेगा।

तो क्यों ना अभी से पैसे के मनोविज्ञान (psychology) को समझा जाए और जल्दी से जल्दी फायदा लिया जाए। इसलिए आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसी ही किताब के बारे में जिसका नाम है “The Psychology of Money” जिसे Morgan Housel ने लिखा है।

ये किताब personal finance को human behavior के lens से परखती है। ये कई विषय पर एक ताजा नजरिया देती है, जैसे की बहुत सी personal finance की किताब focus करती है, ऐसी चीज पर जैसे stock market कैसे काम करता है, कैसे stocks select करें जाएं या एक portfolio बनाएं जाए, आदि।

Housel, लोगों और पैसा के बीच की relationship पर focus करते हैं। इस पर पकड़ बनाने के लिए, कि क्यों लोग खुद को कर्ज के बोझ तले दबाते हैं, आपको ब्याज दर जानने की जरूरत नहीं है। आपको, लालच को, सुरक्षा (असुरक्षा) को और सकारात्मकता (optimism) को पढने की जरूरत है।

यहाँ इस summary को क्यों पढ़ें?

मुझे कहना होगा, इस तरह के एक व्यावहारिक सवाल पूछने के लिए आपको बधाई। एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो किताबों को पूरी तरह से पसंद करता है, मुझे उन्हें अच्छी तरह से पढ़ना, notes लेना, उनकी शिक्षाओं के साथ प्रयोग करना और फिर उन पाठों को summarize करना पसंद है जो मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं।

यदि आप मेरे YouTube channel – Readers Books Club – से परिचित हैं – तो आपको पता चल जाएगा कि मैं कितनी लगन से किताबों में गोते लगाता हूँ और उनमें से सर्वश्रेष्ठ के अलावा कुछ नहीं निकालता। इसी तरह, मैंने इस किताब को समान स्तर के समर्पण के साथ approach किया है और परिणाम यह summary है जिसे आप अभी में पढ़ रहे हैं।

परिचय

अच्छा पैसा होने का, आपके smart होने से बहुत कम लेना देना है, लेकिन ज्यादा इस बात से लेना देना है कि किस तरह आप व्यवहार (behave) करते हैं। सही चीजों में engage करें और chance हैं कि आप सफल हो जाएंगे। इसी तरह से आप में कितनी भी बुद्धिमत्ता, समझ या अंदर की खबर हो, ये आपको गलत व्यवहार से उपजे परिणाम से नहीं बचा सकता है।

किताब का हर अध्याय (chapter) एक इंसान को पैसे के प्रति व्यवहार और रवैया (attitude) को दर्शाता है। कुछ व्यवहार अच्छे नतीजे की guarantee देते है, जबकि दूसरे व्यवहार विफलता के।

तो चलिए फिर इस किताब के 12 महत्वपूर्ण पाठों को detail में समझते हैं।

पाठ 1: कोई पागल नहीं है

The Psychology of Money

हर एक की एक अलग सोच होती है, कि किस तरह यह दुनिया काम करती है। आपका दुनिया को देखने का नज़रिया, कई हालात, values और बाहरी प्रभावो से, प्रभावित होता है। आपके अपने पैसे के साथ personal experiences का, दुनिया में होने वाली घटनावो से लेना 0.000000001% है, लेकिन 80% इस बात से है, कि आप किस तरह सोचते हैं कि दुनिया कैसे काम करती है।

कोई भी चीज आपके डर और अनिश्चितता की ताकत को, नहीं रोक सकती है, चाहे आप कितना भी पढ़ लें या खुले विचारों वाले हो जाएं। हम सब ये सोचते हैं कि हमें पता है, कि दुनिया कैसे काम करती है। लेकिन हम इसे एक पतले से रेशम के बराबर भी अनुभव नहीं कर पाए हैं। अमेरिका में lottery ticket खरीदने वालों पर गौर करें, कम आय वाले लोग, सलाना 400$ खर्च कर देते हैं।

ये number higher income वाले लोगों को भी चोंका सकता है। इसे पैसे की एक उम्मीद या ख्वाहिश का नाम देकर, कुछ लोग इसको सही ठहरा सकते हैं। बिना खुद को उनकी जगह पर रखे, ये जान पाना मुश्किल है कि वो ऐसा क्यों करते हैं।

पाठ 2: भाग्य और जोखिम

कोशिशों से आपके नतीजे तय होते हैं, लेकिन किस्मत और जोखिम भी इसमें एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। Bill Gates उन चुनिंदा high schools में पढ़े जहां 1968 में computer हुआ करते थे। आगर शिक्षक Bill Dougall की कोशिश नहीं होती, जिन्होंने उस समय एक 3000$ का computer खरीदा, तो इसकी संभावना कम है, कि Bill Gates को वही career में success मिलती। Gates खुद ये चीज मानते हैं कि अगर Lakeside school नहीं होता, तो आज Microsoft भी नहीं होता।

Lakeside में 3 बहुत बहरीन computer students जो आपस में दोस्त भी थे, Bill Gates, Paul Allen और Kent Evans । Kent Evans को भी success मिलना तय था, लेकिन उनकी graduation से पहले ही एक दुर्घटना में मौत हो गई। इसे एक दुर्भाग्य के उदाहरन के तौर पर देखा जा सकता है।

किस्मत और जोखिम लेना, ये दोनो वो वास्तविकता है, जो हर एक की जिंदगी में उसके खुद के प्रयास के अलावा भी, उसके नतीजे पर असर डालती है। ये दोनों चीजें होती हैं, क्योंकि सिर्फ आपके प्रयासों के दम पर ही, आपको 100% नतीजे मिलने के लिए, दुनिया बहुत complex है। किसी ऐसी घटना का जो आपके control में नहीं है, उसका भी आपके ऊपर अच्छा खास प्रभाव पड़ सकता है।


पाठ 3: कभी पर्याप्त नहीं

ये एक कहानी है लेखक Kurt Vonnegut और Joseph Heller की, जो एक अरबपति के party में शामिल होते हैं। Kurt ने कहा कि ये अरबपति एक दिन में उतने पैसे कमा लेता है जितना Heller, अपने लोकप्रिय उपन्यास (novel) से आज तक नहीं कमा पाया है। Heller ने कहा: हां, लेकिन मेरे पास कुछ ऐसा है जो उसके पास कभी नहीं होगा – वो है काफी (enough)।

The Psychology of Money Book

जो आपके पास है उसे खतरों में डालने की कोई वजह नहीं बनती। सबसे मुश्किल financial skill ये है, कि आप अपने goalpost को move ना करने दें। खुद को दूसरे से तुलना करना एक गलती है। Wealth और जलन पैदा करने के लिए, Capitalism अच्छा है। लेकिन सामाजिक तुलना एक ऐसा process है, जो कभी खत्म नहीं होती है: आपको इसे सीढ़ी पर हमेशा आपसे ऊपर कोई मिल ही जाएगा।

काफी होने का मतलब है, आपको ये पता हो, कि किस चीज को avoid किया जाए, जिसके लिए आपको बाद में पछताना न पड़े। कई चिज़े जोखिम लेने के लायक नहीं होती, चाहे उनसे कितना ही फ़ायदा क्यू ना हो। एक छोटी सी list जैसे – प्रतिष्ठा, आजादी, दोस्त, परिवार, प्यार और खुशी। जीतने का सिर्फ एक ही रास्ता है, कि आप उस खेल का हिस्सा ही नहीं बने

पाठ 4: उलझा Compounding

Warren Buffett के पैसो के पीछे एक साधारण सा तथ्य है: वो सिर्फ एक अच्छे निवेशक नहीं हैं, वो लगातार 75 साल तक एक अच्छे निवेशक रहे हैं। इनकी financial success को, एक financial base में बांधा जा सकता है, जो उन्होंने अपने शुरू के सालों में बनाया था, और बाद में उसे लम्बा समय तक बनाया रखा।

Investing उनका skill है, लेकिन उनका secret है “समय”। अच्छी investment हमेशा सबसे ज्यादा returns के बारे में नहीं होती, ये उन अच्छे returns के बारे में है, जिनके साथ आप चिपक कर रहे हैं और लम्बे समय तक में दोहरा सके। और यहां पर compounding अपना जादू दिखाती है।

पैसा प्राप्त करना और पैसा रखना पूरी तरह से अलग चीजें हैं और पूरी तरह से अलग मानसिकता और रणनीतियों की आवश्यकता होती है। धन प्राप्त करने के लिए जोखिम उठाने, आशावादी होने और अपने आप को वहाँ रखने की आवश्यकता होती है। पैसा रखने के लिए इसके विपरीत की आवश्यकता होती है। इसके लिए विनम्रता की आवश्यकता होती है, और यह भय होता है कि आपने जो बनाया है वह आपसे उतनी ही तेजी से छीना जा सकता है।

पाठ 5: अमीर बनना बनाम अमीर बने रहना

पैसा पाना और बनाए रखना, बिल्कुल अलग चीज़ें है और इनके लिए बिल्कुल अलग मानसिकता और रणनीतियां (stretagies) चाहिए। पैसा पाने के लिए, जोखिम लेने की जरूरत होती है, positive बने रहने और खुद को इसमें झोंक देने की। पैसा बनाए रखने के लिए जरूरी होती है, ठीक इसके उलटे की। इसके लिए चाहिए विनम्रता, और ये डर कि जो आपने कमाया है, वो बहुत जल्दी आपके हाथ से निकल भी सकता है।

Michael Moritz जो एक venture capitalist है, कहते हैं, हम ये समझते हैं कि आने वाला कल, बीते हुए कल जैसा नहीं होगा। हम अभी तक के मिले इनाम पर आराम नहीं कर सकते। हम आत्मसंतुष्ट नहीं हो सकते। हम ये मान कर नहीं बैठ सकते, कि बीते हुए कल की सफलता, आने वाले कल की सफलता में तबदील हो जाएगी।

एक survival mind होने के लिए, तीन चीजों की जरूरत होती है:

  1. Financial unbreakable होने का लक्ष्य बनाएं, इतना सक्षम बने की market के उतार-चढ़ाव सहन कर सकें और game में लम्बे समय तक बने रह सकें, ताकि compounding अपना जादू दिखा सके।
  2. Plan करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है, कि कोई भी plan आपके plan के अनुसार नहीं जाएगा। हर योजना में गलती के लिए जगह रहती है। जितना आपको अपने plan को सफल बनाने के लिए, एक खास चीज की जरूरत होगी, उतना कमजोर आपका plan होगा।
  3. आने वाले कल को लेकर आशावादी (optimistic) रहें, पर सफलता के रास्ते में आने वाली बाधावो को लेकर भी सचेत रहें।

पाठ 6: Tails, आप जीत गए

ये एक art collector Heinz Berggruen की कहानी है। उन्होंने Picassos, Braques, Klees और Matisses, की एक अद्भुत संग्रह इकट्ठा     की। लोग उसके कला में निवेश करने की कला से भौचक्के रह जाते हैं। सच्चाई ये थी, कि उन्होंने बहुत ज्यादा संख्या में कला खरीद लिए थे। उनके संग्रह का कुछ हिस्सा ही मूल्यवान था।

Berggruen काई बार गलत भी हो सकता था, फिर भी आखिरी में वो सही निकलता था। कोई भी चीज जो विशाल हो, लाभदायक हो, प्रसिद्ध हो या प्रभावशाली हो, वो एक tail-event का नतीजा होती है – हजारो या लाखो में एक event की तरह।

अब हम एक venture capital model के बारे में बात करेंगे – अगर एक fund 100 investments करता है, तो वो 80% failure का अंदाजा लगा रहे होते है, कुछ percent अच्छा perform करने का और 1-2% अच्छे returns का। अगर stock market में winners और losers के distribution पर विचार करें तो, ज्यादातर public companies fail हो जाती हैं, कुछ ही ठीक ठाक कर पाती है और कुछ होती है, जो बहुत अच्छे results दे जाती है।

जब आप स्वीकार करते हैं कि tail ही business, investment और finance में हर चीज को चलाती है, तो आप ये समझते हैं कि बहुत सारी चीज़े गलत जाएंगी, टूटेगी, fail भी होगी, लेकिन ये बिल्कुल normal है।

पाठ 7: Wealth वह है जो आप नहीं देखते

The Psychology of Money Summary

Wealth वो financial asset है, जो अभी तक किसी object में convert नहीं की गई है। Housel बताते हैं, कि जब लोग कहते हैं कि वो करोड़पति बनना चाहते हैं, इसका असल में मतलब ये है, कि वो एक million dollars खर्च करना चाहते हैं।

एक million dollar खर्च करना, करोड़पति बनने से बिलकुल उल्टा है। Wealth और rich के बीच में अंतर ये है, कि लोग जो बड़े घर में रहते हैं और fancy car चलाते हैं, वो rich है। बड़ी income वाले लोग rich हैं। वो इस चीज को दिखाते है, कि वो rich है। Wealth छुपी हुई होती है। Wealth वो income है, जिसे save किया जाता है, ना कि खर्च।

Wealth का होना है, option का होना, flexibility का होना और growth का होना। Wealth का मतलब है वो खरीदने में सक्षम होना, जिसकी आपको जरूरत है।

पाठ 8: पैसे बचाएं

एक निश्चित income level के बाद, 3 तरह के लोग होते हैं:

  1. एक जो बचाते हैं यानेकि save करते हैं।
  2. दूसरे जो सोचते ही नहीं है, कि वो पैसा बचा सकते हैं।
  3. तीसरे वो जिन्को नहीं लगता, कि उनको पैसा बचाने की जरूरत है।

आपकी saving rate, आपकी आय या investment returns से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। लोग क्या सोचते और महसूस करते हैं, इसके बारे में चिंता न करें। अपने समय के ऊपर नियंत्रण (control) होना और options होना, दुनिया की सबसे मूल्यवान मुद्रा (currency) है।

पाठ 9: उचित > तर्कसंगत और त्रुटि (error) की गुंजाइश

The Psychology of Money Hindi

Financial decisions लेते समय बिल्कुल ठंडा हो कर न रहे। उचित रहने का लक्ष्य रखें। वाजिब होना ज्यादा realistic है और इसके साथ, लम्बे समय तक बने रहने की, जो कि सबसे ज्यादा मायने रखता है। पैसा बनाने के chances, समय के साथ बढ़ते जाते हैं। Scott Sagan जो एक political scientist है, कहते हैं, चीज़ें जो पहले कभी नहीं हुई, वो पुरे समय होती रहती है। याद रखें कि बीते कल की performance आने वाले कल की performance का संकेत नहीं होती है।

Blackjack और poker के players को पता होता है, कि वो संभावनाओं के साथ खेल रहे हैं, निश्चित्तों के साथ नहीं। सबसे बेहतर plan ये है, कि उन चीजों के लिए plan किया जाए, जो आपके plan के हिसाब से नहीं जाती हो। आप इसको गलती के लिए जगह होना भी कह सकते हैं – ये इकलौता तरीका है सुरक्षित रूप से ऐसी दुनिया को दिशा देने का, जो कि अनिश्चितताओं से चलती है, ना कि निश्चितताओं से। ऐसी चिज़ के लिए तैयार होना या उम्मीद करना बहुत मुश्किल है, जिसे आप देख नहीं सकते।

तो आप क्या कर सकते हैं? आप ये कर सकते हैं, कि आप failure के single point को avoid कर लें, failure के impact को minimize कर सकते हैं। असफलता का सबसे बड़ा single point ये होता है, कि आप अपने खर्च और जरूरतों के लिए, सिर्फ एक income के source पर निर्भर रहते हैं, वो भी बिना किसी savings के। बुरे दिनों का fund एक अच्छा idea है – उन चीजों के लिए पैसा बचाएं, जिन्हें आप अनुमान या भविष्यवाणी नहीं कर सकते।

पाठ 10: आप बदल जाएंगे

हम खुद के future self के, एक बहुत बुरे predictor होते हैं। हमारी अभी की जरूरते, चाहते वो नहीं होती है, जो हमारे future self की जरूरते और चाहते  होंगी। Long term के लिए सोच पाना और effectively decision ले पाना, बहुत मुश्किल होता है। क्या सच्चाई को स्वीकार करें, कि एक इंसान बदलाव होने के लिए ही बना है। आज जो आपके लिए मायने रखता है, हो सकता है आने वाले 10 साल में, उसका कोई मतलब ही नहीं रहे।

डूबा हुआ लागत (Sunk cost) – बीते हुए कल के बुरे फैसले को आगे बढ़ाते जाना, जिसकी भरपाई होना अब संभव नहीं है – ऐसी दुनिया में जो लगतार बदल रही है, ये एक शैतान का काम करता है। ये हमारे भविष्य को हमारे अतीत का गुलाम बना देता है। ये उस अजनबी की तरह है, जो आपकी जिंदगी के बड़े फैसले लेता है।

जैसे कि आपने एक business में invest किया और बुरी तरह fail हो गए, अब आप इसे जारी रखने का सोचते हैं, क्योंकि आप बहुत पैसा लगा चुके हो, बिना ये सोचे कि आगे भी चल कर, ये जरूरी नहीं है, कि आप पैसा बना लेंगे। जो चला गया वो डूबा हुआ लागत (Sunk cost) है, जरूरी है, कि हम होने वाले नुकशान से खुद को बचायें।

The Psychology of Money English

पैसों के साथ जुडी कई चीजों के लिए ये जानना है, कि उसकी कीमत क्या है और उसे चुकाने के लिए तैयार रहना। सफल investing एक कीमत मांगती है। लेकिन इसकी currency dollar या cent नहीं होती। ये होती है अस्थिरता, डर, शंका, अनिश्चितता और पछतावा – ये सारी चीजों को अनदेखा करना आसान है, जब तक कि हम असली में इन्हें face नहीं कर लेते।

बहुत कम लोग में ये कहने का स्वभाव होता है, कि ठीक है अगर में अपना 20% पैसा गवा देता भी हूं तब भी मैं ठीक हू। लेकिन अगर आप अस्थिरता को एक fees की तरह देखने लगते हैं, तो चीज़े अलग दिखती है। जब आप long term में invest करते हैं, तो आपको short term में market के उतार-चढ़ाव को स्वीकार करने के लिए भी तैयार रहना पड़ता है।

पाठ 11: निराशावाद का प्रलोभन

Negative सोच, सिर्फ सकारात्मक (positive) सोच से ज्यादा आम नहीं है, ये उससे ज्यादा smart भी लगती है। ये आपको बुद्धिमत्ता के तौर पे बंदी बना लेती है, और हम इस पर सकारात्मकता से ज्यादा ध्यान देते हैं।

अगर आप किसी को ये बताएंगे, कि सब कुछ ठीक हो जाएगा, तो या तो आपसे वो दूर निकल लेंगे या आपको उलझन भरी निगाहों से देखेंगे। किसी को ये बताएं, कि उन पर खतरा है और आपको उनकी पूरी attention मिलेगी। Daniel Kanheman कहते हैं: ये positive और negative expectations और experience के power के बीच की, असामनता का एक evolutionary history है।

Organisms खतरों को अवसरों से ज्यादा जरूरी मान कर काम करते हैं, उनके जीवित रहने और reproduce करने के मौके ज्यादा बनते हैं।

2000 में, जब तेल के मूल्य बढ़े, कुछ खास तरह से तेल निकालना, economically संभव हो सका। आवश्यकता आविष्कार की जननी है, और मानवता अनंत (infinite) रूप से innovative है। लोग बाधाओं और समस्याओं को नए समाधान (solution) के साथ जवाब देते है।

खतरों के साथ, समान परिमाण के समाधान भी आते हैं। Economic history का ये एक common plot है, जिसे अक्सर नकारात्मक विचारक द्वारा भुला दिया जाता है। Progress धीमी होती है, लेकिन झटके और आपदा जल्दी और ज्यादा प्रभावशाली होते हैं। रातों-रात बहुत सारी संधियाँ (treaties) होती हैं।

लेकिन शायद ही कभी रातोंरात चमत्कार होता है। Growth बनती है compounding से, जो कि हमेशा समय लेती है। Destruction होते हैं failure के single point, जो कि कुछ seconds में हो जाते हैं, और confidence loose होना, वो भी एक झटके में हो जाता है।  

पाठ 12: कबूल-नामा (confession)

इस lesson में लेखक कुछ अपने financial behaviour और विश्वास को highlight करते हैं: Housel के financial decision की एक ही drive है, स्वतंत्रता। वो कम खर्च वाली activities में खुशी खोजते हैं, जैसे exercise, reading, podcast और learning। उनके पास कर्ज के पैसे से लिया हुआ घर नहीं है। वो ये मानते हैं, कि हो सकता है, कि ये एक बुरा financial decision हो, पर एक अच्छा money decision है क्योंकि, इसमें कम से कम मन की शांति तो है।

The Psychology of Money Housel

वो अपने 20% assets cash में रखते हैं (जिसमे उनके घर की कीमत शामिल नहीं है)। वो एक safety net बनाने के लिए और emergency में अपने stocks बेचने से बचने के लिए ऐसा करते हैं।

Charlie Munger कहते हैं – Compounding का पहला नियम ये कहता है, कि इसमें बिना वजह के रोक-टोक न किया जाए। Housel अब किसी individual stocks में invest नहीं करते। Housel ने सभी stock market investments, low-cost index funds में कर रखे हैं।

कुछ लोग average market को out-perform कर देते हैं – यह बहुत मुश्किल है, और जो ज्यादातर लोग सोचते हैं, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल। हर investor को वो रणनीति चुननी चाहिए, जिसके लक्ष्य पाने के सबसे ज्यादा chances हों। ज्यादातर investors के लिए, long term में, low cost index fund सबसे ज्यादा return देकर जायेंगे।

धन्यवाद दोस्तो, मुझे उम्मीद है कि ये summary आपको पसंद आई होगी। मुझे उम्मीद है कि आप किताब के सभी पाठों को अपनी जिंदगी में अपना कर अपनी life को और भी बेहतर बना पाएंगे।

The Psychology of Money किताब की समीक्षा (book review)

“The Psychology of Money” में, Morgan Housel insights प्रदान करता है कि लोग पैसे और psychological biases के बारे में कैसे सोचते हैं जो हमारे financial decisions को प्रभावित करते हैं। उनका तर्क है कि सफल investing केवल financial concepts को समझने या सही उपकरणों तक पहुंच के बारे में नहीं है बल्कि हमारी भावनाओं और psychological tendencies को महारत हासिल करने के बारे में भी है।

Housel की लेखन शैली आकर्षक है, और वह अपनी बातों को स्पष्ट करने के लिए anecdotes और वास्तविक जीवन के उदाहरणों का उपयोग करते है। वह impulsive निर्णयों से बचने, long-term perspective विकसित करने और financial सफलता में भाग्य की भूमिका को समझने के महत्व पर चर्चा करते है।

किताब की एक ताकत यह है कि यह अच्छी आदतें विकसित करने के महत्व और निवेश के लिए एक consistent approach पर जोर देती है। Housel का तर्क है कि जो लोग अपने पैसे का प्रबंधन करने में सफल होते हैं, जरूरी नहीं कि उनके पास उच्च IQ या अंदरूनी जानकारी (insider information) तक पहुंच हो। इसके बजाय, वे sound principles और अपने लक्ष्यों की स्पष्ट समझ के आधार पर निवेश करने के लिए एक अनुशासित और धैर्यवान दृष्टिकोण रखते हैं।

कुल मिलाकर, “The Psychology of Money” investing के मनोविज्ञान और बेहतर financial निर्णय लेने के तरीके के बारे में अधिक जानने में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक मूल्यवान संसाधन (resource) है।

सभी Podcast platform पर भी हमारी summary, Kitabein नाम से उपलब्ध है, जिसे हाल ही में भारत का best educational podcast का award भी मिला है। Link ठीक निचे दिया हुआ है:

104 thoughts on “The Psychology of Money by Morgan Housel (हिन्दी)”

  1. मै करिब करिब 6 महिने से youtube से आपको देखता आ रहा हु,और गुगल poadcasts मे सुनता
    मगर जो अभि यहा पढ् रहा हु, इसका अलग हि मजा ले रहा हु, याद भि कर रहा हु, note भि बना रहा हु, और मुझे लग रहा है पढ्ने से ज्यादा सिख रहा हु ना कि देख्ने से या सुनने से। आपका बहुत धन्यवाद सर जो हम जैसे लेबर के तौर पर काम करने वालो को भि एक अलग लेवल पर जाने मे मद्दत कर रहे है ।
    (नेपाल)- हाल- ( साउदी अरेबिया )….।

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